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गुजराती मटकों ने जीता अलवरवासियों की दिल, बाजारों में उमड़ रही खरीददारों की भीड़ - Gujarati Matkas in Alwar - GUJARATI MATKAS IN ALWAR

Gujarati Matkas in Alwar, सूर्य की तपिश तले समूचा राजस्थान उबल रहा है. ऐसे में चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए लोग देसी फ्रिज को अपने घर ला रहे हैं, जिसके दोहरे लाभ हैं. एक तो ठंडा पानी और दूसरा ये स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी है. वहीं, अलवर में इन दिनों गुजराती डिजाइनर मटके लोगों को खासा पसंद आ रहे हैं. आलम यह है कि इसे खरीदने के लिए बाजार में भीड़ उमड़ रही है.

Gujarati Matkas in Alwar
अलवर में गुजराती मटके (ETV BHARAT Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 26, 2024, 5:29 PM IST

अलवर में गुजराती मटके (ETV BHARAT Alwar)

अलवर. राजस्थान में भीषण गर्मी के साथ ही अब नौतपा की भी शुरुआत हो चुकी है. तापमान अधिक होने के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं. वहीं, घर पर ही गर्मी से बचने के लिए ठंडे पर पदार्थ व पानी का सेवन कर रहे हैं. हालांकि कई ऐसे भी लोग हैं, जो घर पर फ्रिज होने के बाद भी चिलचिलाती गर्मी से बचाव के लिए देसी फ्रिज का इस्तेमाल कर रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश में तेजी से मिट्टी के मटकों की मांग बढ़ी है. बात अगर अलवर शहर की करें तो यहां झुलसाती गर्मी में मिट्टी के मटकों की मांग काफी बढ़ गई है. यहां गुजरात से डिजाइनर मटके तैयार हो कर आ रहे हैं, जिसे बाजारों में बेचा जा रहा है.

गुजरात से आते हैं मिट्टी के डिजाइनर मटके : शहर के अंबेडकर सर्किल पर मिट्टी के बर्तनों की दुकान लगाने वाले अनुज प्रजापत ने बताया कि वो पिछले 10 साल से शहर में मिट्टी के मटके और बर्तन बेच रहे हैं. शहर में उनकी एक मात्र ऐसी दुकान है, जहां गुजरात से तैयार होकर डिजाइनर मटके आते हैं. उन्होंने बताया कि वो थोक रेट पर शहर में देसी फ्रिज सप्लाई करते हैं, जिसकी कीमत 150 रुपए से लेकर 400 रुपए तक है. अनुज ने कहा कि गर्मी के बढ़ते ही मिट्टी के डिजाइनर मटके की डिमांड बढ़ गई है.

इसे भी पढ़ें - SPECIAL : सूर्य देवता की तपिश बढ़ने के साथ ही बाजार में आ गए देसी फ्रिज, रंग-बिरंगे मटकों से ग्राहक भी हो रहे आकर्षित

ग्रामीणों को भा रहा देसी मटका : अनुज ने बताया कि उनके यहां डोरेमोन, बोतल, जग, कैंपर, कढ़ाई, तवा सहित अन्य सामान लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात से तैयार होकर आ रहे आइटम टेराकोटा, बालू और चिकनी मिट्टी से बने हैं. इसके अलावा मटकों में नल भी लगे हैं, जो खरीददारों को पसंद आ रहा है. खासकर ग्रामीणों में को ये मटके बहुत भा रहे हैं. शहरवासियों को यह मटके इसलिए पसंद आ रहे हैं, क्योंकि इन पर खास तरह की कारीगरी की गई है.

ट्रक में लोड होकर आता है माल : अनुज ने बताया कि इनकी डिमांड के अनुसार इन्हें मंगवाया जाता है. अलवर शहर में इन मटकों की डिमांड अच्छी चल रही है. यह आइटम गुजरात से ट्रक में लोड होकर आता है. हालांकि, इसमें कई बार नुकसान की आशंका भी होती है. कई बार आते समय मटके टूट भी जाते हैं.

