पटनाः बिहार में विधायकों का फेरबदल को लेकर सियासत जारी है. मंगलवार को कांग्रेस के दो और राजद के एक विधायक सत्ता पक्ष में आ गए. संगीता कुमारी भाजपा में शामिल भी हो गई है. इससे पहले भी राजद के तीन विधायक विश्वास मत में सत्ता पक्ष के लिए वोट किया था. राजद ने तो उस समय विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन इस बार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कार्रवाई की बात कही है. इसपर विजय सिन्हा ने करारा जवाब दिया.
'विपक्ष का नेतृत्व कमजोर': डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे कहते थे कि खेला करेंगे. उल्टे उनका ही खेला हो रहा है. विजय सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस और राजद के विधायक इसलिए भाजपा की ओर आ रहे हैं क्योंकि विपक्षी पार्टी का नेतृत्व कमजोर है. पार्टी में विधायकों की बात को नहीं सुना जाता है. उन्होंने ही इसकी शुरुआत की थी. हमारे विधायकों को गायब कर दिए थे और खरीदने की कोशिश की.
"विपक्ष का कमजोर होना दुखद है. इनके विधायकों का नेतृत्व पर विश्वास नहीं है. ये लोग खेला करने की बात कही थी और खुद झमेला में पड़ गए. ये लोग हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश की. लेकिन हमारे लोग अपने पार्टी के साथ निष्ठा से हैं. उनलोगों को अपने नेतृत्व पर भरोसा नहीं है तो भागेंगे ही. उपचुनाव में पहले तो तीन ही दल थे अब सब लोग हैं. हम लोगों की ताकत का उन्हें पता चल जाएगा." -विजय सिन्हा, डिप्टी सीएम
अब तक 6 विधायकों ने बदला पाला: बता दें कि 12 फरवरी को विश्वास मत में राजद विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी, और प्रह्लाद यादव सत्ता पक्ष के लिए वोट किए थे. इसके ठीक 15वां दिन राजद विधायक संगीता कुमारी और कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुमार, मुरारी गौतम सत्ता पक्ष में आकर बैठ गए. बताया जा रहा है कि संगीत कुमारी ने भाजपा ज्वाइन कर लिया है. यह भी चर्चा है कि कांग्रेस के तीन विधायक और एनडीए की ओर आ सकते हैं.
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