पटना : सीतामढ़ी सीट से दावा ठोक रहे देवेश चंद्र ठाकुर पिछले चार बार से तिरहुत स्नातक विधान परिषद क्षेत्र से एमएलसी हैं. अभी बिहार विधान परिषद के सभापति हैं. देवेश चंद्र ठाकुर डंके की चोट पर इस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर रहे हैं. उनका दावा है कि पिछले दिनों दिल्ली में हुए जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के लिए उन्हें कैंडिडेट बनाया है.
सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर दावा : देवेश चंद्र ठाकुर यह भी दावा करते हैं कि यह तब तय हुआ था जब जदयू महागठबंधन में थी. अब जदयू एनडीए में है फिर भी दावा उनका बरकरार है. क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में यह सीट जदयू कोटे से था. वहां से भले भाजपा के सुनील कुमार पिंटू चुनाव लड़े थे लेकिन, लेकिन सिंबल जदयू का ही था. ऐसे में दावा जदयू का है और वहां से देवेश चंद्र ठाकुर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
सवाल- सीतामढ़ी लोकसभा सीट काफी हॉट होता जा रहा है. चुंकि आप विधान परिषद के सभापति हैं तो फिर आपके दिमाग में लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कैसे आई?
देवेश चंद्र ठाकुर- सभापति तो मैं 2 साल से हूं. लेकिन, सीतामढ़ी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश मेरी पिछले तीन टर्म से है. वरिष्ठ नेता सीताराम यादव जी तीन टर्म से वहां सांसद रहे थे. अभी साथ में हैं. उस समय से मेरी ख्वाहिश थी कि मैं लोकसभा का चुनाव लडूं और जिंदगी के आखिरी मोड़ पर हैं तो चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव लड़ा जाए.
सवाल- जिस तरह का समीकरण है, एनडीए की तरफ आप लोग आ चुके हैं. जेडीयू से आपका रिश्ता है और वहां से आप ही की पार्टी से सांसद भी हैं तो फिर इस सीट को लेकर आपका समीकरण कैसे फिट बैठ रहा है?
देवेश चंद्र ठाकुर - यह तो पार्टी तय करेगी की किसको चुनाव लड़ना है. जब महागठबंधन के साथ जनता दल यूनाइटेड थी उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने दिल्ली के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह घोषणा कर दिया था कि सीतामढ़ी लोकसभा सीट से देवेश चंद्र ठाकुर चुनाव लड़ेंगे, उनको हम चुनाव लड़वाने जा रहे हैं.
वह अकेली घोषणा थी, एकमात्र घोषणा थी और पहली घोषणा थी. उस घोषणा के बाद हमारे समर्थकों में, हमारे जिला में काफी खुशी थी. मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इस सीट को बहुत अच्छी तरीके से निकाल लूंगा. उसके बाद हालात बदले हैं, गठबंधन बदला है, समीकरण में बदलाव हुए हैं. अब लोगों का मानना है कि 22 जनवरी राम मंदिर, अयोध्या नरेंद्र मोदी जी का काम, सब लोग कहते हैं कि सीतामढ़ी लोकसभा सीट जीतना बहुत आसान हो गया है.
मेरा ध्यान उस तरफ नहीं है कि आसान हो या मुश्किल हो. मेरी इच्छा है चुनाव लड़ने की. मैं चार टर्म से तिरहुत स्नातक सीट से चुनाव जीत रहा हूं. वहां के स्नातक भाइयों ने जीत के फासले को बढ़ाया है. अब मेरी इच्छा है कि मैं दिल्ली जाऊं. सीतामढ़ी मां सीता की धरती है, जिस तरह से अयोध्या में नवनिर्माण मंदिर बनाकर भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई है. हम चाहते हैं कि वही स्थान हमारी मां सीता माता को मिले. मेरी यह दिली इच्छा है.
