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सावन शिवरात्रि पर दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, हर तरफ बम-बम भोले की गूंज - Sawan Shivratri 2024 - SAWAN SHIVRATRI 2024

Devotees Crowd Of Haridwar Daksheshwar Temple सावन माह भगवान शिव को अतिप्रिय है और इस माह उनका पूजन किया जाता है. वहीं सावन की शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है. सावन की शिवरात्रि पर भगवान शिव की सच्चे मन से उपासना करना पर कई गुना फल मिलता है. आज सावन की शिवरात्रि पर प्रदेश के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.

Devotees Crowd Of Temple
सावन शिवरात्रि पर मंदिरों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 2, 2024, 8:34 AM IST

Updated : Aug 2, 2024, 10:12 AM IST

हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब (Video-ETV Bharat)

हरिद्वार: सावन में महाशिवरात्रि का खास महत्व है, जो 2 अगस्त शुक्रवार यानि आज पड़ रही है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार है सावन में बाबा भोलेनाथ की उपासना करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है. वहीं उसके कई प्रकार की कष्ट दूर हो जाते हैं. इसलिए सावन की शिवरात्रि का खास महत्व हो जाता है. शिवरात्रि के दिन लोग कांवड़ में जल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं. वहीं धर्मनगरी हरिद्वार में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.

वहीं सुबह से ही हरिद्वार में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुआ है. हर-हर महादेव की गूंज से पूरा मंदिर परिसर शिवमय हो रहा है. वहीं श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए.. दक्ष मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी महाराज का कहना है कि सावन में शिवरात्रि पर भोलेनाथ का अभिषेक करने का विशेष महत्व है. सावन मास में कोई भी भगवान शिव का जलाभिषेक या पूजा करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान्यता है कि सावन में साक्षात रूप में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव विराजमान रहते हैं और यही से सृष्टि का संचालन करते हैं.

वे लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए ही यहां रहते हैं और मात्र जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं. दुनिया के सभी मंदिरों में भगवान शिव लिंग रूप में विराजते हैं और वहां लिंग रूप की पूजा होती है. मगर यही एकमात्र मंदिर ऐसा है जहां भगवान राजा दक्ष के धड़ रूप में स्थापित हैं. वहीं श्रद्धालुओं का कहना है कि सावन में भगवान शंकर कनखल में अपनी ससुराल में ही विराजते हैं. इस दौरान शिवरात्रि पर भगवान शंकर का जलाभिषेक करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इसलिए वो मंदिर पहुंचे हैं.

लक्सर में मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़: शिवरात्रि महापर्व पर लक्सर के पुराने प्राचीन शिव मंदिर पथरेश्वर महादेव मंदिर, पंचलेश्वर मंदिर, खानपुर के जटाशंकर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. लोग सुबह से ही मंदिरों में जुट रहे हैं और सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

पढ़ें-धूमधाम से शुरू हुआ समेश्वर देवता का सावन मेला, ग्रामीणों ने किया रासौं-तांदी

हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब (Video-ETV Bharat)

हरिद्वार: सावन में महाशिवरात्रि का खास महत्व है, जो 2 अगस्त शुक्रवार यानि आज पड़ रही है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार है सावन में बाबा भोलेनाथ की उपासना करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है. वहीं उसके कई प्रकार की कष्ट दूर हो जाते हैं. इसलिए सावन की शिवरात्रि का खास महत्व हो जाता है. शिवरात्रि के दिन लोग कांवड़ में जल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं. वहीं धर्मनगरी हरिद्वार में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.

वहीं सुबह से ही हरिद्वार में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुआ है. हर-हर महादेव की गूंज से पूरा मंदिर परिसर शिवमय हो रहा है. वहीं श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए.. दक्ष मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी महाराज का कहना है कि सावन में शिवरात्रि पर भोलेनाथ का अभिषेक करने का विशेष महत्व है. सावन मास में कोई भी भगवान शिव का जलाभिषेक या पूजा करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान्यता है कि सावन में साक्षात रूप में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव विराजमान रहते हैं और यही से सृष्टि का संचालन करते हैं.

वे लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए ही यहां रहते हैं और मात्र जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं. दुनिया के सभी मंदिरों में भगवान शिव लिंग रूप में विराजते हैं और वहां लिंग रूप की पूजा होती है. मगर यही एकमात्र मंदिर ऐसा है जहां भगवान राजा दक्ष के धड़ रूप में स्थापित हैं. वहीं श्रद्धालुओं का कहना है कि सावन में भगवान शंकर कनखल में अपनी ससुराल में ही विराजते हैं. इस दौरान शिवरात्रि पर भगवान शंकर का जलाभिषेक करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इसलिए वो मंदिर पहुंचे हैं.

लक्सर में मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़: शिवरात्रि महापर्व पर लक्सर के पुराने प्राचीन शिव मंदिर पथरेश्वर महादेव मंदिर, पंचलेश्वर मंदिर, खानपुर के जटाशंकर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. लोग सुबह से ही मंदिरों में जुट रहे हैं और सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

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Last Updated : Aug 2, 2024, 10:12 AM IST
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