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Neet 2024 UG परीक्षा के रिजल्ट से मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकारमय, CBI करे मामले की जांच, ग्रेस मार्क्स का नियम नहीं' - Neet 2024 Ug Result - NEET 2024 UG RESULT

Neet 2024 UG परीक्षा विवादों में है. इस पूरे मामले पर कोर्ट और शिक्षा विभाग से हस्तक्षेप की मांग की गई है. छात्र नेता दिलीप ने कहा कि मेधावी छात्रों का मनोबल इस रिजल्ट ने तोड़ा है. ऐसे में परीक्षा और रिजल्ट को रद्द किया जाए. दोबारा से परीक्षा आयोजित हो. साथ ही पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. आईआईटी मेडिकल के सेंटर हेड ने कहा कि परीक्षा में जब ग्रेस देने का कोई नियम नहीं था तो रिजल्ट देने समय ग्रेस का नियम कहां से लागू कर दिया गया.

नीट यूजी की परीक्षा का परिणाम
नीट यूजी की परीक्षा का परिणाम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 7, 2024, 7:17 PM IST

Updated : Jun 7, 2024, 7:49 PM IST

पटना: नीट यूजी की परीक्षा का परिणाम 4 जून को सामने आया. परिणाम चौंकाने वाला रहा क्योंकि 67 छात्रों ने 720 में 720 अंक हासिल किया. ऐसे में जब से रिजल्ट आया है नीट की परीक्षा देने वाले छात्र हों या तैयारी करने वाले शिक्षक सभी आक्रोशित हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी नीट यूजी के रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है.

14 जून के बजाय 4 जून को रिजल्ट जारी: नीट यूजी परीक्षा के दिन से लेकर रिजल्ट तक विवादों में है. इस परीक्षा में पेपर लीक का दाग लगा और कई गिरफ्तारियां भी सबूत के आधार पर हुई है. लेकिन परीक्षा करने वाली एजेंसी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने पेपर लीक की बात को स्वीकार नहीं किया और 14 जून को रिजल्ट जारी करने के बजाय 4 जून को रिजल्ट जारी कर दिया.

राजस्थान से आई पेपर लीक की खबर : 5 मई को देश भर के परीक्षा केंद्रों पर नीट परीक्षा आयोजित की गई. 23 लाख के करीब अभ्यर्थी शामिल हुए. लेकिन राजस्थान के सवाई मानसिंह सवाई माधोपुर के एक सेंटर से पेपर लीक की बात सामने आई. एनटीए ने इसका खंडन किया. लेकिन पटना में पुलिस ने पेपर लीक की बात को पुष्टि कर दी.

बिहार से गिरफ्तारी: पटना पुलिस ने पेपर लीक की सूचना मिलने पर थोड़ी कार्रवाई की और परीक्षा के दिन ही सुबह में रामकृष्ण नगर इलाके में छापेमारी की. इस दौरान एक हॉस्टल में नीट परीक्षा के प्रश्न पत्र और उसके उत्तर जले हुए मिले. पुलिस ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारी शुरू की और दूसरे के बदले परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को पकड़ना शुरू किया.

विवादों में नीट यूजी परीक्षा (ETV Bharat)

ऐसे हुआ था खुलासा: इसी बीच पटना के शास्त्री नगर थाना स्थित डीएवी बीएसईबी स्कूल में परीक्षा देकर निकलते छात्र आयुष राज को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस के सामने आयुष ने एडमिट किया कि उसे एक दिन पूर्व परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को हूबहू उपलब्ध करा दिए गए थे और उसके साथ 4 मई की शाम 25 परीक्षार्थी करीब और थे जिन्हें प्रश्न पत्र और उसका उत्तर रटवाया गया.

प्रति अभ्यर्थी 20 लाख रुपए में सौदा तय: पटना पुलिस ने शास्त्री नगर थाने में प्राथमिक दर्ज की और आयुष के पिता समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया. इसमें दानापुर नगर परिषद का इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु भी पकड़ा गया. इसके अलावा पुलिस ने संजीव कुमार को गिरफ्तार किया जिसका पुत्र डॉ शिव कुमार शिक्षक बहाली पेपर लीक मामले में बिहार में पहले से जेल में है. अभ्यर्थियों के अभिभावकों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि प्रति अभ्यर्थी 20 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था. प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने वालों ने संजीव और अन्य शिक्षा माफियाओं से 60 करोड़ रुपए में प्रश्न पत्र खरीदा था.

नहीं मिल रहा सरकारी कॉलेज में एडमिशन: नीट परीक्षा देने वाले छात्र प्रवीण कुमार ने बताया कि उन्हें 650 अंक हासिल हुए हैं. पिछली बार 605 अंक पर बच्चों को अच्छी सरकारी कॉलेज मिले थे लेकिन इस बार उन्हें सरकारी कॉलेज नहीं मिल रहा है. परीक्षा में 180 प्रश्न पूछे जाते हैं और काफी गहरा सिलेबस होता है. उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि 720 में 720 अंक 67 छात्रों ने हासिल कर लिए हैं. परीक्षा में प्रश्न भी स्टैंडर्ड का पूछा गया था. ऐसे में जिस प्रकार बच्चों को नंबर आए हैं इससे उन्हें परीक्षा में धांधली सेटिंग की भनक लग रही है. बिहार पुलिस ने कोर्ट को भी इस बात के साक्ष्य दिए कि परीक्षा का पेपर लीक हुआ था और अब रिजल्ट भी स्पष्ट संकेत दे रहे हैं. वह परीक्षा रद्द करने की मांग करते हैं क्योंकि इस रिजल्ट से वह काफी तनाव में है.

टॉपर परेशान: छात्र मोहम्मद फैयाज फारूकी ने बताया कि उन्हें 646 अंक आ रहे हैं और अब तक के हिसाब से यह बहुत अच्छा नंबर है. उन्होंने जितनी मेहनत की थी दिन रात एक करके उसे अनुसार अंक आया है. लेकिन ऐसा स्थिति बन गयी है कि इस अंक का कोई वैल्यू नहीं रह गया है.

"मुझे कोई अच्छा मेडिकल कॉलेज नहीं मिल रहा है और बिहार पुलिस पेपर लीक की जो बात कह रही थी वह पूरी तरह से सही नजर आ रही है. हम परीक्षा रद्द करके दोबारा परीक्षा आयोजित करने की मांग करते हैं."- मोहम्मद फैयाज फारूकी, छात्र

'ज्यादा नंबर का कोई फायदा नहीं': छात्रा सपना कुमारी ने बताया कि यह उनका दूसरा अटेम्प्ट था और काफी मेहनत किया था. 609 अंक हासिल किया. पिछली बार सामान्य श्रेणी में 605 अंक तक सरकारी मेडिकल कॉलेज मिले थे लेकिन इस बार 650 लाने वालों को भी सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं मिल रहे हैं. रिजल्ट के नंबर से वह पहले खुश हुई लेकिन बाद में जब रैंक देखा तबसे काफी स्ट्रेस में है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा की सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए और कितना मेहनत करना होगा.

"स्थिति ऐसी बन गई है कि 180 सवालों में एक भी गलत नहीं होने चाहिए यदि दिल्ली एम्स चाहिए तो, इस रिजल्ट पर भरोसा नहीं है और हमें परीक्षा की पारदर्शिता पर संदेह है. परीक्षा रद्द करके दोबारा परीक्षा पारदर्शी तरीके से आयोजित करने की मैं मांग करती हूं. रिजल्ट के बाद से मेंटल स्ट्रेस बढ़ा हुआ है."-सपना कुमारी, छात्रा

'720 में 720 अंक लाने का भी नहीं हो रहा फायदा': छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि रिजल्ट के बाद से पटना और कोटा में मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्र काफी परेशान हैं. उनके पास काफी छात्रों के फोन आ रहे हैं और सभी छात्र तनाव में हैं. छात्रों को कहना है कि 11वीं 12वीं का एक जैसा सिलेबस होता है और अगर ऐसे रिजल्ट आएगा तो मेडिकल के लिए तैयारी मुश्किल हो जाएगी. 720 में 720 अंक लाने वाले को भी दिल्ली एम्स नहीं मिल रहा है. छात्र काफी स्ट्रेस में है कि दिन-रात मेहनत करके मेडिकल की पढ़ाई की और परीक्षा देने के बाद नंबर भी अच्छा है यार लेकिन रैंक हजारों लाखों में आए हैं और सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल पाना असंभव हो गया है.

"बिहार पुलिस ने कोर्ट को इस बात का साक्ष्य दिया है कि पेपर लीक हुए हैं और 20-20 लाख रुपया में क्वेश्चन पेपर पहले उपलब्ध करा कर बच्चों को उत्तर रटवाया गया है. रिजल्ट भी इसी बात का संकेत दे रहा है और एक-एक सेंटर से 8-8 बच्चे टॉप किए हैं. सभी छात्रों के रोल नंबर आसपास के हैं. कोई भी अधिक अंकों वाली परीक्षा में 24 छात्र ही शत प्रतिशत अंक हासिल कर सकते हैं. लेकिन इस बार 67 छात्रों ने 720 में 720 लाया है और इस बात को पचा पाना मुश्किल है."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

'नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की भूमिका पर भी संदेह': दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार पुलिस ने जांच कर सभी साक्ष्य उपलब्ध कारण और 13 लोगों की गिरफ्तारी की. लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उल्टे रिजल्ट जो 14 जून को आना था उसे 4 जून को जारी कर दिया गया. जब सभी लोग देश के चुनाव नतीजे को देख रहे थे. कहीं ना कहीं इस में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की भूमिका पर भी संदेह है.

'परीक्षा का रिजल्ट रद्द हो'-छात्र नेता: दिलीप चाहते हैं कि इस परीक्षा का रिजल्ट रद्द हो और परीक्षा भी रद्द हो. दोबारा से परीक्षा आयोजित किया जाए और इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. स्पीडी ट्रायल हो और 6 महीने के भीतर चाहे कोई भी दोषी हो शिक्षा माफिया हो चाहे अधिकारियों नेता हो या शिक्षक हो, उन्हें न्यूनतम 15 साल का जेल और उनकी सभी संपत्ति की जब्ती-कुर्की हो. जो सरकारी सेवा में लिप्त लोग ऐसे हैं उनकी सेवा भी बर्खास्त की जाए.

एक ही केंद्र के टॉपर: पटना में मेडिकल की तैयारी करने वाले PACE- आईआईटी मेडिकल के सेंटर हेड आशुतोष कुमार झा ने बताया कि परीक्षा देकर आने के बाद बच्चे खुश थे कि उन्होंने अच्छा अटेंप्ट किया है और अच्छे अंक आ रहे हैं. बच्चों का अंक भी अच्छा आया लेकिन रैंक अच्छा नहीं आया. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की परीक्षा के रिजल्ट पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सबसे बड़ा आश्चर्य है कि 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक हासिल किए हैं. इसमें 62 से 67 स्थान पर एक ही केंद्र के परीक्षार्थी हैं.

अंक में भी गड़बड़ी: आशुतोष झा ने बताया कि दिल्ली एम्स में 55 सीटें हैं और 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक हासिल किया है यानी सभी को दिल्ली एम्स नहीं मिल पाएगा. उन्होंने कहा कि क्या औचित्य है ऐसी परीक्षा का जब पूरे में पूरे नंबर लाने पर भी दिल्ली एम्स नहीं मिल पाए. इसके अलावा दूसरा प्रश्न यह खड़ा हो रहा है कि 720 अंक की परीक्षा में एक प्रश्न चार अंक के थे और एक गलत पर एक नेगेटिव. ऐसे में बच्चों को 716 या 715 अंक आ सकते थे. लेकिन कुछ बच्चों को 717 और 718 अंक आए हैं.

"नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कह रही है कि कुछ बच्चों को ग्रेस दिया गया है, ऐसे में परीक्षा में जब ग्रेस देने का कोई नियम नहीं था तो रिजल्ट देने समय ग्रेस का नियम कहां से लागू कर दिया गया. इस पूरे रिजल्ट पर सवाल उठ रहे हैं और स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने निष्पक्ष परीक्षा कंडक्ट नहीं कराया है."-आशुतोष कुमार झा, आईआईटी मेडिकल के सेंटर हेड

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पटना: नीट यूजी की परीक्षा का परिणाम 4 जून को सामने आया. परिणाम चौंकाने वाला रहा क्योंकि 67 छात्रों ने 720 में 720 अंक हासिल किया. ऐसे में जब से रिजल्ट आया है नीट की परीक्षा देने वाले छात्र हों या तैयारी करने वाले शिक्षक सभी आक्रोशित हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी नीट यूजी के रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है.

14 जून के बजाय 4 जून को रिजल्ट जारी: नीट यूजी परीक्षा के दिन से लेकर रिजल्ट तक विवादों में है. इस परीक्षा में पेपर लीक का दाग लगा और कई गिरफ्तारियां भी सबूत के आधार पर हुई है. लेकिन परीक्षा करने वाली एजेंसी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने पेपर लीक की बात को स्वीकार नहीं किया और 14 जून को रिजल्ट जारी करने के बजाय 4 जून को रिजल्ट जारी कर दिया.

राजस्थान से आई पेपर लीक की खबर : 5 मई को देश भर के परीक्षा केंद्रों पर नीट परीक्षा आयोजित की गई. 23 लाख के करीब अभ्यर्थी शामिल हुए. लेकिन राजस्थान के सवाई मानसिंह सवाई माधोपुर के एक सेंटर से पेपर लीक की बात सामने आई. एनटीए ने इसका खंडन किया. लेकिन पटना में पुलिस ने पेपर लीक की बात को पुष्टि कर दी.

बिहार से गिरफ्तारी: पटना पुलिस ने पेपर लीक की सूचना मिलने पर थोड़ी कार्रवाई की और परीक्षा के दिन ही सुबह में रामकृष्ण नगर इलाके में छापेमारी की. इस दौरान एक हॉस्टल में नीट परीक्षा के प्रश्न पत्र और उसके उत्तर जले हुए मिले. पुलिस ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारी शुरू की और दूसरे के बदले परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को पकड़ना शुरू किया.

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प्रति अभ्यर्थी 20 लाख रुपए में सौदा तय: पटना पुलिस ने शास्त्री नगर थाने में प्राथमिक दर्ज की और आयुष के पिता समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया. इसमें दानापुर नगर परिषद का इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु भी पकड़ा गया. इसके अलावा पुलिस ने संजीव कुमार को गिरफ्तार किया जिसका पुत्र डॉ शिव कुमार शिक्षक बहाली पेपर लीक मामले में बिहार में पहले से जेल में है. अभ्यर्थियों के अभिभावकों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि प्रति अभ्यर्थी 20 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था. प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने वालों ने संजीव और अन्य शिक्षा माफियाओं से 60 करोड़ रुपए में प्रश्न पत्र खरीदा था.

नहीं मिल रहा सरकारी कॉलेज में एडमिशन: नीट परीक्षा देने वाले छात्र प्रवीण कुमार ने बताया कि उन्हें 650 अंक हासिल हुए हैं. पिछली बार 605 अंक पर बच्चों को अच्छी सरकारी कॉलेज मिले थे लेकिन इस बार उन्हें सरकारी कॉलेज नहीं मिल रहा है. परीक्षा में 180 प्रश्न पूछे जाते हैं और काफी गहरा सिलेबस होता है. उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि 720 में 720 अंक 67 छात्रों ने हासिल कर लिए हैं. परीक्षा में प्रश्न भी स्टैंडर्ड का पूछा गया था. ऐसे में जिस प्रकार बच्चों को नंबर आए हैं इससे उन्हें परीक्षा में धांधली सेटिंग की भनक लग रही है. बिहार पुलिस ने कोर्ट को भी इस बात के साक्ष्य दिए कि परीक्षा का पेपर लीक हुआ था और अब रिजल्ट भी स्पष्ट संकेत दे रहे हैं. वह परीक्षा रद्द करने की मांग करते हैं क्योंकि इस रिजल्ट से वह काफी तनाव में है.

टॉपर परेशान: छात्र मोहम्मद फैयाज फारूकी ने बताया कि उन्हें 646 अंक आ रहे हैं और अब तक के हिसाब से यह बहुत अच्छा नंबर है. उन्होंने जितनी मेहनत की थी दिन रात एक करके उसे अनुसार अंक आया है. लेकिन ऐसा स्थिति बन गयी है कि इस अंक का कोई वैल्यू नहीं रह गया है.

"मुझे कोई अच्छा मेडिकल कॉलेज नहीं मिल रहा है और बिहार पुलिस पेपर लीक की जो बात कह रही थी वह पूरी तरह से सही नजर आ रही है. हम परीक्षा रद्द करके दोबारा परीक्षा आयोजित करने की मांग करते हैं."- मोहम्मद फैयाज फारूकी, छात्र

'ज्यादा नंबर का कोई फायदा नहीं': छात्रा सपना कुमारी ने बताया कि यह उनका दूसरा अटेम्प्ट था और काफी मेहनत किया था. 609 अंक हासिल किया. पिछली बार सामान्य श्रेणी में 605 अंक तक सरकारी मेडिकल कॉलेज मिले थे लेकिन इस बार 650 लाने वालों को भी सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं मिल रहे हैं. रिजल्ट के नंबर से वह पहले खुश हुई लेकिन बाद में जब रैंक देखा तबसे काफी स्ट्रेस में है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा की सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए और कितना मेहनत करना होगा.

"स्थिति ऐसी बन गई है कि 180 सवालों में एक भी गलत नहीं होने चाहिए यदि दिल्ली एम्स चाहिए तो, इस रिजल्ट पर भरोसा नहीं है और हमें परीक्षा की पारदर्शिता पर संदेह है. परीक्षा रद्द करके दोबारा परीक्षा पारदर्शी तरीके से आयोजित करने की मैं मांग करती हूं. रिजल्ट के बाद से मेंटल स्ट्रेस बढ़ा हुआ है."-सपना कुमारी, छात्रा

'720 में 720 अंक लाने का भी नहीं हो रहा फायदा': छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि रिजल्ट के बाद से पटना और कोटा में मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्र काफी परेशान हैं. उनके पास काफी छात्रों के फोन आ रहे हैं और सभी छात्र तनाव में हैं. छात्रों को कहना है कि 11वीं 12वीं का एक जैसा सिलेबस होता है और अगर ऐसे रिजल्ट आएगा तो मेडिकल के लिए तैयारी मुश्किल हो जाएगी. 720 में 720 अंक लाने वाले को भी दिल्ली एम्स नहीं मिल रहा है. छात्र काफी स्ट्रेस में है कि दिन-रात मेहनत करके मेडिकल की पढ़ाई की और परीक्षा देने के बाद नंबर भी अच्छा है यार लेकिन रैंक हजारों लाखों में आए हैं और सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल पाना असंभव हो गया है.

