देवास। जिले में फसल क्षति मुआवजा राशि वितरित करने के कार्य में वित्तीय अनियमितता और लापरवाही करने वाले 16 पटवारियों की सेवा समाप्त कर कार्रवाई की गई है. पटवारियों पर फसल क्षति मुआवजा राशि वितरण में धांधली करने की शिकायत मिली थी. इसी मामले में कुछ दिनों पहले 2 लिपिक और 2 पटवारियों की सेवा समाप्त की गई थी. अब एक साथ 16 पटवारियों की सेवा समाप्ति संबंधित अनुविभागीय अधिकारी द्वारा की गई है.
इन पटवारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई
लगभग चार-पांच साल पहले किसानों को फसल क्षति मुआवजा वितरण में वित्तीय अनियमितता करने पर कन्नौद-खातेगांव-सोनकच्छ अनुभाग में पदस्थ 16 पटवारियों की संबंधित अनुविभागीय अधिकारी द्वारा सेवा समाप्त की गई है. जिसमें बंशीलाल डाबर, प्यारसिंह सोलंकी, अमित कुशवाह, दिनेश सिसोदिया, दिलीप यादव, भैयालाल नरगावे, महेन्द्र मण्डलोई, नंद किशोर शर्मा, अनिरुद्ध यादव, अनिल धुर्वे, रायसिंह देवड़ा, विकास सरोठिया, नवीन धीमान, अर्जुन वर्मा, रामोतार जोनवाल, अजय चौधरी की सेवा समाप्त की गई है.
पहले भी 4 कर्मचारियों पर गिर चुकी गाज
आपको बता दें कि वित्तीय अनियमितता के आरोप में इस कार्रवाई के पहले टोंकखुर्द के पटवारी अनिल मालवीय और समरथलाल जांगडे व कन्नौद के तहसील कार्यालय में लिपिक राहुल कर्मा और सोनकच्छ तहसील कार्यालय के लिपिक राहुल माली की भी सेवा समाप्त की गई थी. इस मामले की जांच अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा की जा रही थी. यह गड़बड़ी महालेखागार ग्वालियर द्वारा जारी की गई ऑडिट रिपोर्ट में सामने आई थी. इसके बाद इस मामले पर जांच बैठाई गई थी.
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कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने कहा, '' फसल क्षति मुआवजा राशि में अनियमितता पाई जाने के चलते जांच कराई गई. जांच में सभी आरोप सही पाए गए. इसी मामले में 18 पटवारी व 2 लिपिक सहायक को दोषी पाया गया. जिनकी सेवा समाप्त की गई है. यह जांच अपर कलेक्टर संजीव सक्सेना की अध्यक्षता में की गई थी. जिनकी रिपोर्ट के आधार पर कन्नौद, खातेगांव व सोनकच्छ के एसडीएम के द्वारा कार्रवाई की गई है. पूर्व में सभी पर प्रकरण दर्ज हुआ था और राशि भी सभी से जब्त कर ली गई थी. आशा करते है कि इस कारवाई से विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारी अपना काम ईमानदारी से करेंगे.''