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बढ़ने लगे डेंगू के मामलेः बुखार को हल्के में लेने की गलती न करें तुरंत चिकित्सक से लें उपचार, इलाज में देरी बन सकती है जानलेवा

डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं. इस बार डेंगू के लक्षण कम दिखाई दे रहे हैं. इस कारण लोग डेंगू को पहचान नहीं पा रहे.

Dengue Cases  in Ajmer
अजमेर में बरसात के बाद बढ़ने लगे डेंगू के मामले (Photo ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 9, 2024, 7:47 PM IST

अजमेर: बरसात के बाद अब जिले के अस्पतालों में डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. बरसात के कारण कई जगहों पर पानी भर गया है, जिससे मच्छर पनप रहे हैं. खास बात यह है कि इस बार डेंगू के लक्षण रोगी में कम दिखाई दे रहे हैं. इस कारण लोग इस बीमारी को पहचान नहीं पा रहे है. यही वजह है कि लोग बुखार, बदन दर्द को सामान्य मानकर घर पर ही इलाज लेने लगते हैं. इस वजह से डेंगू का असर बढ़ने लगता है. जब रोगी चिकित्सक के पास पहुंचता है, तब तक उसकी हालत बिगड़ जाती है.

अजमेर में डेंगू के मरीजों के आंकड़े: इस वर्ष जनवरी से मार्च तक डेंगू का एक भी केस रिपोर्ट नहीं हुआ था. उसके बाद अप्रेल में चार, मई माह में 5, जून माह में 2, जुलाई में 26, अगस्त में 15, सितंबर में 76, अक्टूबर में 34 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं. अस्पताल में मंगलवार तक डेंगू के मरीजों की संख्या 167 थी. गनीमत है कि अभी तक अजमेर जिले में डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई है.

अजमेर में बरसात के बाद बढ़ने लगे डेंगू के मामले (ETV Bharat Ajmer)

पढ़ें: बदले डेंगू के लक्षण, अब बुखार से मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का बढ़ा खतरा

अजमेर के जेएलएन अस्पताल में मेडिसन विभाग के सहायक आचार्य डॉ मनीराम कुम्हार ने बताया कि बरसात के बाद कई बीमारियां होती है. इनमें मलेरिया बुखार, डेंगू, टाइफाइड, स्क्रबटाइफीज और वायरल बुखार शामिल हैं. डॉ कुम्हार बताते हैं कि डेंगू मच्छर के काटने से होता है. खासकर सुबह और शाम के वक्त यह डेंगू मच्छर काफी सक्रिय रहते है. लिहाजा ऐसे वक्त में लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है.उन्होंने बताया कि बुखार आने पर बदन में दर्द रहने पर उसे हल्के में लेने की गलती बिल्कुल भी ना करें. बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

यह हैं डेंगू के लक्षण: डॉ कुम्हार ने बताया कि सिर दर्द, तेज बुखार, शरीर में जकड़न, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी होना, पेट दर्द, कमजोरी, चक्कर आना शरीर पर दाने निकलना आदि इसके लक्षण हैं. उन्होंने बताया कि कई बार जांच के दौरान भी डेंगू की रिपोर्ट नेगेटिव पाई जाती है, लेकिन रोगी में डेंगू के लक्षण प्रतीत होते हैं. ऐसे रोगियों को भी चिकित्सक के परामर्श से ही इलाज लेना चाहिए.

दर्द निवारक दवा ना लें: डॉ कुम्हार ने बताया कि बुखार और बदन दर्द होने पर अक्सर लोग गलती करते हैं. दर्द निवारक गोलियां लेते हैं, जिससे डेंगू के मरीज की प्लेटलेट्स तेजी से गिरती है और रोगी की हालत बिगड़ने लगती है. बुखार आने पर पैरासिटामोल रोगी को दी जा सकती है, लेकिन दर्द निवारक दवा बिना चिकित्सक के परामर्श के ना लें. बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं.

यह भी पढ़ें:भरतपुर में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, तीन माह में 86 मरीज आए सामने...विभाग मरीज मिलने पर ही करा रहा फॉगिंग

एंटी लार्वा और एंटी एडीज अभियान : अजमेर जिले की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ज्योत्सना रंगा ने बताया कि सीजन के कारण डेंगू के मरीज आ रहे हैं, लेकिन महामारी की स्थिति नहीं है. अप्रेल से ही एंटी लार्वा और एंटी एडीज अभियान जारी है. शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आशा सहयोगिनियों और नर्सिंग स्टूडेंट्स की टीमें लगी हुई हैं, जिनकी मॉनिटरिंग एक एप के जरिए राज्य सरकार के स्तर पर हो रही है. इसके अलावा लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है कि वे अपने घरों के आसपास पानी जमा ना होने दें. उन्होंने बताया कि जनवरी से अभी तक जिले में 167 मरीज सामने आए हैं. वहीं डेंगू से जिले में एक भी मौत नहीं हुई है.

