नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने बीते 9 साल में दिल्ली की जनता को मुफ्त बिजली दी, मुफ्त पानी दिया, बसों में मुफ्त सफर करने का अधिकार दिया और अब 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को 1000 रुपये का तोहफा दिया. केजरीवाल सरकार की इन कोशिशों पर भले ही विपक्ष कुछ भी कहे लेकिन दिल्ली की आधी आबादी का कहना है कि अगर ये सुविधाएं नहीं होती तो वो अपने बच्चों को कभी नहीं पढ़ा पाती. दिल्ली सरकार के बजट में भी शिक्षा पर खासा जोर दिया गया. वित्त मंत्री आतिशी ने बजट पेश करने के दौरान कहा था कि हमनें कोशिश की है कि हर बेटी को शिक्षा का हक मिल सके. दिल्ली की कुछ महिलाओं से ईटीवी भारत की टीम ने बात की.
दिल्ली सरकार का दावा है कि बजट में इस ऐलान के बाद से गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत करने वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सकेगा. सरकार की मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना से दिल्ली की बेटियां काफी खुश नजर आ रही हैं. कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि वो आगे की पढ़ाई करने के लिए इस रकम का इस्तेमाल कर सकती हैं. वहीं महिलाएं भी हर महीने 1000 रुपये दिये जाने के ऐलान से संतुष्ट नजर आ रही हैं.
केजरीवाल सरकार ने साल 2024-25 के बजट में शिक्षा पर 16,196 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. जो साल 2014-15 में 6500 करोड़ था. मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के लिए बजट में 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. बजट में वित्त मंंत्री आतिशी ने ऐलान किया कि 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को केजरीवाल सरकार हर महीने एक हजार रुपये देगी. सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि ये रकम गरीब लड़कियों की पढ़ाई में काफी मददगार साबित होगी.
पढ़ाई छोड़ चुकी छात्रा ने जताई खुशी: तिलक नगर के 12 ब्लॉक के नजदीक बसी झुग्गी में रहने वाली वर्षा ने बताया कि वह NEET ड्राप स्टूडेंट हैं. पिछले साल उन्होंने NEET की परीक्षा दी थी. लेकिन सुविधाओं के अभाव में वो तैयारी नहीं कर पाई और नंबर कम आए जिसके बाद उन्होंने दोबारा पेपर देने की योजना बनाई. इस साल भी वो बिना किसी कोचिंग के तैयारी कर रही हैं. वर्षा का कहना है कि इस योजना से गरीब लड़कियों को काफी फायदा और मदद मिलेगी. जो माता पिता अपने बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी सुविधाएं देने में असमर्थ है, उनको भी इस योजना से लाभ मिलेगा. गरीब लड़कियां अच्छी किताबें खरीद सकेंगीं.
गरीब महिलाओं को मिलेगी मदद: वर्षा की माता शोभा ने बताया कि जब से दिल्ली में अरविन्द केजरवाल सरकार आयी है. बहुत से खर्च कम हुए हैं. पानी का बिल भी नहीं आता. बिजली का बिल भी कई बार माफ हो जाता है. कोरोना काल में दिल्ली सरकार ने फ्री राशन बांटा. दो बच्चे अभी दिल्ली सरकार के स्कूल में पढ़ रहे हैं. दोनों की कोई फीस नहीं है. स्कूल यूनिफार्म का पैसा भी मिलता है. महिलाओं के लिए दिल्ली में बस भी फ्री है इससे कहीं आने जाने का किराया भी बचता है. शोभा ने बताया कि उनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में आता है. उनके पति MCD में अस्थाई सफाई कर्मचारी हैं और वो खुद घरों में काम करती है. उन्होंने आशा जताई है कि 1000 रुपये की रकम से वो अपनी बच्ची की कॉपी-किताबों का खर्च तो उठा ही सकती हैं.
'बेसहारा महिलाओं की उम्मीद है 1000 रुपये की राशि': शोभा पिछले 40 साल से अपने परिवार के साथ 25 गज से भी कम जगह वाले घर में रही हैं, उनके पति की मासिक आमदनी 15 हजार है जो कट कर 12 हजार ही मिलती है. वह घरों में काम करती है जिससे वो हर महीने 4000 रुपए ही कमा पाती हैं. उन्होंने आगे बताया कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लोगों को जितनी सुविधा दी है वो पहले कभी दिल्ली वालों को नहीं मिली. उन्होंने ये भी कहा कि घर में चार महिलाएं होने के कारण अब हर महीने घर बैठे 4000 मिल जाया करेंगे. कम से कम इन रुपयों से बच्चों की कुछ मदद हो जाएगी.
गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार ने 2019 में महिलाओं के लिए बस की यात्रा मुफ्त की थी. वहीं अपने दूसरे बजट सत्र के दौरान 200 यूनिट तक बिजली का बिल माफ कर दिया था. दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने सोमवार सुबह 11 बजे विधानसभा में केजरीवाल सरकार का 10वां बजट पेश किया. लोकसभा चुनाव से पहले पेश हो रहे बजट में सभी वर्गों का खास खयाल रखने का प्रयास किया गया है. आतिशी ने पहली बार बजट पेश किया. उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 76,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. जो पिछले साल 78,800 करोड़ रुपये का था.