वैसे जनता की सेवा तो हम लोग दिन-रात करते ही रहते हैं. कोई भी किसी समस्या लिए मेरे पास आया तो मैं कभी भी किसी से जाति, धर्म या पार्टी नहीं पूछा. मैं यह चुनौती दे देता हूं. चार जिला का मेरा क्षेत्र है. 28 विधानसभा क्षेत्र मेरे स्नातक विधानपरिषद क्षेत्र में आते हैं. यह पांच लोकसभा का क्षेत्र है. पांचो लोकसभा में घूम जाइए, मेरे खिलाफ कोई शिकायत आपको नहीं मिलेगी. कोई मेरे खिलाफ शिकायत करेगा ही नहीं. किसी ने शिकायत की तो आप जहां कहिएगा वहां अपना इस्तीफा दे दूंगा. सब लोग मेरे साथ हैं और रहेंगे. मुझे विश्वास है कि अभूतपूर्व जो रिकॉर्ड चुनाव में बनता है एक शमा बना हुआ है. अभी 4 दिन पहले हमारी एक पदयात्रा हुई थी. जनता में बहुत उत्साह है.
सवाल- किसी पार्टी में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ लेकिन सभी लोग कह रहे हैं कि आपका सीट लगभग तय है. सभी जर्नलिस्ट कह रहे हैं, सभी राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि एक सीट कंफर्म है. आपने कौन ऐसा काम कर दिया है कि लोग आपको पसंद भी कर रहे हैं. मैं सुबह से देख रहा हूं कि लोगों का तांता लगा हुआ है आपसे मिलने को लेकर. जबकि आप संवैधानिक पद पर हैं?
देवेश चंद्र ठाकुर- यह रोज की कहानी है. यह कोई चुनाव की वजह से नहीं है. क्षेत्र लंबा चौड़ा है तो स्वाभाविक है लोगों के मिलने का तांता लगा रहेगा. राजनीतिक पंडित कह रहे हैं तो किसी पंडित के बारे में ही कह रहे हैं. अच्छी बात है. कोई दिक्कत नहीं है, बहुत ही अच्छे तरीके से उसे चुनाव को हम लोग निकाल लेंगे. आपने कहा कि सीटों के बारे में अभी तक चर्चा नहीं हुई है तो अभी तक देखा गया है कि जिस सीट पर जिस पार्टी के कैंडिडेट जीत जाते हैं वह सीट उस पार्टी के पास चली जाती है.
सातामढ़ी जनता दल यू की सीट है. पिछली बार सुनील कुमार पिंटू चुनाव लड़े. वह जनता दल यू से चुनाव लड़े. यह जदयू कोटे में है. हालांकि वह हमेशा बीजेपी में रहे हैं. वह हमारे अच्छे मित्र हैं. हमारे छोटे भाई समान है. मैं बहुत आदर करता हूं. लेकिन वह ओरिजिन बीजेपी के हैं. एनडीए में गठबंधन के तहत वह सीट जदयू के खाते में है तो वहां से हमें चुनाव लड़ाया जाएगा. ऐसी बात सामने आ रही है.
सवाल- भले चुनाव सीतामढ़ी से लड़ने वाले हैं. लेकिन आपका जो क्षेत्र रहा है वह काफी लंबा चौड़ा रहा है. 28 विधानसभा, चार जिले हैं आपके विधान परिषद के क्षेत्र में. लेकिन, सीतामढ़ी में ऐसी क्या खास बात है कि आप वहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं और क्या करना चाहते हैं वहां? लोकसभा में जाएंगे तो पहला काम क्या करेंगे?
देवेश चंद्र ठाकुर- मैंने कहा ना कि, मां सीता को जो उचित स्थान किसी कारण से नहीं मिला है, मां सीता को स्थापित करके सीतामढ़ी में उस स्थान को दिलाएंगे. मैं जानता हूं कि मेरे पास वक्त कम रहेगा, 5 साल 10 साल मेरे पास वक्त रहेगा. मैं समझता हूं कि मां सीता का महत्व राम से कम नहीं है. हम अपना लक्ष्य बनाकर चल रहे हैं कि बाकी सेवा वैसे ही रहेगी. उसमें कोई कमी नहीं रहेगी. मेरे लक्ष्य में है कि जो मां सीता को उचित स्थान मिलनी चाहिए वह दिला कर रहेंगे.
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