ETV Bharat / state

बिना पहचान पत्र अस्पताल में नहीं रुक सकेंगे, डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने जारी किए निर्देश - MEDICAL NEWS

यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को निर्देश जारी किए (Deputy CM Brajesh Pathak) हैं. उन्होंने कहा कि केवल रात्रि विश्राम के लिए अस्पतालों में रुकने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

डिप्टी CM ब्रजेश पाठक (फाइल फोटो)
डिप्टी CM ब्रजेश पाठक (फाइल फोटो) (Photo credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 30, 2024, 8:21 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को सभी संस्थानों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल के स्टाफ की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. चिकित्सालयों में अमूमन ऐसे लोगों को देखा जाता है, जिनका कोई भी रोगी अस्पताल में भर्ती नहीं है, वे सिर्फ रात विश्राम के लिए अस्पतालों में रुक जाते हैं. ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. वार्ड, आईसीयू, रेस्टिंग रूम, इमरजेंसी वार्ड, आईपीडी विभाग में रात्रि प्रवेश के लिए तीमारदारों को प्रवेश पत्र चेक किए जाएं.

उन्होंने बताया कि रात्रि ड्यूटी में महिला चिकित्सकों, स्टाफ नर्सों को रोगियों को देखने के लिए अन्य ब्लॉक एवं वार्ड में जाना पड़ता है. उनके आने-जाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए. चिकित्सालय परिसर, आवासीय क्षेत्र, हॉस्टल में रात में समुचित प्रकाश व्यवस्था की जाए ताकि अंधेरे का फायदा उठाकर कोई असमाजिक तत्व अंदर न आ सके. रात के समय चिकित्सालय परिसर में सुरक्षा के लिए सुरक्षा अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण किया जाए. रात में अस्पताल परिसर में सोने वाले तीमारदारों से भी समय-समय पर पूछताछ की जाए.

कंट्रोल रूम को करें क्रियाशील : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं कि चिकित्सालय परिसर में 24 घंटे सुरक्षा के लिए कंट्रोल रूम को क्रियाशील किया जाए. कंट्रोल रूम में आवश्यक सुरक्षाकर्मी तैनात रहें. अस्पताल परिसर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त सेना के जवानों की भर्ती की जाए. चिकित्सालय के नजदीक पुलिस थाने के लिए समन्वय और नियमित रूप से संवाद स्थापित किया जाए.

आंतरिक यौन उत्पीड़न समिति का होगा गठन : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत चिकित्सालय में महिला चिकित्सकों व महिला कर्मियों के लिए आंतरिक यौन उत्पीड़न समिति का गठन किया जाए. चिकित्सालय परिसर में स्थापित सीसी टीवी कैमरों की समय-समय पर चेकिंग की जाए. कैमरों की संख्या पर्याप्त एवं सभी क्रियाशील होने चाहिए. अस्पताल में ठेका एवं आउटसोर्सिंग स्टाफ का पुलिस सत्यापन अवश्य कराया जाए.

उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल परिसर में डॉक्टर अथवा चिकित्सा कर्मचारियों के साथ हिंसा होती है तो अस्पताल के इंचार्ज या उनके द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा एफआईआर कराई जाएगी. इसे संस्थागत एफआईआर कहा जाएगा. इसकी रिपोर्टिंग का कार्य अस्पताल द्वारा किया जाएगा न कि प्रभावित व्यक्ति द्वारा.

यह भी पढ़ें : उपमुख्यमंत्री ने कहा- KGMU में गंभीर बीमारियों का है संपूर्ण इलाज की व्यवस्था - Deputy CM Brajesh Pathak in KGMU

यह भी पढ़ें : मैनपुरी के रोजगार मेले में डिप्टी सीएम ने बांटे नियुक्ति पत्र, लैपटॉप व स्मार्टफोन - Employment fair in Mainpuri Karhal

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को सभी संस्थानों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल के स्टाफ की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. चिकित्सालयों में अमूमन ऐसे लोगों को देखा जाता है, जिनका कोई भी रोगी अस्पताल में भर्ती नहीं है, वे सिर्फ रात विश्राम के लिए अस्पतालों में रुक जाते हैं. ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. वार्ड, आईसीयू, रेस्टिंग रूम, इमरजेंसी वार्ड, आईपीडी विभाग में रात्रि प्रवेश के लिए तीमारदारों को प्रवेश पत्र चेक किए जाएं.

उन्होंने बताया कि रात्रि ड्यूटी में महिला चिकित्सकों, स्टाफ नर्सों को रोगियों को देखने के लिए अन्य ब्लॉक एवं वार्ड में जाना पड़ता है. उनके आने-जाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए. चिकित्सालय परिसर, आवासीय क्षेत्र, हॉस्टल में रात में समुचित प्रकाश व्यवस्था की जाए ताकि अंधेरे का फायदा उठाकर कोई असमाजिक तत्व अंदर न आ सके. रात के समय चिकित्सालय परिसर में सुरक्षा के लिए सुरक्षा अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण किया जाए. रात में अस्पताल परिसर में सोने वाले तीमारदारों से भी समय-समय पर पूछताछ की जाए.

कंट्रोल रूम को करें क्रियाशील : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं कि चिकित्सालय परिसर में 24 घंटे सुरक्षा के लिए कंट्रोल रूम को क्रियाशील किया जाए. कंट्रोल रूम में आवश्यक सुरक्षाकर्मी तैनात रहें. अस्पताल परिसर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त सेना के जवानों की भर्ती की जाए. चिकित्सालय के नजदीक पुलिस थाने के लिए समन्वय और नियमित रूप से संवाद स्थापित किया जाए.

आंतरिक यौन उत्पीड़न समिति का होगा गठन : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत चिकित्सालय में महिला चिकित्सकों व महिला कर्मियों के लिए आंतरिक यौन उत्पीड़न समिति का गठन किया जाए. चिकित्सालय परिसर में स्थापित सीसी टीवी कैमरों की समय-समय पर चेकिंग की जाए. कैमरों की संख्या पर्याप्त एवं सभी क्रियाशील होने चाहिए. अस्पताल में ठेका एवं आउटसोर्सिंग स्टाफ का पुलिस सत्यापन अवश्य कराया जाए.

उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल परिसर में डॉक्टर अथवा चिकित्सा कर्मचारियों के साथ हिंसा होती है तो अस्पताल के इंचार्ज या उनके द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा एफआईआर कराई जाएगी. इसे संस्थागत एफआईआर कहा जाएगा. इसकी रिपोर्टिंग का कार्य अस्पताल द्वारा किया जाएगा न कि प्रभावित व्यक्ति द्वारा.

यह भी पढ़ें : उपमुख्यमंत्री ने कहा- KGMU में गंभीर बीमारियों का है संपूर्ण इलाज की व्यवस्था - Deputy CM Brajesh Pathak in KGMU

यह भी पढ़ें : मैनपुरी के रोजगार मेले में डिप्टी सीएम ने बांटे नियुक्ति पत्र, लैपटॉप व स्मार्टफोन - Employment fair in Mainpuri Karhal

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.