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गया के इस मंदिर में भगवान को पसंद है ढेला, कितने पत्थर फेंकने से होगी मन्नत पूरी जानें

Gaya Dhelmarwa Baba: गया में एक ऐसा मंदिर है, जिसकी परंपरा सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. इस मंदिर में भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए पांच ढेला मारते हैं. श्रद्धालु ऐसा तब करते हैं, जब उनकी कोई मन्नत पूरी हो जाती है या कोई शुभ काम के लिए कहीं जाते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 2, 2024, 6:22 AM IST

Updated : Feb 2, 2024, 6:32 PM IST

देखें स्थानीय लोगों ने इस 'ढेला' को लेकर क्या कहा.

गया: आस्था के अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं. इसी क्रम में बिहार के गया में आस्था का अनोखा स्वरूप देखा जा सकता है. यहां ढेलमरवा बाबा हैं. 100 साल से भी ज्यादा समय से ढेलमरवा बाबा के प्रति अनोखी आस्था चली आ रही है. मन्नत मांगनी हो या शुभ कार्य के लिए निकलना हो, तो लोग यहां पांच पत्थर जरूर फेंकते हैं.

गया के सोनपुर गांव में ढेलमरवा बाबा: गया जिले के सोनपुर गांव में ढेलमरवा बाबा हैं. उनके प्रति आस्था देखते ही बनती है, जो भी व्यक्ति उस रास्ते से गुजरता है, वह पांच ढेले (छोटे-छोटे पत्थर) जरूर फेंकता है. यह स्थान गोरैया मंदिर के समीप है.

गौरैया मंदिर के समीप एक पिंडी से बढ़ती गई आस्था: ढेलमरवा बाबा की कहानी काफी दिलचस्प है. बताया जाता है, कि गया का सोनपुर गांव में गौरैया मंदिर है. इसी के ठीक सामने एक स्थान पर एक पिंडी थी. इस पिंडी पर लोग पत्थर फेंककर अपनी श्रद्धा जताते थे. सैकड़ों साल पूर्व से जो यह धार्मिक चलन शुरू हुआ, तो वह रुका नहीं और आज भी यह आस्था जारी है.

पिंडी बन गया बड़ा टीला: ढेलमरवा बाबा की पिंडी पर पत्थर फेंक कर आस्था का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह रुका नहीं और आज भी यह सिलसिला जारी है. इस मार्ग से गुजरने वाले जो भी लोग होते हैं, वह यहां पहुंचते ही पांच ढेले यहां जरूर फेंकते हैं और उसके बाद यात्रा करते हैं.

ईटीवी भारत GFX
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ढेला फेंककर मांगी जाती है मन्नत: वहीं, यहां की आस्था इस कदर फैली है, कि बिहार के अलावा दूसरे राज्यों से भी लोग यहां मन्नत मांगने आते हैं. क्योंकि इस ढेलमरवा बाबा को मनोकामना पूर्ण करने वाले बाबा के रूप में भी माना जाता है. यही वजह है, कि दूर-दूर से लोग यहां आते हैं और ढेला फेंक कर अपनी श्रद्धा जताते हैं और मन्नत मांगते हैं.

'हर मुराद होती है यहां पूरी': इस संबंध में बबलू यादव ने कहा कि वह पांच पत्थर ढेलमरवा बाबा को अर्पित करते हैं. बबलू यादव ने बताया कि इस स्थान की बड़ी महता है. ढेलमरवा बाबा मन्नतों को पूरा करते हैं.

"यात्रा को भी ढेलमरवा बाबा सफल करते हैं. यह हमारे पूर्वजों से चला आ रहा है. हमारे पूर्वजों को भी याद नहीं था, कि यह कब से ढेलमरवा बाबा पर पांच पत्थर फेंकने का सिलसिला शुरू हुआ है."- बबलू यादव, श्रद्धालु

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"यहां की आस्था ऐसी है, कि दूर-दूर से लोग आते हैं. अनेकों लोगों की मन्नतें यहां से पूरी हुई है."-अजय कुमार, ग्रामीण

"मन्नत पूरी होने के बाद लोग फिर आते हैं और पत्थर फेंक कर अपनी आस्था को दर्शाते हैं. ढेलमरवा बाबा के बारे में प्रसिद्ध है, कि मन्नत पूरी करते ही हैं, यात्रा भी सफल बनाते हैं."- रामप्रवेश पासवान, ग्रामीण

