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चलती ट्रेन में महिला का प्रसव, रेलवे ने यूं पहुंचाई मदद, नवजात का नाम रखा 'विदिशा' - DELIVERY IN TRAIN VIDISHA

विदिशा रेलवे स्टेशन के पास महिला का ट्रेन में ही प्रसव हो गया. उसने एक बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम विदिशा रखा है.

DELIVERY IN TRAIN VIDISHA
विदिशा में ट्रेन में प्रसव (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 18, 2024, 3:13 PM IST

Updated : Oct 18, 2024, 3:35 PM IST

विदिशा: हजरत निजामुद्दीन से जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ जा रहे एक परिवार के साथ मौजूद प्रसूता का चलती ट्रेन में प्रसव हुआ. विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहले से सूचना देने के बावजूद एंबुलेंस नहीं मिल सकी. करीब एक घंटे बाद आरपीएफ की मदद से ऑटो के जरिए प्रसूता और उसके परिवार को जिला अस्पताल भेजा गया. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. परिवार ने नवजात का नाम विदिशा रखा है.

ट्रेन में हुआ महिला का प्रसव
जानकारी के अनुसार, राजकुमार चौहान अपनी प्रसूता पत्नी सुमन बाई और दो बच्चियों के साथ गोंडवाना एक्सप्रेस से छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के लिए रवाना हुए थे. बीना रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद उनकी गर्भवती पत्नी सुमन को प्रसाव पीड़ा हुई. गंजबासौदा आते-आते उन्होंने बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान ट्रेन में मौजूद महिलाओं और रेलवे स्टाफ ने उनकी मदद की. प्रसव होने के बाद विदिशा रेलवे स्टेशन पर इस बात की सूचना दी गई. साथ ही एंबुलेंस की व्यवस्था करने के संबंध में बताया गया. जैसे ही गोंडवाना एक्सप्रेस विदिशा रेलवे स्टेशन पर देर रात 12.30 बजे के लगभग पहुंची तो वहां एंबुलेंस नहीं थी.

Vidisha Delivery in Train
विदिशा में ट्रेन में हुआ बच्चे का जन्म (ETV Bharat)

घंटे भर इंतजार के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस
आरपीएफ जवान, अप डाउन एसोसिएशन के सदस्य, कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता अरुण अवस्थी और उनके साथियों की मदद से परिवार को विदिशा रेलवे स्टेशन पर उतारा गया. करीब एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई. तब उन्हें ऑटो के जरिए विदिशा जिला अस्पताल भेजा गया. जहां सुमन और उनका नवजात बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है.

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परिवार ने नवजात का नाम रखा विदिशा
राजकुमार ने बताया कि, ''वह मूल रूप से छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा के निवासी हैं. दिल्ली में रहकर काम करके गुजर-बसर करते थे. उनकी एक पांच साल और ढाई साल की बेटियां हैं. तीसरी संतान के रूप में उन्हें बेटा हुआ है. उनका बेटा विदिशा में हुआ है, इसलिए उसका नाम वह विदिशा रखेंगे.'' इधर कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता अरुण अवस्थी ने आरोप लगाया कि, ''स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के चलते यह परेशानी झेलना पड़ी है.'' उन्होंने आरपीएफ स्टाफ और रेलवे स्टाफ का सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया.

विदिशा: हजरत निजामुद्दीन से जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ जा रहे एक परिवार के साथ मौजूद प्रसूता का चलती ट्रेन में प्रसव हुआ. विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहले से सूचना देने के बावजूद एंबुलेंस नहीं मिल सकी. करीब एक घंटे बाद आरपीएफ की मदद से ऑटो के जरिए प्रसूता और उसके परिवार को जिला अस्पताल भेजा गया. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. परिवार ने नवजात का नाम विदिशा रखा है.

ट्रेन में हुआ महिला का प्रसव
जानकारी के अनुसार, राजकुमार चौहान अपनी प्रसूता पत्नी सुमन बाई और दो बच्चियों के साथ गोंडवाना एक्सप्रेस से छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के लिए रवाना हुए थे. बीना रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद उनकी गर्भवती पत्नी सुमन को प्रसाव पीड़ा हुई. गंजबासौदा आते-आते उन्होंने बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान ट्रेन में मौजूद महिलाओं और रेलवे स्टाफ ने उनकी मदद की. प्रसव होने के बाद विदिशा रेलवे स्टेशन पर इस बात की सूचना दी गई. साथ ही एंबुलेंस की व्यवस्था करने के संबंध में बताया गया. जैसे ही गोंडवाना एक्सप्रेस विदिशा रेलवे स्टेशन पर देर रात 12.30 बजे के लगभग पहुंची तो वहां एंबुलेंस नहीं थी.

Vidisha Delivery in Train
विदिशा में ट्रेन में हुआ बच्चे का जन्म (ETV Bharat)

घंटे भर इंतजार के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस
आरपीएफ जवान, अप डाउन एसोसिएशन के सदस्य, कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता अरुण अवस्थी और उनके साथियों की मदद से परिवार को विदिशा रेलवे स्टेशन पर उतारा गया. करीब एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई. तब उन्हें ऑटो के जरिए विदिशा जिला अस्पताल भेजा गया. जहां सुमन और उनका नवजात बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है.

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परिवार ने नवजात का नाम रखा विदिशा
राजकुमार ने बताया कि, ''वह मूल रूप से छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा के निवासी हैं. दिल्ली में रहकर काम करके गुजर-बसर करते थे. उनकी एक पांच साल और ढाई साल की बेटियां हैं. तीसरी संतान के रूप में उन्हें बेटा हुआ है. उनका बेटा विदिशा में हुआ है, इसलिए उसका नाम वह विदिशा रखेंगे.'' इधर कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता अरुण अवस्थी ने आरोप लगाया कि, ''स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के चलते यह परेशानी झेलना पड़ी है.'' उन्होंने आरपीएफ स्टाफ और रेलवे स्टाफ का सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया.

Last Updated : Oct 18, 2024, 3:35 PM IST
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