अजमेर: बरसात के बाद अब जिले के अस्पतालों में डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. बरसात के कारण कई जगहों पर पानी भर गया है, जिससे मच्छर पनप रहे हैं. खास बात यह है कि इस बार डेंगू के लक्षण रोगी में कम दिखाई दे रहे हैं. इस कारण लोग इस बीमारी को पहचान नहीं पा रहे है. यही वजह है कि लोग बुखार, बदन दर्द को सामान्य मानकर घर पर ही इलाज लेने लगते हैं. इस वजह से डेंगू का असर बढ़ने लगता है. जब रोगी चिकित्सक के पास पहुंचता है, तब तक उसकी हालत बिगड़ जाती है.

अजमेर में डेंगू के मरीजों के आंकड़े: इस वर्ष जनवरी से मार्च तक डेंगू का एक भी केस रिपोर्ट नहीं हुआ था. उसके बाद अप्रेल में चार, मई माह में 5, जून माह में 2, जुलाई में 26, अगस्त में 15, सितंबर में 76, अक्टूबर में 34 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं. अस्पताल में मंगलवार तक डेंगू के मरीजों की संख्या 167 थी. गनीमत है कि अभी तक अजमेर जिले में डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई है.

अजमेर में बरसात के बाद बढ़ने लगे डेंगू के मामले (ETV Bharat Ajmer)

पढ़ें: बदले डेंगू के लक्षण, अब बुखार से मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का बढ़ा खतरा

अजमेर के जेएलएन अस्पताल में मेडिसन विभाग के सहायक आचार्य डॉ मनीराम कुम्हार ने बताया कि बरसात के बाद कई बीमारियां होती है. इनमें मलेरिया बुखार, डेंगू, टाइफाइड, स्क्रबटाइफीज और वायरल बुखार शामिल हैं. डॉ कुम्हार बताते हैं कि डेंगू मच्छर के काटने से होता है. खासकर सुबह और शाम के वक्त यह डेंगू मच्छर काफी सक्रिय रहते है. लिहाजा ऐसे वक्त में लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है.उन्होंने बताया कि बुखार आने पर बदन में दर्द रहने पर उसे हल्के में लेने की गलती बिल्कुल भी ना करें. बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

यह हैं डेंगू के लक्षण: डॉ कुम्हार ने बताया कि सिर दर्द, तेज बुखार, शरीर में जकड़न, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी होना, पेट दर्द, कमजोरी, चक्कर आना शरीर पर दाने निकलना आदि इसके लक्षण हैं. उन्होंने बताया कि कई बार जांच के दौरान भी डेंगू की रिपोर्ट नेगेटिव पाई जाती है, लेकिन रोगी में डेंगू के लक्षण प्रतीत होते हैं. ऐसे रोगियों को भी चिकित्सक के परामर्श से ही इलाज लेना चाहिए.

दर्द निवारक दवा ना लें: डॉ कुम्हार ने बताया कि बुखार और बदन दर्द होने पर अक्सर लोग गलती करते हैं. दर्द निवारक गोलियां लेते हैं, जिससे डेंगू के मरीज की प्लेटलेट्स तेजी से गिरती है और रोगी की हालत बिगड़ने लगती है. बुखार आने पर पैरासिटामोल रोगी को दी जा सकती है, लेकिन दर्द निवारक दवा बिना चिकित्सक के परामर्श के ना लें. बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं.

यह भी पढ़ें:भरतपुर में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, तीन माह में 86 मरीज आए सामने...विभाग मरीज मिलने पर ही करा रहा फॉगिंग

एंटी लार्वा और एंटी एडीज अभियान : अजमेर जिले की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ज्योत्सना रंगा ने बताया कि सीजन के कारण डेंगू के मरीज आ रहे हैं, लेकिन महामारी की स्थिति नहीं है. अप्रेल से ही एंटी लार्वा और एंटी एडीज अभियान जारी है. शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आशा सहयोगिनियों और नर्सिंग स्टूडेंट्स की टीमें लगी हुई हैं, जिनकी मॉनिटरिंग एक एप के जरिए राज्य सरकार के स्तर पर हो रही है. इसके अलावा लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है कि वे अपने घरों के आसपास पानी जमा ना होने दें. उन्होंने बताया कि जनवरी से अभी तक जिले में 167 मरीज सामने आए हैं. वहीं डेंगू से जिले में एक भी मौत नहीं हुई है.

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