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देवास में महिलाएं, लकड़ियां, डंडों से पीटती हैं मर्दों को, घायल पुरुष फिर भी नहीं जाते अस्पताल - dewas tradition of beating man - DEWAS TRADITION OF BEATING MAN

शक्ति की आराधना के साथ पुरुषों के सहर्ष मार खाने की परम्परा देख आप हैरान रह जाएंगे. वर्षभर पत्नियों पर गुस्सा करने वाले पुरुष एक दिन यहां पत्नियों के हाथ जमकर मार खाते हैं. लहूलुहान भी हो जाएं तो परंपरा के मुताबिक इलाज के लिए नहीं जाते.

dewas tradition of beating man
माता की आराधना के साथ यहां डंडों से होती है पुरुषों की पिटाई
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 13, 2024, 2:32 PM IST

Updated : Apr 13, 2024, 6:33 PM IST

माता की आराधना के साथ यहां डंडों से होती है पुरुषों की पिटाई

Dewas Devi Pooja: जिले के आदिवासी क्षेत्र की ये परंपरा अनोखी है. ग्राम परसपीपली में आदिवासी परम्परा अनुसार माता के विसर्जन के साथ गुड़ तोड़ने की परम्परा है. गुड़ तोड़ने के साथ-साथ यहां पुरुषों की डंडों से जमकर पिटाई की जाती है. ग्रामीणों द्वारा लगभग 15 फीट ऊंचे खम्बे पर लाल कपड़े में गुड़ व नारियल बांधा जाता है. महिलाएं गणगौर माता की प्रतिमाओं को अपने सिर पर रखकर पहले गांव में घूमती हैं. इस दौरान गांव के दुधमुंहे बच्चों को माताजी के सामने जमीन पर लिटाया जाता है. उन्हें लांघ कर निकलने से बच्चे को बीमारी और बुरी आत्माओं से बचाने की परंपरा भी यहां देखने मिलती है.

पुरुषों की टोलियों पर डंडे बरसाती हैं महिलाएं

इसी दौरान महिलाएं इमली, बेशरम की लकड़ी सहित अन्य प्रकार के पौधों की लकड़ियां लेकर तैयार रहती हैं. जबकि गांव के पुरुष अलग-अलग मार्ग से ढोल पर नाचते कूदते आते हैं. पुरषों की टोली खम्बे पर टंगे गुड़ को निकालने का प्रयास करते हैं और तभी महिलाएं लकड़ियों व डंडों से उनकी पिटाई करती हैं. इस दौरान कई लोगों को चोटें भी आती हैं लेकिन परम्परा के उत्साह में पुरुष मार को सहर्ष स्वीकारते हैं और डॉक्टर के पास तक नहीं जाते.

पिटाई के पीछे अनोखी मान्यता

इस पूरे आयोजन में 5 बार अलग-अलग दिशा से पुरुष टोलियों में आते हैं. आखिर में खम्बा ही उखाड़ कर ले जाते हैं. इसके बाद महिलाएं गांव की नदी में जवारों का विसर्जन करती हैं.
परम्परा अनुसार नवरात्रि में माता की आराधना के साथ घर की महिलाएं प्रतीक स्वरूप में पुरषों को पीटकर सालभर का गुस्सा निकाल लेती हैं. इसके लिए उन्हें एक दिन की रानी कहा जाता है. पति भी उत्साह के साथ क्षमा मांगते हुए पिटाई खा लेते हैं.

माता की आराधना के साथ यहां डंडों से होती है पुरुषों की पिटाई

Dewas Devi Pooja: जिले के आदिवासी क्षेत्र की ये परंपरा अनोखी है. ग्राम परसपीपली में आदिवासी परम्परा अनुसार माता के विसर्जन के साथ गुड़ तोड़ने की परम्परा है. गुड़ तोड़ने के साथ-साथ यहां पुरुषों की डंडों से जमकर पिटाई की जाती है. ग्रामीणों द्वारा लगभग 15 फीट ऊंचे खम्बे पर लाल कपड़े में गुड़ व नारियल बांधा जाता है. महिलाएं गणगौर माता की प्रतिमाओं को अपने सिर पर रखकर पहले गांव में घूमती हैं. इस दौरान गांव के दुधमुंहे बच्चों को माताजी के सामने जमीन पर लिटाया जाता है. उन्हें लांघ कर निकलने से बच्चे को बीमारी और बुरी आत्माओं से बचाने की परंपरा भी यहां देखने मिलती है.

पुरुषों की टोलियों पर डंडे बरसाती हैं महिलाएं

इसी दौरान महिलाएं इमली, बेशरम की लकड़ी सहित अन्य प्रकार के पौधों की लकड़ियां लेकर तैयार रहती हैं. जबकि गांव के पुरुष अलग-अलग मार्ग से ढोल पर नाचते कूदते आते हैं. पुरषों की टोली खम्बे पर टंगे गुड़ को निकालने का प्रयास करते हैं और तभी महिलाएं लकड़ियों व डंडों से उनकी पिटाई करती हैं. इस दौरान कई लोगों को चोटें भी आती हैं लेकिन परम्परा के उत्साह में पुरुष मार को सहर्ष स्वीकारते हैं और डॉक्टर के पास तक नहीं जाते.

पिटाई के पीछे अनोखी मान्यता

इस पूरे आयोजन में 5 बार अलग-अलग दिशा से पुरुष टोलियों में आते हैं. आखिर में खम्बा ही उखाड़ कर ले जाते हैं. इसके बाद महिलाएं गांव की नदी में जवारों का विसर्जन करती हैं.
परम्परा अनुसार नवरात्रि में माता की आराधना के साथ घर की महिलाएं प्रतीक स्वरूप में पुरषों को पीटकर सालभर का गुस्सा निकाल लेती हैं. इसके लिए उन्हें एक दिन की रानी कहा जाता है. पति भी उत्साह के साथ क्षमा मांगते हुए पिटाई खा लेते हैं.

Last Updated : Apr 13, 2024, 6:33 PM IST
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