नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक पद पर अश्विनी कुमार की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया है. साथ ही जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने केवल प्रचार पाने के लिए याचिका दायर किया है. उसने वक्फ बोर्ड के प्रशासक के पद पर अश्विनी कुमार की नियुक्ति को निरस्त करने की उचित वजह नहीं बताई है.
कोर्ट ने कहा कि अश्विनी कुमार वक्फ बोर्ड के प्रशासक के पद के लिए अयोग्य हैं, इस बारे में याचिका में कहीं कुछ नहीं कहा गया है. याचिका में अखूंदजी मस्जिक को गिराने से रोकने में नाकाम रहने के सिवाय एक भी ऐसा कारण नहीं बताया गया है कि अश्विनी कुमार वक्फ बोर्ड के प्रशासक पद के योग्य क्यों नहीं है.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश देते हुए जुर्माने की रकम आर्म्ड फोर्सेस बैटल कैजुअल्टीज वेलफेयर फंड में चार हफ्ते में जमा करने का आदेश दिया. याचिका मेहरौली निवासी यामिन अली ने दायर किया था. इसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता की मां अखूंदजी मस्जिद के बगल वाले कब्रगाह में दफनायी गई थी, जो दिल्ली वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. लेकिन वक्फ बोर्ड के प्रशासक इस मस्जिद की रक्षा कर पाने में नाकाम रहे. ऐसे में उन्हें वक्फ बोर्ड के प्रशासक के पद से हटाया जाना चाहिए. बता दें, अखूंदजी मस्जिद करीब सात सौ साल पुरानी थी. इसे डीडीए ने 30 जनवरी को ध्वस्त कर दिया था.
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