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दिल्ली के बाजारों में दिख रहा 'छोटा रावण' का क्रेज, जानिए- कैसे तैयार होता है?

Dussehra 2024: राजधानी में इन दिनों लोगों के बीच 'छोटा रावण' का क्रेज देखा जा रहा है. आइए जानते हैं, कारीगरों ने क्या कहा..

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

Updated : 45 minutes ago

दशहरा 2024
दशहरा 2024 (ETV Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली में दशहरा काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. जहां द्वारका में देश का सबसे बड़ा रावण का पुतला बनाया गया है, वहीं मार्केट में भी रावण के पुतलों की मांग बढ़ गई है. इसमें कम साइज वाले रावण के पुतले की डिमांड सबसे अधिक है. पश्चिमी दिल्ली के टैगोर गार्डन और सुभाष नगर के बीच तीतारपुर एरिया आता है, जहां दशहरे से पहले रावण के पुतलों का बाजार सज जाता है. इस बार बाजार में भारी संख्या में रावण के छोटे पुतले भी देखने को मिल रहे हैं, जिन्हें लोग 'छोटा रावण' भी कहते हैं. तीतारपुर रावण के पुतलों के लिए मशहूर है. यहां बने पुतले दिल्ली में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और कई बार तो विदेश तक जाते हैं.

विभिन्न राज्यों में किया जाता है सप्लाई: 30 वर्षों से रावण के पुतले बनाने वाले सचिन ने बताया कि, इस बार छोटे पुतलों की काफी डिमांड बढ़ी है. बच्चों के अंदर रावण दहन का क्रेज बढ़ता जा रहा है. छोटे रावण के पुतला पांच से 10 फुट तक बनाया जाता है. बड़े रावण बनाने के साथ साथ छोटे रावण भी खूब बनाए जा रहे हैं. दशहरे के कई दिन पहले से इनकी बिक्री शुरू होती है.

इन चीजों से बनकर होता है तैयार: एक रावण को तैयार करने में बांस, कागज, गोंद, रंग और कपड़े का इस्तेमाल होता है. सचिन ने बताया कि यह सभी सामान देश के विभिन्न राज्यों से मंगवाया जाता है. इसमें बांस को असम से डीलर के माध्यम से मंगवाया जाता. वहीं पेपर, गोंद और कपड़े राजधानी के थोक मार्केट सदर बाजार से खरीदे जाते हैं.

कारीगरों द्वारा तैयार किए जा रहे सभी साइज में रावण के पुतले
कारीगरों द्वारा तैयार किए जा रहे सभी साइज में रावण के पुतले (ETV Bharat)

यह भी पढ़ें- जानें नवरात्रि उपवास के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं? इन फलों को भी खाने से बचने की सलाह, कारण यहां पढ़ें

ऐसे बनाए जाते हैं पुतले: उन्होंने बताया कि पांच से 10 फुट के रावण को बनाने में करीब दो से ढाई दिन का समय लगता है. वहीं छोटे साइज के रावण को बनाने में एक ही दिन का समय लगता है. इसे बनाने के लिए सबसे पहले बांस को काटा जाता है, फिर रावण के ढांचे को तैयार कर उसपर साड़ी या चादर को लपेटा जाता है. अंत में कागज चिपकाने के बाद कलर किया जाता है.

रावण के छोटे पुतलों की मांग बढ़ी
रावण के छोटे पुतलों की मांग बढ़ी (ETV Bharat)

इतनी है कीमत: वहीं छोटे रावण के पुतले बनाने वाले मोहन ने बताया कि इस बार बाजार में भारी संख्या में रावण बनाए गए हैं. करोना काल के बाद पहली बार बाजार में रावण के इतने पुतले देखने को मिल रहे हैं. बाजार में सबसे बड़े पुतले का साइज 45 फुट है, जिसकी कीमत 10,000 से 15,000 रुपए के बीच है. वहीं छोटे साइज के रावण के पुतले की कीमत 500 रुपए से 1,000 रुपए के बीच है.

यह भी पढ़ें- विजयादशमी 2024 : जानें कब है दशहरा, तारीख, समय व महत्व

नई दिल्ली: दिल्ली में दशहरा काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. जहां द्वारका में देश का सबसे बड़ा रावण का पुतला बनाया गया है, वहीं मार्केट में भी रावण के पुतलों की मांग बढ़ गई है. इसमें कम साइज वाले रावण के पुतले की डिमांड सबसे अधिक है. पश्चिमी दिल्ली के टैगोर गार्डन और सुभाष नगर के बीच तीतारपुर एरिया आता है, जहां दशहरे से पहले रावण के पुतलों का बाजार सज जाता है. इस बार बाजार में भारी संख्या में रावण के छोटे पुतले भी देखने को मिल रहे हैं, जिन्हें लोग 'छोटा रावण' भी कहते हैं. तीतारपुर रावण के पुतलों के लिए मशहूर है. यहां बने पुतले दिल्ली में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और कई बार तो विदेश तक जाते हैं.

विभिन्न राज्यों में किया जाता है सप्लाई: 30 वर्षों से रावण के पुतले बनाने वाले सचिन ने बताया कि, इस बार छोटे पुतलों की काफी डिमांड बढ़ी है. बच्चों के अंदर रावण दहन का क्रेज बढ़ता जा रहा है. छोटे रावण के पुतला पांच से 10 फुट तक बनाया जाता है. बड़े रावण बनाने के साथ साथ छोटे रावण भी खूब बनाए जा रहे हैं. दशहरे के कई दिन पहले से इनकी बिक्री शुरू होती है.

इन चीजों से बनकर होता है तैयार: एक रावण को तैयार करने में बांस, कागज, गोंद, रंग और कपड़े का इस्तेमाल होता है. सचिन ने बताया कि यह सभी सामान देश के विभिन्न राज्यों से मंगवाया जाता है. इसमें बांस को असम से डीलर के माध्यम से मंगवाया जाता. वहीं पेपर, गोंद और कपड़े राजधानी के थोक मार्केट सदर बाजार से खरीदे जाते हैं.

कारीगरों द्वारा तैयार किए जा रहे सभी साइज में रावण के पुतले
कारीगरों द्वारा तैयार किए जा रहे सभी साइज में रावण के पुतले (ETV Bharat)

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ऐसे बनाए जाते हैं पुतले: उन्होंने बताया कि पांच से 10 फुट के रावण को बनाने में करीब दो से ढाई दिन का समय लगता है. वहीं छोटे साइज के रावण को बनाने में एक ही दिन का समय लगता है. इसे बनाने के लिए सबसे पहले बांस को काटा जाता है, फिर रावण के ढांचे को तैयार कर उसपर साड़ी या चादर को लपेटा जाता है. अंत में कागज चिपकाने के बाद कलर किया जाता है.

रावण के छोटे पुतलों की मांग बढ़ी
रावण के छोटे पुतलों की मांग बढ़ी (ETV Bharat)

इतनी है कीमत: वहीं छोटे रावण के पुतले बनाने वाले मोहन ने बताया कि इस बार बाजार में भारी संख्या में रावण बनाए गए हैं. करोना काल के बाद पहली बार बाजार में रावण के इतने पुतले देखने को मिल रहे हैं. बाजार में सबसे बड़े पुतले का साइज 45 फुट है, जिसकी कीमत 10,000 से 15,000 रुपए के बीच है. वहीं छोटे साइज के रावण के पुतले की कीमत 500 रुपए से 1,000 रुपए के बीच है.

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