मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में ईद को लेकर बाजार में भीड़ देखने के मिल रही है. इसे लेकर व्यापारियों ने भी बाजार के खुलने का समय बढ़ा दिया है. ईद के त्योहार 11 अप्रैल को मनाया जाएगा. पवित्र रमजान का महीना ईद के चांद के दीदार के बाद धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. ईद पर नए कपड़े पहनना और एक-दूसरे को तोहफा देने की खास परंपरा है. इस को लेकर बाजारों में रौनक दिख रही है.
इंडोनेशिया, अरबी और बांग्लादेशी टोपी की डिमांड: दुकानदार तनवीर ने बताया कि इस बार इंडोनेशियन, अरबी, अफगानी, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी टोपी काफी डिमांड में है. पाकिस्तानी डिजाइन की टोपियों की भी अधिक मांग है. वहीं दुकानदार इरफान ने बताया कि ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए नए कपड़ों के साथ नई टोपी पहनी जाती है, इसलिए बाजार में टोपी की सबसे अधिक मांग है.
"करोसिया के धागे से बनी हुई इंडोनेशिया की टोपी लोगों को काफी पसंद आ रही है. इसके अलावा रामपुरी टोपी के साथ जालीदार टोपी भी बाजार में बिक रही है."-तनवीर, दुकानदार
इत्र से महका माहौल: दुकानदार ने बताया कि इत्र की महक के बिना ईद की तैयारी अधूरी मानी जाती है. बाजार में इत्र की भी काफी मांग है. ज्यादा डिमांड जन्नत ए फिरदोस इत्र की हो रही है. बाजार में आइस ब्लू, माइ चॉइस, गुलाब, फुलवारी, कस्तूरी, जमजम, व्हाइट लंदन, भोजन ब्लैक, सलमा समेत कई अच्छे ब्रांड मौजूद हैं.
लच्छेदार सेवई की डिमांड: ईद पर सेवई खाने की मुख्य परंपरा है. दुकानदारों का कहना है कि बाजार में कई बड़े शहरों के सेवई के ब्रांड मौजूद हैं, लेकिन हाथ के बने लच्छेदार सेवइयों की डिमांड काफी है. ये बारीक सेवई के रूप में जानी जाती है. वहीं दुकानदार अमजद ने बताया कि हाथ के बने लच्छे की काफी मार्केट में डिमांड है. अच्छी सेवई 100 से लेकर 300 तक किलो आसानी से बिक रही है. मुजफ्फरपुर के अलावा भी अन्य जिलों से भी लोग खरीदारी करने पहुंच रहे है.