लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में आखिर ये हो क्या रहा है. बड़े-बड़े राजनीतिक विश्लेषक इन हालातों को भांपने में असफल हो रहे हैं. माना जा रहा है कि दिल्ली में 2 दिन तक चली भारतीय जनता पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक के बावजूद उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच शीत युद्ध पर कोई विराम नहीं लगा है.
केशव प्रसाद मौर्य दोपहर में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा की बैठक में मुख्यमंत्री के आते ही निकल गए और उसके बाद शाम को उन्होंने योगी आदित्यनाथ के अंतर्गत आने वाले गृह विभाग की बैठक ले ली. इस बैठक की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की मगर, मुख्यमंत्री को टैग नहीं किया. इस बैठक को लेकर अब चर्चाओं का बाजार गर्म है. वह किसके निर्देश हैं जिनके तहत केशव मौर्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग की बैठक ले रहे हैं.
बैठक में पहुंचे डीजीपी प्रशांत कुमार और एसीपी दीपक कुमार को कानून व्यवस्था दुरुस्त करने समेत कई निर्देश दिए. इस मीटिंग के बारे में केशव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म x और फेसबुक पर कई फोटो के साथ जानकारी साझा की. लेकिन, सीएम योगी के विभाग की बैठक कर रहे केशव ने उन्हें ही टैग नहीं किया है. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बीजेपी और यपी बीजेपी को टैग किया है.
अपनी पोस्ट के साथ केशव ने लिखा कि आज विधान परिषद में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मानसून सत्र के दौरान कानून व्यवस्था के संबंध में बैठक की और जनता की समस्याओं को थानों पर प्राथमिकता से समाधान, बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकने और साइबर क्राइम से संबंधित बढ़ती हुई घटनाओं को व्यापक तौर पर रोकने के प्रयास करने सहित सभी व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए.