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नई दिल्ली: आम के शौकीन लोगों के लिए शुक्रवार से दिल्ली के जनकपुरी स्थित दिल्ली हाट में तीन दिवसीय मैंगो फेस्टिवल शुरू हुआ है. यह दिल्ली पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित 33वां मैंगो फेस्टिवल है, जो 5 से 7 जुलाई 2024 तक चलेगा. इस फेस्टिवल में देश के कई राज्यों से आम की बागवानी करने वाले किसान और संगठनों ने हिस्सा लिया. फेस्टिवल में भारत के पारंपरिक और दुर्लभ आमों की लगभग 500 किस्मों को प्रदर्शित किया गया है. फेस्टिवल में मौजूद किसानों ने बताया कि इस बार वे पिछले सालों की तुलना में कम वैरायटी ला पाएं हैं.
2012 में दिल्ली मैंगो फेस्टिवल में आए थे 700 वैरायटी के आम
नार्थ इंडिया में आम की बागवानी के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश के मलीहाबाद से आए कौशलेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार वह 300 किस्म के आम लाये हैं. वहीं जब वह पहली बार 2012 में दिल्ली मैंगो फेस्टिवल में आए थे तो 700 वैरायटी के आम लाये थे. आम की वैरायटी कम होने का मुख्य कारण है कि पहले आने वाले देशी किस्म के आमों की डिमांड कम हो गयी है. साथ ही पेड़ भी पुराने हो रहे हैं. इससे आम की बागवानी करने वाले किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. भारी संख्या में किसान बागवानी छोड़ कर दूसरी खेती की ओर बढ़ रहे हैं. इसके बाबत आम की नयी वैरायटी खोजने में भी काफी दिक्कत होती है.
सीतापुर से इस बार 300 से 400 किस्म की जगह केवल 85 किस्म के आम
सीतापुर से दिल्ली मैंगो फेस्टिवल में हिस्सा लेने पहुंचे मोहम्मद दानिश ने बताया कि वह बीते 3 सालों से यहाँ आ रहे हैं इससे पहले उनके पिता आया करते थे. उनके देहांत के बाद दानिश ने फेस्टिवल में आना शुरू किया. इस बार वह 85 आम की वैरायटी लेकर आएं हैं. वहीं जब उनके पिता आया करते थे तो वह 300 से 400 किस्म के आम लाया करते थे.आम की वैरायटी में कमी आने की वजह पूछने पर दानिश बताते हैं कि अब किसान आम की कम बागवानी करते हैं. इसके अलावा कई पुरानी वैरायटी नष्ट हो रही हैं. लेकिन किसानों का प्रयास जारी है कि नष्ट होने वाली वैरायटी को सुरक्षित किया जा सके.
मलिहाबाद की नर्सरी से आए केवल 400 की जगह केवल 250 वैरायटी के आम
मलीहाबाद की कदीम चन्दन नर्सरी के आम की 250 वैरायटी फेस्टिवल में डिस्प्ले करने वाले शेख शादाब अली ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब वह आम की इतनी कम वैरायटी लाये हैं. वह हमेशा 400 से ज्यादा किस्म के आम लाया करते थे. वजह पूछने पर शादाब ने बताया कि इस वर्ष मलीहाबाद में मात्र 20 फीसद आम की फसल हुई है. यही वजह है जो इस बार वैरायटी कम लाएं हैं.
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वेस्ट बंगाल से 40 से 50 किस्म की जगह केवल 20 वैरायटी के आम
वेस्ट बंगाल से मैंगो फेस्टिवल में पहुंचे जावेद अहमद ने बताया कि इस बार वह मात्र 20 किस्म के ही आम फेस्टिवल में डिस्प्ले के लिए लाये हैं. जब कि पहले वह 40 से 50 किस्म के आम लाते रहे हैं. कम किस्म के आम डिस्प्ले करने का मुख्य कारण यह है कि वेस्ट बंगाल में जून का अंतिम सप्ताह आते आते आम ख़त्म हो जाता है. डिस्प्ले में मौजूद आम भी बहुत कोशिश करने के बाद मिले हैं.
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फेस्टिवल 7 जुलाई तक दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे चलेगा
बता दें कि मैंगो फेस्टिवल 7 जुलाई तक दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे चलेगा. इसमें प्रवेश निशुल्क है. आम महोत्सव में आपको अनेक दुर्लभ किस्मों के आम जैसे हुस्नारा, रटौल, चौसा, रामकेला, केसर, आम्रपाली, फजली का प्रदर्शन देखने को मिलेगा. इसके अलावा इन आमों के आकार भी लोगों को काफी आकर्षित करते हैं. इस बार आम महोत्सव में घूमने आने वाले लोगों के लिए कुछ विशेष प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया है. इसके अलावा आप फेस्टिवल के आयोजन से आम खरीद कर भी ले जा सकते हैं .