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बांग्लादेशी घुसपैठ पर असम के डिप्टी स्पीकर की खरी-खरी, अभी नहीं जागे, तो आने वाला वक्त नहीं करेगा माफ - Bangladeshi infiltration issue

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 17, 2024, 6:38 PM IST

पिछले कुछ महीनों से देश की राजनीति बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले पर गरमाई हुई है. इस मुद्दे पर बीते दिनों झारखंड दौरे पर एक रैली में प्रधानमंत्री के बयान के बाद गर्माहट और बढ़ गई है. भारतीय युवा संसद के कार्यक्रम में भाग लेने जयपुर आए असम के डिप्टी स्पीकर डॉक्टर नुमाल मोमिन से जब ईटीवी भारत ने इस सवाल को लेकर बात की, तो उन्होंने माना की हालात चिंताजनक हैं.

DR NUMAL MOMIN INTERVIEW , BANGLADESHI INFILTRATION ISSUE
असम के डिप्टी स्पीकर डॉक्टर नुमाल मोमिन. (ETV Bharat gfx)
असम के डिप्टी स्पीकर डॉक्टर नुमाल मोमिन से खास बातचीत. (ETV Bharat jaipur)

जयपुर : झारखंड में चुनावी माहौल लगातार बनता जा रहा है. इस बीच भाजपा राज्य में अवैध घुसपैठियों की ओर से गैरकानूनी तरीके से जमीन खरीदने का मामला उठाती रही है. जयपुर आए असम के विधानसभा उपाध्यक्ष डॉक्टर नुमाल मोमिन का कहना है कि आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है. पहले घुसपैठ असम की समस्या थी और आज देश की समस्या बन चुकी है. उन्होंने कहा कि 1979 से लेकर 1985 तक असम में इस मुद्दे पर आंदोलन हो चुका है. उन्होंने कहा कि घुसपैठियों की संख्या जहां आजादी के बाद 10 से 12 पर्सेंट थी, वह अचानक 45 फीसदी तक पहुंच जाती है, तो यह चिंताजनक स्थिति है. झारखंड के संथाल परगना में बढ़ती घुसपैठियों की संख्या पर भी उन्होंने कहा कि हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा शर्मा ने भी इस मुद्दे को उठाकर झारखंड में एनआरसी लागू करने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इस मसले पर ठोस कदम उठाया जाए, वरना आने वाले वक्त में भारत के लोग माफ नहीं करेंगे.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहा है टॉर्चर : डॉक्टर नुमाल मोमिन के मुताबिक बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर लगातार टॉर्चर हो रहा है. उन्होंने कहा कि वहां लगातार गैर मुस्लिम वर्ग पर अत्याचार हो रहे हैं, जिसके कारण अल्पसंख्यक सरहद पार करके भारत में दाखिल होना चाहते हैं. डॉक्टर मोमिन ने कहा कि घुसपैठ रोकने मात्र से समाधान नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव के बाद बांग्लादेश के जमीनी हालात देखने के लिए यूएन वहां दौरा कर रहा है. उन्होंने पीएम मोदी के कदम की सराहना भी की. असम के डिप्टी स्पीकर ने कहा कि भारत को बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों की मदद करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने मांग की है कि बांग्लादेश के ऊपर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बनना चाहिए, ताकि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रुकें.

इसे भी पढ़ें- असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की बड़ी मांग, कहा- झारखंड सरकार लागू करे एनआरसी - NRC in Jharkhand

यह बात कही थी हेमंत विस्वा शर्मा ने : असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा शर्मा ने बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के मसले पर एनआरसी की वकालत की थी. केंद्र सरकार की ओर से पेश हलफनामे के आधार भाजपा हमलावर रही. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने झारखंड उच्च न्यायालय में घुसपैठ पर हलफनामा पेश किया था, जिसके बाद झारखंड सरकार को तुरंत एनआरसी की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.

