लखनऊ : भले ही केंद्र सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम की जगह नई पेंशन स्कीम लाई हो और उसका विरोध हुआ हो. इन दोनों के बीच का रास्ता खोजकर यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू की हो, लेकिन अभी भी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन स्कीम पर राजी नहीं है. उनकी अभी भी ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग जारी है. गुरुवार को गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के द्विवार्षिक महाधिवेशन का गुरुवार को विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में आयोजन किया गया.
उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, रिटायर्ड न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ और बदरूद्दुजा नवकी उपस्थित रहे. इस मौके पर पेंशनरों ने पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग की. इसके अलावा पेंशनरों की तमाम समस्याएं वित्त मंत्री के सामने रखीं. पेंशनरों को जो कठिनाइयां हो रही हैं, उनके बारे में अवगत कराया.
गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डा. सच्चिदानन्द पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के हर जनपद के कोषागारों में सुसज्जित पेंशनर विश्राम कक्ष स्थापित करने के आदेश पारित किये थे. कई जनपदों में अभी तक पेंशन विश्राम कक्ष नहीं बन पाये हैं. कुछ जनपदों में सरकारी पेंशन विश्राम कक्ष को जिलाधिकारी/कोषाधिकारी ने अपनी जरूरत के लिए अधिग्रहीत कर लिया है. इसपर रोक लगाई जाए.
पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को कैशलेस चिकित्सा योजना का लाभ प्राप्त करने में आ रही अनेक कठिनाइयों का निराकरण कराया जाए. उन्होंने कहा कि पेंशनरों की तरफ से अपने या परिवार की चिकित्सा पर किये गये खर्च के बिलों का भुगतान करते समय कोषागार अनाधिकृत रूप से इन्कम टैक्स की कटौती कर लेते हैं, जो पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के प्रति अन्याय है.
चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति के बिलों से इन्कमटैक्स की कटौती पर रोक लगाई जाए. पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के सभी सदस्यों ने दोहराया. इस मौके पर वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने पेंशनर्स को आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं को गम्भीरता से लिया जायेगा और शासन स्तर से उनका शीघ्र निराकरण कराया जायेगा.
बता दें कि गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन का संविधान 16 सितम्बर 1975 को अंगीकृत किया गया था, जिसमें अब तक 1982, 1986 और 1995 में तीन संशोधन किये जा चुके हैं. इस महाधिवेशन की आमसभा में चौथे संशोधन के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया, जो आंतरिक सत्र से लागू माना जायेगा. द्विवार्षिक महाधिवेशन में 2024-26 के लिये नई कार्यकारिणी के अध्यक्ष और महासचिव का निर्वाचन किया गया.
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