जयपुर : मौसमी बीमारियां हर साल चिकित्सा विभाग के लिए चुनौती के रूप में सामने आती हैं. इसे देखते हुए चिकित्सा विभाग ने हर अस्पताल में हॉस्पिटल स्क्रीनिंग और प्रिवेंशन कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया है, ताकि मौसमी बीमारियों से निपटा जा सके. मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में मौसमी बीमारियों की रोकथाम का बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है. बीते साल की तुलना में अब तक मलेरिया और डेंगू के केस लगभग आधे हैं. ज्यादातर जिलों में स्थिति नियंत्रण में है.
उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में मौसमी बीमारियों का प्रसार हो सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं, हाल ही में केंद्र सरकार ने भी मौसमी बीमारियों को लेकर देश के कुछ राज्यों में एक अलर्ट जारी किया था, जिसमें राजस्थान भी शामिल था. प्रदेश में मौसमी बीमारियों की मौजूदा स्थिति की बात करें तो डेंगू और मलेरिया के मामलों में धीरे-धीरे तेजी होने लगी है. अस्पतालों में इन दोनों बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है.
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प्रदेश में मौसमी बीमारियों की बात करें तो अभी तक प्रदेश में डेंगू के 1805 मामले सामने आए हैं, जिसमें सर्वाधिक 229 मामले बीकानेर से जबकि 199 मामले उदयपुर से देखने को मिले हैं. इसके अलावा जयपुर ग्रामीण से 170 और जयपुर शहर से 137 मामले डेंगू के सामने आ चुके हैं. वहीं, प्रदेश में मलेरिया के 710 मामले अभी तक सामने आए हैं. इसमें सर्वाधिक 191 मामले बाड़मेर से दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा जैसलमेर से 94 और उदयपुर से 113 मामले सामने आए हैं.