कुल्लू: भारतीय सभ्यता में जहां समाज के बीच लोगों के दुख सुख बांटने की रिवायत है. तो वहीं, हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में इंसान ही नहीं, बल्कि देवी देवता भी लोगों के सुख दुख को जानते और साझा करते हैं. इसके साथ ही समस्याओं का समाधान भी करते हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की लग घाटी में भी इन दिनों देवता क्षेत्रपाल अपने क्षेत्र के दौरे पर हैं और लोगों का हाल चाल जान रहे हैं.
लग घाटी के भुट्टी गांव के देवता क्षेत्रपाल 3 वर्षों बाद क्षेत्र की परिक्रमा पर निकले हैं. इस दौरान देवता दर्जनों गांवों की परिक्रमा कर श्रद्धालुओं के सुख-दुख में शामिल होंगे. वहीं, अपनी कोठी के भ्रमण पर निकले देवता अपने दर्जनों हारियानों और वाद्ययंत्रों के साथ ऐतिहासिक यात्रा पर निकले हैं. देवता स्वयं परिक्रमा के लिए दिन का निर्धारण करते हैं.
देवता क्षेत्रपाल के कारदार सुंदर सिंह का कहना है कि, 'देवता अपने हारियानों का सुख-दुख सांझा करने के लिए देवता परिक्रमा पर निकलते हैं. 4 दिन की परिक्रमा में देवता कई गांवों का भ्रमण करेंगे. इस दौरान कई गांवों में भंडारा भी आयोजित किया जाएगा. घाटी के लोगों को किसी आपदा का सामना न करना पड़े, इस लिहाज से यह परिक्रमा महत्वपूर्ण होती है.'
उधर, देवता के दौरे को लेकर ग्रामीणों में खुशी की लहर है. लोगों का कहना है कि उनके सुख-दुख में देवता शामिल होते हैं. देवता के गांव में आने पर लोग उनके समक्ष अपनी समस्याएं रखेंगे. स्थानीय निवासी देवराज, हेमराज, कांता देवी का कहना हैं कि इस दौरान लोग कई बार अपनी समस्या देवता के समक्ष रखते हैं और देवता उसका समाधान भी करते हैं. ऐसे में देवता के दौरे को लेकर लोगों में खुशी है और जगह जगह देवता का भव्य स्वागत किया जा रहा है.
देवता क्षेत्रपाल गत दिनों ही अपने नए रथ में विराजमान हुए हैं. बीते दिन में देवता ने रोपड़ी, सतरीम गांव का भ्रमण किया और भूमतीर में रात्रि ठहराव किया. 12 दिसम्बर को खारका के भ्रमण पर हैं और भल्याणी में रात्रि ठहराव करेंगे. 13 दिसम्बर को मध्यन, शांघन व घल्याणा का भ्रमण करेंगे और रात्रि ठहराव बड़ाग्रां में होगा. 14 दिसम्बर को पलालंग व भजलीग का भ्रमण करने के उपरांत देवता अपने मूल स्थान भुट्टी लौटेंगे.
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