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शरद पूर्णिमा पर गंगा में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, सुख-समृद्धि की मांगी दुआ

शरद पूर्णिमा पर श्रद्धालु ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई है. देश के अनेक राज्यों से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

SHARAD PURNIMA 2024
श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी (photo- ETV Bharat)

हरिद्वार: शरद पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचे और गंगा में स्नान किया, क्योंकि शरद पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है. इसी बीच पुलिस प्रशासन द्वारा भी घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की किरणों से बरसता है अमृत: ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि अश्विन मास की पूर्णमासी शरद पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को जल संबंधी कोई तत्व परेशान करता हो और उसका चंद्रमा कमजोर हो, तो उसके लिए शरद पूर्णिमा का व्रत बहुत फलदायी होता है. जो व्यक्ति व्रत करता है, उसे चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए और भगवान शिव को खीर का प्रसाद लगाकर भोजन करना चाहिए. इससे चंद्रमा का दोष खत्म हो जाता है.

शरद पूर्णिमा पर गंगा में स्नान (video-ETV Bharat)

गंगा में स्नान करके मिलता है विशेष फल: मनोज त्रिपाठी ने बताया कि जिस तरीके से चंद्रमा बढ़ता है. वैसे ही व्रत करने व्यक्ति का सम्मान बढ़ने लगता है. आज के दिन लक्ष्मी जी इस धरती पर चंद्रमा की किरणों में बिराजती हैं. उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा पर जो व्यक्ति मां लक्ष्मी जी का ध्यान कर उनका पूजन करता है, उन पर लक्ष्मी जी की विशेष कृपा होती है. उन्होंने कहा कि सहस्त्र वर्षों तक अश्वमेध यज्ञ करने का फल आज गंगा में स्नान करके मिलता है.

हरकी पैड़ी पर श्रद्धालु का जमावड़ा: बता दें कि हरिद्वार में गंगा बंदी होने के कारण गंगा में जल कम है, लेकिन फिर भी श्रद्धालु स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंच रहे हैं. इस दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय नजर आया.

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हरिद्वार: शरद पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचे और गंगा में स्नान किया, क्योंकि शरद पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है. इसी बीच पुलिस प्रशासन द्वारा भी घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की किरणों से बरसता है अमृत: ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि अश्विन मास की पूर्णमासी शरद पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को जल संबंधी कोई तत्व परेशान करता हो और उसका चंद्रमा कमजोर हो, तो उसके लिए शरद पूर्णिमा का व्रत बहुत फलदायी होता है. जो व्यक्ति व्रत करता है, उसे चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए और भगवान शिव को खीर का प्रसाद लगाकर भोजन करना चाहिए. इससे चंद्रमा का दोष खत्म हो जाता है.

शरद पूर्णिमा पर गंगा में स्नान (video-ETV Bharat)

गंगा में स्नान करके मिलता है विशेष फल: मनोज त्रिपाठी ने बताया कि जिस तरीके से चंद्रमा बढ़ता है. वैसे ही व्रत करने व्यक्ति का सम्मान बढ़ने लगता है. आज के दिन लक्ष्मी जी इस धरती पर चंद्रमा की किरणों में बिराजती हैं. उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा पर जो व्यक्ति मां लक्ष्मी जी का ध्यान कर उनका पूजन करता है, उन पर लक्ष्मी जी की विशेष कृपा होती है. उन्होंने कहा कि सहस्त्र वर्षों तक अश्वमेध यज्ञ करने का फल आज गंगा में स्नान करके मिलता है.

हरकी पैड़ी पर श्रद्धालु का जमावड़ा: बता दें कि हरिद्वार में गंगा बंदी होने के कारण गंगा में जल कम है, लेकिन फिर भी श्रद्धालु स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंच रहे हैं. इस दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय नजर आया.

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