धनबाद: शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच कुव्यवस्था की भेंट चढ़ा हुआ है. मरीज छोड़िए, यहां के डॉक्टर भी परेशान हैं. कारण हैं अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस संचालकों मनमानी. निजी एंबुलेंस चालकों ने अस्पताल प्रबंधन की परेशानी बढ़ा दी है.
सिर्फ कुव्यवस्था ही नहीं, बल्कि एंबुलेंस संचालन से जुड़े लोगों का रात में अस्पताल में जमावड़ा लगा रहता है. वे रात में आने-जाने वाली महिला डॉक्टरों पर अभद्र टिप्पणी करते हैं. इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस से निजी एंबुलेंस को अस्पताल परिसर से बाहर पार्क करने की मांग की है.
एसएनएमएमसीएच के नोडल पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि निजी एंबुलेंस के अस्पताल में रुकने से काफी परेशानी होती है. एंबुलेंस को इमरजेंसी वार्ड के प्रवेश द्वार के पास खड़ा कर दिया जाता है. जिससे बाहर से मरीजों को लेकर आने वाले 108 एंबुलेंस को परेशानी होती है. 108 एंबुलेंस चालक के बोलने पर वे मारपीट पर उतारू हो जाते हैं.
इतना ही नहीं, रात में महिला डॉक्टरों का अस्पताल में आना-जाना लगा रहता है. निजी एंबुलेंस संचालन से जुड़े लोग उन पर अभद्र टिप्पणी भी करते हैं. निजी एंबुलेंस संचालन से जुड़े लोग रात में समूह बनाकर एकत्रित होते हैं. जिससे उनका मनोबल और भी बढ़ जाता है.
इसके साथ ही कॉलोनी से एक सड़क सीधे अस्पताल परिसर में आती है. इस सड़क से अस्पताल का कोई लेना-देना नहीं है. इस सड़क को बंद करने की मांग पिछले पांच वर्षों से की जा रही है. लेकिन अब तक सड़क को बंद नहीं किया जा सका है. इस सड़क के बंद होने से अस्पताल की चारों तरफ से बाउंड्रीवाल हो जाएगी. जिसके बाद अस्पताल परिसर पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा.
अस्पताल परिसर में इस अव्यवस्था को लेकर सिटी एसपी ने अपील की है. उधर, मामले को लेकर सिटी एसपी अजीत कुमार ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा समस्या बताई गई है. उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाएगा.
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