देवघर: श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन की ओर से कई तैयारियां की जाती हैं, लेकिन तैयारियों के बावजूद अत्यधिक भीड़ के कारण कई कमियां देखने को मिलती हैं. ऐसी ही कुछ कमियां इन दिनों श्रद्धालुओं को देखने को मिल रही हैं. खासकर परिवहन सेवा श्रद्धालुओं के लिए परेशानी और जिला प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है.
दरअसल, देवघर के बैद्यनाथ धाम स्थित ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक करने पहुंचने वाले श्रद्धालु जल चढ़ाने के बाद बासुकीनाथ जाते हैं, जिसके लिए उन्हें करीब 55 से 60 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. इस लंबी यात्रा को तय करने के लिए श्रद्धालुओं को बस या ऑटो का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ को देखकर बस चालक या ऑटो चालक अपनी मनमानी करते हैं. वे श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूलते हैं. आस्था में डूबे श्रद्धालु भी किराया देने को मजबूर हैं.
बैद्यनाथ जाने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि सावन के महीने में ऑटो चालक सात से आठ गुना अधिक किराया वसूल रहे हैं. श्रद्धालुओं ने कहा कि वे लोग साल में एक बार बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं और यहां आने के बाद उन्हें परिवहन सेवा के लिए संघर्ष करना पड़ता है तो यह जिला प्रशासन की घोर लापरवाही मानी जाएगी.
लोगों की शिकायत को देखते हुए उपायुक्त विशाल सागर ने कहा कि श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे सभी ऑटो चालकों के साथ बैठकर बातचीत कर एक निश्चित किराया तय करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी वाहन मालिक अवैध किराया न वसूल सके. इसके बाद ट्रैफिक पुलिस और जिला परिवहन पदाधिकारी ऐसे ऑटो चालकों पर कड़ी नजर रख रहे हैं.
श्रद्धालुओं को हो रही असुविधा को देखते हुए देवघर विधायक नारायण दास ने भी आपत्ति जताई और पदाधिकारियों से आग्रह किया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी वाहन मालिकों से बात कर उन्हें निर्देश दिया जाए कि वे श्रद्धालुओं से अवैध पैसा न वसूलें. लेकिन अगर ऐसा होता है तो वाहन मालिकों पर कानूनी कार्रवाई की जाए.
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