करसोग: हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के महत्वकांक्षी कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को करसोग के अंतर्गत बखरोट पंचायत में 'सरकार गांव के द्वार' कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसकी अध्यक्षता विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने की. इस अवसर में जनता को संबोधित करते हुए विनय कुमार ने कहा कि वित्तीय संकट से पहले ही जूझ रहे हिमाचल की आर्थिक स्थिति मानसून सीजन में आई प्राकृतिक आपदा की वजह काफी खराब हो गई थी.
प्रदेश को भारी बरसात की वजह से करीब 12 हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा, इस स्थिति से बाहर आने के लिए हिमाचल को केंद्र की मदद की जरूरत थी, लेकिन मोदी सरकार आपदा से उभरने में प्रदेश सरकार को कोई सहयोग नहीं दिया. ऐसे में हिमाचल सरकार ने अपने समिति संसाधनों के बावजूद विकास को रुकने नहीं दिया.
विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने कहा कि सुक्खू सरकार ने अपने संसाधनों से 4500 करोड़ का आपदा पैकेज घोषित कर प्रभावितों को राहत देने का कार्य किया. उन्होंने कहा कि सरकार एक साल के कार्यकाल में कई बड़ी योजनाएं जैसे सुख आश्रय योजना, एकल विधवा आवास योजना, स्टार्टअप योजना सहित कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं के घरद्वार पर समाधान करने के लिए सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम चलाया गया है. जहां लोगों की समस्याओं को सुनकर मौके पर ही समाधान किया जा रहा है.
करसोग में विकास पर करोड़ों हो रहे खर्च: विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने करसोग में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़कों के निर्माण पर 62 करोड़ खर्च किए जा रहे है, वहीं नावार्ड के तहत दो सड़कों के निर्माण पर करीब 13 करोड़ व्यय किए जाने है. इसके अतिरिक्त नाबार्ड के तहत ही क्षेत्र में 20 करोड़ से बनने वाली विभिन्न सड़कों की डीपीआर स्वीकृति के लिए भेजी गई और क्षेत्र की सड़कों के मरम्मत व रख रखाव के कार्यो के लिए करीब 3 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए है.
पांच पंचायतों से 34 समस्याएं: करसोग में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में पांच ग्राम पंचायतों बखरोट ,सोरता, कलाशन, कनेरी माहोग व दछेंहन की जनता की समस्यायों को सुना गया. इस दौरान बहुत कम शिकायतें पहुंची. वह इसलिए कि दो दिन पहले ही प्री-कैंप का आयोजन किया गया था. जिसमें महज 34 शिकायतें व मांगे पहुंची थी. शुक्रवार को आयोजित सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में सबसे अधिक बिजली की लो वोल्टेज को लेकर शिकायतें आई. वहीं, कुछ समस्याएं जल शक्ति विभाग व लोक निर्माण से सम्बंधित रही. जिसमें अधिकतर मांगों के रूप में रही. 33 शिकायतों में से 15 शिकायतों का निपटारा मौके पर कर दिया गया. वहीं, अन्य को सम्बंधित विभागों समाधान के लिए भेजा गया है.