"बिहार पुलिस ने कोर्ट को इस बात का साक्ष्य दिया है कि पेपर लीक हुए हैं और 20-20 लाख रुपया में क्वेश्चन पेपर पहले उपलब्ध करा कर बच्चों को उत्तर रटवाया गया है. रिजल्ट भी इसी बात का संकेत दे रहा है और एक-एक सेंटर से 8-8 बच्चे टॉप किए हैं. सभी छात्रों के रोल नंबर आसपास के हैं. कोई भी अधिक अंकों वाली परीक्षा में 24 छात्र ही शत प्रतिशत अंक हासिल कर सकते हैं. लेकिन इस बार 67 छात्रों ने 720 में 720 लाया है और इस बात को पचा पाना मुश्किल है."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

'नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की भूमिका पर भी संदेह': दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार पुलिस ने जांच कर सभी साक्ष्य उपलब्ध कारण और 13 लोगों की गिरफ्तारी की. लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उल्टे रिजल्ट जो 14 जून को आना था उसे 4 जून को जारी कर दिया गया. जब सभी लोग देश के चुनाव नतीजे को देख रहे थे. कहीं ना कहीं इस में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की भूमिका पर भी संदेह है.

'परीक्षा का रिजल्ट रद्द हो'-छात्र नेता: दिलीप चाहते हैं कि इस परीक्षा का रिजल्ट रद्द हो और परीक्षा भी रद्द हो. दोबारा से परीक्षा आयोजित किया जाए और इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. स्पीडी ट्रायल हो और 6 महीने के भीतर चाहे कोई भी दोषी हो शिक्षा माफिया हो चाहे अधिकारियों नेता हो या शिक्षक हो, उन्हें न्यूनतम 15 साल का जेल और उनकी सभी संपत्ति की जब्ती-कुर्की हो. जो सरकारी सेवा में लिप्त लोग ऐसे हैं उनकी सेवा भी बर्खास्त की जाए.

एक ही केंद्र के टॉपर: पटना में मेडिकल की तैयारी करने वाले PACE- आईआईटी मेडिकल के सेंटर हेड आशुतोष कुमार झा ने बताया कि परीक्षा देकर आने के बाद बच्चे खुश थे कि उन्होंने अच्छा अटेंप्ट किया है और अच्छे अंक आ रहे हैं. बच्चों का अंक भी अच्छा आया लेकिन रैंक अच्छा नहीं आया. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की परीक्षा के रिजल्ट पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सबसे बड़ा आश्चर्य है कि 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक हासिल किए हैं. इसमें 62 से 67 स्थान पर एक ही केंद्र के परीक्षार्थी हैं.

अंक में भी गड़बड़ी: आशुतोष झा ने बताया कि दिल्ली एम्स में 55 सीटें हैं और 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक हासिल किया है यानी सभी को दिल्ली एम्स नहीं मिल पाएगा. उन्होंने कहा कि क्या औचित्य है ऐसी परीक्षा का जब पूरे में पूरे नंबर लाने पर भी दिल्ली एम्स नहीं मिल पाए. इसके अलावा दूसरा प्रश्न यह खड़ा हो रहा है कि 720 अंक की परीक्षा में एक प्रश्न चार अंक के थे और एक गलत पर एक नेगेटिव. ऐसे में बच्चों को 716 या 715 अंक आ सकते थे. लेकिन कुछ बच्चों को 717 और 718 अंक आए हैं.

"नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कह रही है कि कुछ बच्चों को ग्रेस दिया गया है, ऐसे में परीक्षा में जब ग्रेस देने का कोई नियम नहीं था तो रिजल्ट देने समय ग्रेस का नियम कहां से लागू कर दिया गया. इस पूरे रिजल्ट पर सवाल उठ रहे हैं और स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने निष्पक्ष परीक्षा कंडक्ट नहीं कराया है."-आशुतोष कुमार झा, आईआईटी मेडिकल के सेंटर हेड

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Last Updated : Jun 7, 2024, 7:49 PM IST
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