इसे भी पढ़ें - 'देसी फ्रिज' के नहीं मिल रहे खरीदार...कारीगरों के सामने दो जून की रोटी की भी चुनौती

डिजाइनर मटके की खासियत : खरीददार अरुण ने बताया कि आज लोगों के घर स्टैंडर्ड है तो लोग डिजाइनर मटके लेकर अपने घरों में रख रहे हैं. फिनिशिंग के चलते दूर से ही लोगों को ये मटके आकर्षित करते हैं. वहीं, डिजाइनर मटके खरीदने आई वैशाली ने बताया कि दूर से देखने पर ये मटके काफी सुंदर दिखाई देते हैं. पुराने जमाने में भी लोग मटके से पानी पीते थे. पुराने जमाने की यादों को ये डिजाइनर मटके वापस लेकर आ रहे हैं.

अलवर में गुजराती मटके (ETV BHARAT Alwar)

अलवर. राजस्थान में भीषण गर्मी के साथ ही अब नौतपा की भी शुरुआत हो चुकी है. तापमान अधिक होने के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं. वहीं, घर पर ही गर्मी से बचने के लिए ठंडे पर पदार्थ व पानी का सेवन कर रहे हैं. हालांकि कई ऐसे भी लोग हैं, जो घर पर फ्रिज होने के बाद भी चिलचिलाती गर्मी से बचाव के लिए देसी फ्रिज का इस्तेमाल कर रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश में तेजी से मिट्टी के मटकों की मांग बढ़ी है. बात अगर अलवर शहर की करें तो यहां झुलसाती गर्मी में मिट्टी के मटकों की मांग काफी बढ़ गई है. यहां गुजरात से डिजाइनर मटके तैयार हो कर आ रहे हैं, जिसे बाजारों में बेचा जा रहा है.

गुजरात से आते हैं मिट्टी के डिजाइनर मटके : शहर के अंबेडकर सर्किल पर मिट्टी के बर्तनों की दुकान लगाने वाले अनुज प्रजापत ने बताया कि वो पिछले 10 साल से शहर में मिट्टी के मटके और बर्तन बेच रहे हैं. शहर में उनकी एक मात्र ऐसी दुकान है, जहां गुजरात से तैयार होकर डिजाइनर मटके आते हैं. उन्होंने बताया कि वो थोक रेट पर शहर में देसी फ्रिज सप्लाई करते हैं, जिसकी कीमत 150 रुपए से लेकर 400 रुपए तक है. अनुज ने कहा कि गर्मी के बढ़ते ही मिट्टी के डिजाइनर मटके की डिमांड बढ़ गई है.

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ग्रामीणों को भा रहा देसी मटका : अनुज ने बताया कि उनके यहां डोरेमोन, बोतल, जग, कैंपर, कढ़ाई, तवा सहित अन्य सामान लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात से तैयार होकर आ रहे आइटम टेराकोटा, बालू और चिकनी मिट्टी से बने हैं. इसके अलावा मटकों में नल भी लगे हैं, जो खरीददारों को पसंद आ रहा है. खासकर ग्रामीणों में को ये मटके बहुत भा रहे हैं. शहरवासियों को यह मटके इसलिए पसंद आ रहे हैं, क्योंकि इन पर खास तरह की कारीगरी की गई है.

ट्रक में लोड होकर आता है माल : अनुज ने बताया कि इनकी डिमांड के अनुसार इन्हें मंगवाया जाता है. अलवर शहर में इन मटकों की डिमांड अच्छी चल रही है. यह आइटम गुजरात से ट्रक में लोड होकर आता है. हालांकि, इसमें कई बार नुकसान की आशंका भी होती है. कई बार आते समय मटके टूट भी जाते हैं.

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डिजाइनर मटके की खासियत : खरीददार अरुण ने बताया कि आज लोगों के घर स्टैंडर्ड है तो लोग डिजाइनर मटके लेकर अपने घरों में रख रहे हैं. फिनिशिंग के चलते दूर से ही लोगों को ये मटके आकर्षित करते हैं. वहीं, डिजाइनर मटके खरीदने आई वैशाली ने बताया कि दूर से देखने पर ये मटके काफी सुंदर दिखाई देते हैं. पुराने जमाने में भी लोग मटके से पानी पीते थे. पुराने जमाने की यादों को ये डिजाइनर मटके वापस लेकर आ रहे हैं.

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