देहरादून: उत्तराखंड चारधाम 2024 को लेकर सरकार के सारे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे है. सबसे ज्यादा बुरा हाल तो यमुनोत्री धाम का है, जहां भक्तों की भीड़ को काबू करना भी पुलिस-प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है. मंगलवार 14 मई को इन्हीं सब मामलों को लेकर उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने तमाम जिलों के पुलिस प्रभारियों के साथ बैठक की और उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए.
डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि यात्रा शुरू हुए 5 दिन हो गए हैं और इस दौरान जो समस्याएं आईं उनकी समीक्षा की गई है, जिनके समाधान के लिए चर्चा की गई है. पर्यटन विभाग ने यात्रा के लिए पंजीकरण की व्यवस्था की है और अब तक 25 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं.
डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि उन्होंने भीड़ को देखते हुए सभी पुलिस अधीक्षकों को धामों की व्यवस्था और क्षमता के अनुसार ही यात्रियों को यात्रा की अनुमति देने को कहा गया है. यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस को कई जगहों पर ट्रैफिक रोकना पड़ रहा है, ये सब यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया जा रहा है. डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित संपन्न करना उत्तराखंड पुलिस की जिम्मेदारी है.
बता दें कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा दस मई को शुरू हुई थी. इन पांच दिनों में दो लाख से ज्यादा भक्तों ने चारधाम के दर्शन किए. हालांकि इस दौरान पांच श्रद्धालुओं की मौत भी हो चुकी है. सभी श्रद्धालुओं की मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया जा रहा है, जिससे कारण सरकार के हाथ-पैर भी फूले हुए है. सोमवार को चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर खुद सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विभागिय अधिकारियों के साथ बैठक की थी और उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए थे. ताकी चारधाम और यात्रा मार्ग पर भक्तों को सभी तरह की मेडिकल सुविधा मिल सके.
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