शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में पहले ही दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी दल भाजपा ने सेशन शुरू होने से पहले सुबह 9.32 बजे नियम-67 के तहत चर्चा के लिए नोटिस दिया था. भाजपा सदस्यों का मानना था कि हिमाचल में कानून-व्यवस्था की स्थिति निरंतर खराब हो रही है, लिहाजा सारे काम रोककर पहले नियम-67 के तहत कानून-व्यवस्था की बिगड़ती हालत पर चर्चा की जाए. हालांकि, स्पीकर ने चर्चा की अनुमति नहीं दी, लेकिन इस दौरान सदन में पक्ष और विपक्ष में जमकर शब्द बाण चले. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कानून-व्यवस्था को लेकर कहा कि कुछ आइसोलेट घटनाएं हुई हैं और उनकी सरकार ने तुरंत एक्शन लिया है. इस बीच, उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि सदन में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या फिर से चालीस हो गई है, इसके कारण इनके (विपक्ष) के पेट में दर्द हो रही है.
दो गैंग आपस में लड़े और भाजपा चाहती है सदन संरक्षण करे: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बद्दी में नशे की तस्करी करने वाले दो गैंग आपस में लड़े और विपक्ष ये चाहता है कि सदन उनका सरंक्षण करे? नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पूर्व में सीएम रहे हैं और सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं. दो गैंग की आपस की लड़ाई हुई है. इस पर नियम-67 के तहत चर्चा का नोटिस दिवालियापन दिखाता है. डिप्टी सीएम ने कहा, आज के दिन तो विपक्ष को कानून-व्यवस्था पर प्रस्ताव लाना ही नहीं चाहिए था. देखिए, कंगना का बयान कानून-व्यवस्था का मामला है. उधर, विधानसभा के बाहर (महिला कांग्रेस का विधायक हंसराज के खिलाफ प्रदर्शन) भी जो हो रहा है, वो कानून-व्यवस्था का मसला ही है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश को चलाना जिम्मेदारी का काम है. विपक्ष को रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए. मानसून सेशन के पहले ही दिन विपक्ष के सदस्य गैंगवार को लेकर प्रस्ताव लाए हैं, गुंडों के बारे में प्रस्ताव लाए हैं, ऐसा विधानसभा के इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा. उल्लेखनीय है कि नेता प्रतिपक्ष ने बद्दी में दो गुटों की लड़ाई में एक युवक की मौत को बिगड़ती कानून-व्यवस्था से जोड़कर स्थगन प्रस्ताव लाया था.
जयराम ठाकुर ने कहा था कि बद्दी में युवक को घसीट-घसीट कर पीटा गया और उसकी मौत हो गई. वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है. इसके अलावा प्रदेश में जब से कांग्रेस सरकार आई है, तब से अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं. वहीं, सत्ता पक्ष का कहना था कि बद्दी में नशा तस्करों के दो गुट आपस में लड़े थे. इन मसलों पर भी चर्चा होनी चाहिए, लेकिन नियम-67 का प्रावधान इसलिए है कि कोई आपात स्थिति आए तो उस पर चर्चा हो.
डिप्टी सीएम ने स्पीकर कुलदीप पठानिया की तरफ से नोटिस को खारिज करने के कदम की सराहना भी की. इसके बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी सदन में कहा कि नशा तस्करों की मृत्यु पर सदन में चर्चा हो, ये ठीक नहीं है. सीएम ने कहा कि कानून-व्यवस्था पर चर्चा से परहेज नहीं है, लेकिन इस मामले में नियम-67 के तहत चर्चा मांगना सही नहीं है.