अजमेर. राजस्थान पुलिस में डीजीपी उत्कल साहू शुक्रवार को जोधपुर में पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारियों के सिलसिले में वहां जा रहे थे. इस दौरान वे अजमेर आईजी रेंज कार्यालय भी रुके थे, जहां उन्होंने पुलिस अधिकारियों से शांति और कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की. इसके बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भिवाड़ी में पकड़े गए 6 संदिग्ध आतंकियों के राजस्थान के अन्य जिलों में सम्पर्क सूत्र खंगाले जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने संदिग्ध लोगों की धर पकड़ के लिए राजस्थान पुलिस से सहयोग मांगा था. मामले में दिल्ली पुलिस जांच कर रही है. राजस्थान एटीएस संदिग्ध आतंकियों के मॉड्यूल और उनकी योजना के बारे में जानकारी जुटा रही है. इसके अलावा राजस्थान के अन्य जिलों में उनके संपर्क सूत्र भी खंगाले जा रहे हैं. इस बीच साहू ने साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर कहा कि प्रदेश में साइबर थाने तकनीकी लिहाज से उतने सक्षम नहीं हैं. साइबर थानों में संसाधन धीरे-धीरे जुटाए जा रहे हैं. साइबर फ्रॉड की रोकथाम के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोग जागरूक बनें और ठगों के झांसे में न आएं.
उन्होंने बताया कि शातिर ठग नए-नए तरीके से साइबर फ्रॉड की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. हाल ही में शातिर ठगों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है. इसके तहत वो मोबाइल पर फोन कर धमकाते हुए कहते हैं कि रुपए दो वरना आपको अरेस्ट कर लिया जाएगा. कई लोग इसको सच मान लेते हैं और ठग को पैसे देकर ठगी के शिकार हो रहे हैं. ऐसे ठगों का सुबह से शाम तक लोगों को फोन करने का काम है. इतने लोगों में कोई ना कोई उनके जाल में फंस ही जाता है. प्रदेश में साइबर पुलिस थाने हैं, लेकिन लगातार साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों के मुकाबले थानों में संसाधनों की कमी है.
ठगी के शिकार 1930 पर करें कॉल : उन्होंने कहा कि ठगी शिकार होने के बाद 1930 या साइबर क्राइम पोर्टल पर तुरंत पीड़ित शिकायत करें. अपराधी भले ही विदेश में है और पकड़ा ना जा सके लेकिन तुरंत शिकायत दर्ज होने से फ्रॉड की गई राशि पीड़ित को वापस मिलने की संभावना ज्यादा रहती है. डीजीपी साहू ने कहा कि पुलिस में चल रहे भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए एसीबी बेहतर का काम कर रही है. कई पुलिस अधिकारी और कर्मी पकड़े जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि जो भी भ्रष्टाचार करेगा उसे जेल जाना पड़ेगा.