"ढेलमरवा बाबा पर लोग पत्थर फेंक कर अपनी कामना की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं. यहां पहुंचने वाला पांच पत्थर चुनते हैं और सर के ऊपर से पांच बार घुमाकर एक-एक कर पांच पत्थरों को ढेलमरवा बाबा को अर्पित करते हैं. इसके बाद उन्हें प्रणाम कर निकलते हैं."- ग्रामीण

पढ़ें-

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गया: आस्था के अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं. इसी क्रम में बिहार के गया में आस्था का अनोखा स्वरूप देखा जा सकता है. यहां ढेलमरवा बाबा हैं. 100 साल से भी ज्यादा समय से ढेलमरवा बाबा के प्रति अनोखी आस्था चली आ रही है. मन्नत मांगनी हो या शुभ कार्य के लिए निकलना हो, तो लोग यहां पांच पत्थर जरूर फेंकते हैं.

गया के सोनपुर गांव में ढेलमरवा बाबा: गया जिले के सोनपुर गांव में ढेलमरवा बाबा हैं. उनके प्रति आस्था देखते ही बनती है, जो भी व्यक्ति उस रास्ते से गुजरता है, वह पांच ढेले (छोटे-छोटे पत्थर) जरूर फेंकता है. यह स्थान गोरैया मंदिर के समीप है.

गौरैया मंदिर के समीप एक पिंडी से बढ़ती गई आस्था: ढेलमरवा बाबा की कहानी काफी दिलचस्प है. बताया जाता है, कि गया का सोनपुर गांव में गौरैया मंदिर है. इसी के ठीक सामने एक स्थान पर एक पिंडी थी. इस पिंडी पर लोग पत्थर फेंककर अपनी श्रद्धा जताते थे. सैकड़ों साल पूर्व से जो यह धार्मिक चलन शुरू हुआ, तो वह रुका नहीं और आज भी यह आस्था जारी है.

पिंडी बन गया बड़ा टीला: ढेलमरवा बाबा की पिंडी पर पत्थर फेंक कर आस्था का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह रुका नहीं और आज भी यह सिलसिला जारी है. इस मार्ग से गुजरने वाले जो भी लोग होते हैं, वह यहां पहुंचते ही पांच ढेले यहां जरूर फेंकते हैं और उसके बाद यात्रा करते हैं.

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ढेला फेंककर मांगी जाती है मन्नत: वहीं, यहां की आस्था इस कदर फैली है, कि बिहार के अलावा दूसरे राज्यों से भी लोग यहां मन्नत मांगने आते हैं. क्योंकि इस ढेलमरवा बाबा को मनोकामना पूर्ण करने वाले बाबा के रूप में भी माना जाता है. यही वजह है, कि दूर-दूर से लोग यहां आते हैं और ढेला फेंक कर अपनी श्रद्धा जताते हैं और मन्नत मांगते हैं.

'हर मुराद होती है यहां पूरी': इस संबंध में बबलू यादव ने कहा कि वह पांच पत्थर ढेलमरवा बाबा को अर्पित करते हैं. बबलू यादव ने बताया कि इस स्थान की बड़ी महता है. ढेलमरवा बाबा मन्नतों को पूरा करते हैं.

"यात्रा को भी ढेलमरवा बाबा सफल करते हैं. यह हमारे पूर्वजों से चला आ रहा है. हमारे पूर्वजों को भी याद नहीं था, कि यह कब से ढेलमरवा बाबा पर पांच पत्थर फेंकने का सिलसिला शुरू हुआ है."- बबलू यादव, श्रद्धालु

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"यहां की आस्था ऐसी है, कि दूर-दूर से लोग आते हैं. अनेकों लोगों की मन्नतें यहां से पूरी हुई है."-अजय कुमार, ग्रामीण

"मन्नत पूरी होने के बाद लोग फिर आते हैं और पत्थर फेंक कर अपनी आस्था को दर्शाते हैं. ढेलमरवा बाबा के बारे में प्रसिद्ध है, कि मन्नत पूरी करते ही हैं, यात्रा भी सफल बनाते हैं."- रामप्रवेश पासवान, ग्रामीण

"ढेलमरवा बाबा पर लोग पत्थर फेंक कर अपनी कामना की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं. यहां पहुंचने वाला पांच पत्थर चुनते हैं और सर के ऊपर से पांच बार घुमाकर एक-एक कर पांच पत्थरों को ढेलमरवा बाबा को अर्पित करते हैं. इसके बाद उन्हें प्रणाम कर निकलते हैं."- ग्रामीण

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Last Updated : Feb 2, 2024, 6:32 PM IST
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