भाजपा सांसद ने उठाए थे सवाल : हाल में चर्चा है इसकी जांच ईडी करेगी, इस मामले में ईडी ने 5 एफआईआर भी दर्ज की है. झारखंड हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में भाजपा की ओर से बताया गया है कि संथाल परगना में आदिवासियों की 17 प्रतिशत जनसंख्या घटी है और बांग्लादेशी घुसपैठिए बढ़े हैं. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2011 के जनगणना का हवाला देते हुए कहा कि पूरे देश में मुसलमानों की जनसंख्या 4 फीसदी बढ़ी, लेकिन झारखंड में उनकी जनसंख्या 14 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि आदिवासी 45 फीसदी से 28 फीसदी पर आ गए हैं. निशिकांत दुबे ने कहा कि घुसपैठिए अवैध तरीके से जमीन कब्जा कर रहे हैं.

असम के डिप्टी स्पीकर डॉक्टर नुमाल मोमिन से खास बातचीत. (ETV Bharat jaipur)

जयपुर : झारखंड में चुनावी माहौल लगातार बनता जा रहा है. इस बीच भाजपा राज्य में अवैध घुसपैठियों की ओर से गैरकानूनी तरीके से जमीन खरीदने का मामला उठाती रही है. जयपुर आए असम के विधानसभा उपाध्यक्ष डॉक्टर नुमाल मोमिन का कहना है कि आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है. पहले घुसपैठ असम की समस्या थी और आज देश की समस्या बन चुकी है. उन्होंने कहा कि 1979 से लेकर 1985 तक असम में इस मुद्दे पर आंदोलन हो चुका है. उन्होंने कहा कि घुसपैठियों की संख्या जहां आजादी के बाद 10 से 12 पर्सेंट थी, वह अचानक 45 फीसदी तक पहुंच जाती है, तो यह चिंताजनक स्थिति है. झारखंड के संथाल परगना में बढ़ती घुसपैठियों की संख्या पर भी उन्होंने कहा कि हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा शर्मा ने भी इस मुद्दे को उठाकर झारखंड में एनआरसी लागू करने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इस मसले पर ठोस कदम उठाया जाए, वरना आने वाले वक्त में भारत के लोग माफ नहीं करेंगे.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहा है टॉर्चर : डॉक्टर नुमाल मोमिन के मुताबिक बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर लगातार टॉर्चर हो रहा है. उन्होंने कहा कि वहां लगातार गैर मुस्लिम वर्ग पर अत्याचार हो रहे हैं, जिसके कारण अल्पसंख्यक सरहद पार करके भारत में दाखिल होना चाहते हैं. डॉक्टर मोमिन ने कहा कि घुसपैठ रोकने मात्र से समाधान नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव के बाद बांग्लादेश के जमीनी हालात देखने के लिए यूएन वहां दौरा कर रहा है. उन्होंने पीएम मोदी के कदम की सराहना भी की. असम के डिप्टी स्पीकर ने कहा कि भारत को बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों की मदद करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने मांग की है कि बांग्लादेश के ऊपर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बनना चाहिए, ताकि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रुकें.

इसे भी पढ़ें- असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की बड़ी मांग, कहा- झारखंड सरकार लागू करे एनआरसी - NRC in Jharkhand

यह बात कही थी हेमंत विस्वा शर्मा ने : असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा शर्मा ने बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के मसले पर एनआरसी की वकालत की थी. केंद्र सरकार की ओर से पेश हलफनामे के आधार भाजपा हमलावर रही. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने झारखंड उच्च न्यायालय में घुसपैठ पर हलफनामा पेश किया था, जिसके बाद झारखंड सरकार को तुरंत एनआरसी की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.

भाजपा सांसद ने उठाए थे सवाल : हाल में चर्चा है इसकी जांच ईडी करेगी, इस मामले में ईडी ने 5 एफआईआर भी दर्ज की है. झारखंड हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में भाजपा की ओर से बताया गया है कि संथाल परगना में आदिवासियों की 17 प्रतिशत जनसंख्या घटी है और बांग्लादेशी घुसपैठिए बढ़े हैं. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2011 के जनगणना का हवाला देते हुए कहा कि पूरे देश में मुसलमानों की जनसंख्या 4 फीसदी बढ़ी, लेकिन झारखंड में उनकी जनसंख्या 14 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि आदिवासी 45 फीसदी से 28 फीसदी पर आ गए हैं. निशिकांत दुबे ने कहा कि घुसपैठिए अवैध तरीके से जमीन कब्जा कर रहे हैं.

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