जयपुर. प्रदेश में नशे के खिलाफ चिकित्सा विभाग सख्त कदम उठाने जा रहा है. प्रदेश में युवा नशे के लिए अब इलाज में आने वाली दवाओं का सहारा ले रहे हैं. इसके साथ ही अवैध तरीके से 14 तरह की दवाइयों को बेचा जा रहा है, जिसके बाद औषधि नियंत्रण विभाग इन 14 दवाओं के बेचने पर सख्ती करने की तैयारी कर रहा है.
औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि प्रदेश में नशे के कारोबार में लिप्त लोगों पर विभाग ने कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. इसको लेकर एक अभियान भी प्रदेश में चलाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है. फाटक का कहना है कि पिछले कुछ समय से यह देखने को मिला है कि बाजार में बेचे जाने वाली 14 तरह की दवाइयों का उपयोग नशे के लिए किया जा रहा है. यह दवा आम तौर पर मानसिक रोगों और न्यूरो संबंधित इलाज में काम आती है, लेकिन इसके इतर भी इन दवाओं का उपयोग नशे के लिए किया जा रहा है और बाजारों में बेचा जा रहा है.
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इन दवाओं पर सख्ती : अजय फाटक ने बताया कि 22 मई तक प्रदेश भर में अभियान चलाकर नशे के काम में आने वाली 14 तरह की दवाइयों पर सख्ती की जाएगी. इन दवाओं में (1) कोडीन (2) डिफेनोक्सिलेट (3) पेंटाज़ोसाइन (4) ब्यूप्रेनोर्फिन (5) क्लॉर्डियाज़ेपॉक्साइड (6) नाइट्राज़ेपम (7) डायजेपाम (8) अल्प्राजोलम (9) क्लोनाज़ेपम (10) ट्रामाडोल 11) एटिज़ोलम (12) टेपेंटाडोल (13) प्रीगाबलिन (14) गैबापेंटिन शमिल हैं. अजय फाटक का कहना है कि इन दवाओं का उपयोग मानसिक रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है.
स्टॉक पर निगरानी : अजय फाटक ने बताया कि जिन मेडिकल स्टोर्स पर इन दवाइयों की बिक्री की जाती है, वहां स्टाक पर विभाग की ओर से अब नजर रखी जाएगी. विभाग के अधिकारी यह तय करेंगे कि ये दवाइयां सिर्फ चिकित्सक की ओर से लिखने पर ही दी जाए और दवाइयों की खरीद और बिक्री पर भी नजर रखी जाएगी. गड़बड़ी मिलने पर विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी. औषधि नियंत्रक विभाग इस तरह की दवाइयों को बेचने वाले होल सेलर से भी समय समय पर स्टॉक की जानकारी लेगा.