बस्तर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में नक्सलवाद की वजह से रुके विकास कार्यों को गति देने के लिए नियद नेल्ला नार योजना की शुरुआत की गई है. बस्तर जिले में इस योजना की शुरुआत हो गई है. सबसे पहले बस्तर जिले के अंतिम छोर में बसे बोदली गांव में काम शुरु किया गया है. इसके बाद यहां विकास कार्य अलग अलग क्षेत्रो में भी शुरु किया जा रहा है.
प्रशासन की टीम ने विकास कार्यों का लिया जायजा: गुरुवार को बस्तर जिला प्रशासन की टीम नक्सल प्रभावित क्षेत्र के कलेपाल गांव पहुंची. जिला प्रशासन की टीम ने यहां इस योजना के तहत किए जा रहे विकास कार्यों का जायजा लिया. बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने कलेपाल गांव में पंचायत भवन, स्कूल, आंगनबाड़ी भवन के लिए जमीन भूमि चिन्हांकित करने के निर्देश दिए हैं. किलेपाल में नियद नेल्ला नार योजना अंतर्गत सड़क निर्माण, बिजली आपूर्ति, मोबाइल नेटवर्क टावर की स्थापना, जैसे कार्यों का निरीक्षण किया गया.
जिले में पदस्थापना के बाद पहली बार हम कलेपाल गांव में चुनाव के दौरान पहुंचे हुए थे. उस दौरान उन्हें कॉफी लंबा दूरी पैदल तय करना पड़ा था. साथ ही बाइक का भी सहारा लिया था. कड़ी चुनौती के बाद पहली बाद विधानसभा 2023 के चुनाव में मतदान सम्पन्न कराया गया था. उस क्षेत्र में सड़क की सुविधा भी ग्रामीणों को मिल रही है. साथ ही अन्य विकास कार्यों को भी गति प्रदाय की जा रही है. - विजय दयाराम, कलेक्टर, बस्तर
क्या है नियद नेल्लानार योजना? : छत्तीसगढ़ सरकार ने नियद नेल्ला नार योजना की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में नक्सलवाद की वजह से रुके विकास कार्यों को गति देना है. इस योजना के तहत नक्सलवाद से निपटने के लिए स्थापित किये गए सुरक्षा कैम्प के नजदीकी गांवों में विकास कार्य किया जा रहा है.