जबलपुर। मध्यप्रदेश में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. शासकीय व निजी अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं. डेंगू के रोकथाम के लिए कोई कार्रवाई नहीं किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने प्रदेश के सभी नगर निगम को नोटिस जारी कर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये हैं.
आरटीआई एक्टिविस्ट ने याचिका में ये बताया
हरदा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता डॉ.विजय बजाज की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में डेंगू बेलगाम है. सरकारी अस्पतालों में मरीज भर्ती हैं. निजी अस्पतालों में भी डेंगू पीड़ित पहुंच रहे है. मध्यप्रदेश में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है. इस बार डेंगू वायरस पिछले वर्षों की तुलना में अधिक शक्तिशाली है. इस कारण लोगों की मौतें भी हो रही हैं. प्रदेश सरकार तथा नगर निगम डेंगू के प्रकोप की रोकथाम के लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं.
मध्यप्रदेश में इस बार डेंगू का डबल अटैक
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आदित्य संघी ने युगलपीठ को राष्ट्रीय जनित रोग नियंत्रण केंद्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में डेंगू पीड़ितों की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ. इस बार स्थिति बद से बदतर है. प्रदेश का स्वास्थ्य अमला तथा नगर निगम सो रहा है. डेंगू मच्छर की रोकथाम के लिए नगर निगम फॉगिंग मशीन का उपयोग तक नहीं कर रहा है.
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याचिका में फॉगिंग मशीन से छिड़काव करने की मांग
याचिका में मांग की गई कि प्रदेश सरकार व नगर निगम को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. इसके अलावा मच्छरों की रोकथाम के लिए फॉगिंग मशीन से छिड़काव के लिए नगर निगम को निर्देशित किया जाए. याचिका में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग, भोपाल व जबलपुर के निगमायुक्त को अनावेदक बनाया गया है. याचिका पर अगली सुनवाई 19 सितम्बर को निर्धारित की गयी है.