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किसान की बेटी का किलिमंजारो फतह का मिशन, इंदौर से साउथ अफ्रीका रवाना - Mission to conquer Kilimanjaro

Mission to conquer Kilimanjaro : कहते हैं कि यदि मन में कुछ करने की इच्छाशक्ति हो तो उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है. देवास की सोनिका जाट ने माउंटेनिंग के कई कोर्स पूरे किए और अब किलिमंजारो फतह करने के लिए निकल पड़ी हैं.

Mission to conquer Kilimanjaro
किसान की बेटी का किलिमंजारो फतह का मिशन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 12, 2024, 9:58 PM IST

देवास। उम्र भले ही कम हो लेकिन हौसले आसमान छूने वाले. किसान की बेटी सोनिका जाट 18 साल की उम्र में साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतह करने के लिए निकल पड़ी है. सोनिका रविवार रात अपने इस नए मिशन के लिए इंदौर से रवाना हो गई. किलिमंजारो अफ्रीका महाद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत है और विश्व का सबसे ऊंचा एकल पर्वत है. इसके साथ ही यह दुनिया के 7 समिट्स का पांचवा सबसे ऊंचा पर्वत भी है.

पिता ने खेत में करवाई प्रैक्टिस

सोनिका के पिता श्याम जाट पेशे से किसान हैं और वे देवास जिले के डबलचौकी के पास एक छोटे से गांव नवादाखेड़ी के रहने वाले हैं. 15 वर्ष की आयु में जब पहली बार सोनिका का चयन एनसीसी में ग्रुप लेवल पर पर्वतारोहण के लिए हुआ तो पिता ने उसे खेत में प्रैक्टिस करवाना शुरू की. वे खेत में उसे भारी वजन के साथ चलाते और अन्य काम करवाते ताकि पहाड़ पर चढ़ने के लिए वह मजबूत बन सके.

कम उम्र में हासिल की बड़ी सफलताएं

एनसीसी अधिकारी कैप्टन नम्रता सावंत ने बताया कि "सोनिका ने एनसीसी ज्वाइन करने के बाद बेसिक माउंटेनिंग कोर्स किया और हिमालय पर्वतारोहण संस्थान दार्जलिंग में सफलतापूर्वक अपना बेसिक माउंटेनिंग कोर्स ए ग्रेड के साथ उत्तीर्ण किया. इस बेसिक माउंटेनिंग कोर्स में सोनिका ने रेनोक पिक सबमिट किया. जिसकी ऊंचाई 16500 फीट थी. इसके बाद सोनिका जाट का चयन फिर से एडवांस माउंटेनिंग कोर्स के लिए हुआ. जिसे उसने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी में ए ग्रेड के साथ पूर्ण किया. इसमें सोनिका ने जो पिक सबमिट किया उसकी ऊंचाई 19000 फीट थी. वहां उसने सफलतापूर्वक ए ग्रेड से इस कोर्स को पूर्ण किया".

उन्होंने बताया कि " बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए कैडेट सोनिका को रिसर्च एंड रेस्क्यू मेथड ऑफिसर कोर्स हाई एल्टीट्यूड के लिए रिकमेंड किया गया. सोनिका का सफर यहीं नहीं थमा इसके पश्चात सोनिका ने डीजी एनसीसी के माध्यम से माउंट थेलु सबमिट किया और इस पिक को भी उसने ए ग्रेड के साथ पूरा किया जिसकी ऊंचाई 26,000 फीट थी".

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रिश्तेदारों और मित्रों से जुटाई राशि

सोनिका के पिता श्याम जाट ने कहा कि "हम खेती किसानी करते हैं और हमारी आय बहुत सीमित है. अभी हमने रिश्तेदारों और अन्य लोगों से मदद लेकर बेटी को देश का नाम रोशन करने के लिए पहुंचाया है. हम मप्र शासन से अपील करते हैं कि वे बेटी को आगे बढ़ने में मदद करें ताकि वह दुनिया में देश का नाम रोशन कर सके."

देवास। उम्र भले ही कम हो लेकिन हौसले आसमान छूने वाले. किसान की बेटी सोनिका जाट 18 साल की उम्र में साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतह करने के लिए निकल पड़ी है. सोनिका रविवार रात अपने इस नए मिशन के लिए इंदौर से रवाना हो गई. किलिमंजारो अफ्रीका महाद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत है और विश्व का सबसे ऊंचा एकल पर्वत है. इसके साथ ही यह दुनिया के 7 समिट्स का पांचवा सबसे ऊंचा पर्वत भी है.

पिता ने खेत में करवाई प्रैक्टिस

सोनिका के पिता श्याम जाट पेशे से किसान हैं और वे देवास जिले के डबलचौकी के पास एक छोटे से गांव नवादाखेड़ी के रहने वाले हैं. 15 वर्ष की आयु में जब पहली बार सोनिका का चयन एनसीसी में ग्रुप लेवल पर पर्वतारोहण के लिए हुआ तो पिता ने उसे खेत में प्रैक्टिस करवाना शुरू की. वे खेत में उसे भारी वजन के साथ चलाते और अन्य काम करवाते ताकि पहाड़ पर चढ़ने के लिए वह मजबूत बन सके.

कम उम्र में हासिल की बड़ी सफलताएं

एनसीसी अधिकारी कैप्टन नम्रता सावंत ने बताया कि "सोनिका ने एनसीसी ज्वाइन करने के बाद बेसिक माउंटेनिंग कोर्स किया और हिमालय पर्वतारोहण संस्थान दार्जलिंग में सफलतापूर्वक अपना बेसिक माउंटेनिंग कोर्स ए ग्रेड के साथ उत्तीर्ण किया. इस बेसिक माउंटेनिंग कोर्स में सोनिका ने रेनोक पिक सबमिट किया. जिसकी ऊंचाई 16500 फीट थी. इसके बाद सोनिका जाट का चयन फिर से एडवांस माउंटेनिंग कोर्स के लिए हुआ. जिसे उसने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी में ए ग्रेड के साथ पूर्ण किया. इसमें सोनिका ने जो पिक सबमिट किया उसकी ऊंचाई 19000 फीट थी. वहां उसने सफलतापूर्वक ए ग्रेड से इस कोर्स को पूर्ण किया".

उन्होंने बताया कि " बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए कैडेट सोनिका को रिसर्च एंड रेस्क्यू मेथड ऑफिसर कोर्स हाई एल्टीट्यूड के लिए रिकमेंड किया गया. सोनिका का सफर यहीं नहीं थमा इसके पश्चात सोनिका ने डीजी एनसीसी के माध्यम से माउंट थेलु सबमिट किया और इस पिक को भी उसने ए ग्रेड के साथ पूरा किया जिसकी ऊंचाई 26,000 फीट थी".

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रिश्तेदारों और मित्रों से जुटाई राशि

सोनिका के पिता श्याम जाट ने कहा कि "हम खेती किसानी करते हैं और हमारी आय बहुत सीमित है. अभी हमने रिश्तेदारों और अन्य लोगों से मदद लेकर बेटी को देश का नाम रोशन करने के लिए पहुंचाया है. हम मप्र शासन से अपील करते हैं कि वे बेटी को आगे बढ़ने में मदद करें ताकि वह दुनिया में देश का नाम रोशन कर सके."

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