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ड्रोन की मदद से दवाइयों की सप्लाई का डेमोस्ट्रेशन, जशपुर कलेक्टर ने सराहा

जशपुर जिले में बैंगलुरू की एक निजी कंपनी ने ड्रोन की मदद से दवाईयों के सप्लाई का डेमोस्ट्रेशन किया.

supply of medicines with drone in CG
जशपुर में ड्रोन से दवाइयों की सप्लाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 8 hours ago

जशपुर : जिले के सुदूर अंचलों में तेज गति से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन की मदद ली जा सकती है. इसका प्रदर्शन मंगलवार को बैंगलुरू की एक निजी कंपनी ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग किया.

ड्रोन की सक्षमता को किया प्रदर्शित : कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देशन में जिला प्रशासन कई कामों में गति लाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है. इसी कड़ी में प्रायोगिक तौर पर पुलिस लाईन से एक ड्रोन की मदद से दवाईयों को 50 किमी दूर सन्ना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. फिर वहां से ड्रोन सकुशल मेडिकल किट लेकर वापस आ गया. इस पूरे गतिविधि में लगभग एक घंटे का समय लगा. इसके बाद कलेक्टर ने ड्रोन संचालन दल से इसके संचालन और क्षमता की जानकारी ली.

ड्रोन से दवाइयों की सप्लाई का डेमोस्ट्रेशन (ETV Bharat)

दुर्गम क्षेत्रों में सुविधाएं पहुंचाने की कोशिश : पहाड़ों और पठारों से घिरे जशपुर जिले में कई दुर्गम इलाके हैं. इसी वजह कई बार इन क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक इन समस्याओं के समाधान का एक जरिया बन सकती है.

यह ड्रोन इंडिया में बना हुआ है. यह एक बार में 60 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. इसे डीजीसीए द्वारा प्रमाणित किया गया है. यह 5 किलोग्राम तक का भार लेकर 75 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. इसमें कोल्ड चेन की भी सुविधा होने की वजह से इसके माध्यम से वैक्सिन, ब्लड सैंपल, दवाईयों का सुरक्षित परिवहन भी संभव है. ड्रोन पर्यावरण के लिए भी अनूकुल है : रोहित देवांगन, रेडविंग कंपनी

स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ेगी : इसके इस्तेमाल से 90 प्रतिशत तक कार्बन फुटप्रिंट तक कम किया जा सकता है. ड्रोन टीम ने बताया कि यह प्रदर्शन भारत सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने की दिशा में किया गया है. हेल्थ केयर ड्रोन प्रौद्योगिकी के प्रयोग का एक भाग है. इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर हरिओम द्विवेदी, सीएचएमओ जीएस जात्रा सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.

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जशपुर : जिले के सुदूर अंचलों में तेज गति से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन की मदद ली जा सकती है. इसका प्रदर्शन मंगलवार को बैंगलुरू की एक निजी कंपनी ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग किया.

ड्रोन की सक्षमता को किया प्रदर्शित : कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देशन में जिला प्रशासन कई कामों में गति लाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है. इसी कड़ी में प्रायोगिक तौर पर पुलिस लाईन से एक ड्रोन की मदद से दवाईयों को 50 किमी दूर सन्ना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. फिर वहां से ड्रोन सकुशल मेडिकल किट लेकर वापस आ गया. इस पूरे गतिविधि में लगभग एक घंटे का समय लगा. इसके बाद कलेक्टर ने ड्रोन संचालन दल से इसके संचालन और क्षमता की जानकारी ली.

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दुर्गम क्षेत्रों में सुविधाएं पहुंचाने की कोशिश : पहाड़ों और पठारों से घिरे जशपुर जिले में कई दुर्गम इलाके हैं. इसी वजह कई बार इन क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक इन समस्याओं के समाधान का एक जरिया बन सकती है.

यह ड्रोन इंडिया में बना हुआ है. यह एक बार में 60 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. इसे डीजीसीए द्वारा प्रमाणित किया गया है. यह 5 किलोग्राम तक का भार लेकर 75 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. इसमें कोल्ड चेन की भी सुविधा होने की वजह से इसके माध्यम से वैक्सिन, ब्लड सैंपल, दवाईयों का सुरक्षित परिवहन भी संभव है. ड्रोन पर्यावरण के लिए भी अनूकुल है : रोहित देवांगन, रेडविंग कंपनी

स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ेगी : इसके इस्तेमाल से 90 प्रतिशत तक कार्बन फुटप्रिंट तक कम किया जा सकता है. ड्रोन टीम ने बताया कि यह प्रदर्शन भारत सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने की दिशा में किया गया है. हेल्थ केयर ड्रोन प्रौद्योगिकी के प्रयोग का एक भाग है. इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर हरिओम द्विवेदी, सीएचएमओ जीएस जात्रा सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.

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