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दिल्ली में बंद हुए 700 पॉल्यूशन सेंटर? यहां वहां भाग रहे दिल्ली वालों को कैसे मिलेगी राहत, जानिए सॉल्यूशन - Delhi Pollution Certificate

Delhi Pollution Certificate: दिल्ली में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने के लिए वाहन चालक परेशान हैं और उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा. जिस पर सरकार ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा. नए सेंटर्स खोले जाएंगे.

जानिए क्यों दिल्ली में बंद हुए 700 पॉल्यूशन सेंटर
जानिए क्यों दिल्ली में बंद हुए 700 पॉल्यूशन सेंटर (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 17, 2024, 2:32 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 8:42 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली में वाहनों के प्रदूषण जांच कराकर पाल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट बनवाने का चार्ज बढ़ गया है. जिसके बाद दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) और दिल्ली सरकार के बीच घमासान बचा हुआ है. विरोध में डीपीडीए ने पेट्रोल पंपो पर बने करीब 700 प्रदूषण जांच केंद्र बंद कर दिए हैं. रोजाना करीब 15 हजार वाहनों के पीएसी सर्टिफिकेट एक्सपायर हो रहा है. उन्हें सर्टिफिकेट बनवाने में परेशानी हो रही है.

दूसरी ओर दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि लोग असुविधा से बचने के लिए उनके पेट्रोल पंप के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर खुले करीब 300 पीयूसी सेंटर पर वाहनों के प्रदूषण की जांच करा सकते हैं. जल्द ही और भी पीयूसी सेंटर खोलने की तैयारी है.

कितना बढ़ गया है शुल्क

  1. दिल्ली सरकार की ओर पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी से चलने वाले दो और तीन पहिया वाहनों का शुल्क 60 रुपये से 80 रुपये कर दिया गया है.
  2. पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी से चलने वाले चार पहिया व उससे ऊपर की श्रेणियों के वाहनों के लिए प्रदूषण जांच का शुल्क 80 से 110 रुपये किया गया है.
  3. डीजल से चलने वाले चार पहिया या इससे ऊपर की श्रेणी के वाहनों का शुल्क 140 रुपये कर दिया गया है. आखिरी बार 2011 में रेट बढ़ाया गया था. उससे पहले वर्ष 2005 में रेट बढ़ाया गया था.

आखिर प्रदूषण जांच केंद्र वाले इसका क्यों विरोध कर रहे है?
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की ओर से लंबे समय से रेट बढ़ाने की मांग की जा रही थी. एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया के मुताबिक प्रदूषण जांच का शुल्क कम से कम 150 रुपये होना चाहिए. क्योंकि इतने कम शुल्क से स्टाफ, बिजली के बिल आदि का खर्च नहीं निकल पाता है. ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्र चलाने में जेब से पैसा खर्च करना पड़ता है. पीछे एसोसिएशन ने अपनी मांग को लेकर हड़ताल भी की थी. सरकार ने उनकी मांगों के अनुसार रेट बढ़ाने को कहा था लेकिन सिर्फ 35 प्रतिशत तक ही शुल्क बढ़ाया गया. इसके विरोध में पेट्रोल पंप पर बने प्रदूषण जांच केंद्र बंद हैं.

वाहनों के प्रदूषण की जांच का शुल्क कब कितना बढ़ा.

सालपेट्रोल, सीएनजी/एलपीजीप्रदूषण जांच का शुल्क
2005दो और तीन पहिया वाहन35 रुपये
2011दो और तीन पहिया वाहन60 रुपये
2024 दो और तीन पहिया वाहन80 रुपये
साल पेट्रोल, सीएनजी/एलपीजीप्रदूषण जांच का शुल्क
2005 चार पहिया या इससे ऊपर वाहन 45 रुपये
2011 चार पहिया या इससे ऊपर वाहन 80 रुपये
2024चार पहिया या इससे ऊपर वाहन 110 रुपये

डीजल से चलने वाले चार पहिया या उससे ऊपर के वाहन के प्रदूषण के जांच का शुल्क 2005 में 60 रुपये, 2011 में 100 रुपये था और अब 2024 में 140 रुपये कर दिया गया है.

700 प्रदूषण जांच केंद्र बंद, रोजाना हजारों गाड़ियों का एक्सपायर हो रहा सर्टिफिकेटः दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर करीब 700 प्रदूषण जांच केंद्र हैं. दिल्ली में रोजाना करीब 10 से 12 हजार वाहनों के प्रदूषण अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट एक्सपायर होते हैं. पेट्रोल पंप पर बने जांच केंद्रों से रोजाना करीब 7 से 8 हजार लोग अपने वाहनों के प्रदूषण के जांच कराकर सर्टिफिकेट बनवाते हैं. 15 जुलाई से हड़ताल चल रही है. 17 जुलाई तक 20 हजार से अधिक वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट एक्सपायर हो गए. अब ये वाहन बिना वैध सर्टिफिकेट के चल रहे हैं. बता दें कि पीयूसी सर्टिफिकेट न होने पर दिल्ली में 10 हजार रुपये का चालान भी है. ऐसे में लोग बिना वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के चलने में भी डर रहे हैं.

क्यों सरकार डीपीडीए की मांगे नहीं मान रही?: दिल्ली सरकार दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की मांगे मानने के मूड में नहीं दिख रही है. सरकार का दावा ये भी है की प्रदूषण बड़ी समस्या है. ज्यादा शुल्क बढ़ाने से कहीं ऐसा न हो कि लोग प्रदूषण की जांच ही न कराएं. यदि लोग वाहनों के प्रदूषण की जांच नहीं कराएंगे तो पर्यावरण को नुकसान होगा. सर्दियों में दिल्ली समेत पूरा एनसीआर गैस का चेंबर बन जाता है. हवा में प्रदूषण का स्तर सामान्य से आठ गुना ज्यादा तक पहुंच जाता है.

सरकार लोगों से अन्य जांच केंद्रों पर जांच कराने की कर रही अपील: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि पेट्रोल पंपों के अलावा अन्य स्थानों पर भी दिल्ली सरकार के 300 प्रदूषण जांच केंद्र है. इनकी सूची transport.delhi.gov.in/transport/list पर उपलब्ध है. इसके अतिरिक्त और भी प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे. सरकार इसकी तैयारी कर रही है. इसके लिए अभी से दिल्ली सरकार की ओर से काम शुरू कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- पीयूसी केंद्रों की हड़ताल से वाहन चालक परेशान, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने लोगों से कही ये बातें

ये भी पढ़ें- ग्रेटर नोएडा में बड़ा हादसाः शादी समारोह से लौट रहे दो वाहन आपस में टकराए, 3 की मौत, 9 की हालत गंभीर

नई दिल्लीः दिल्ली में वाहनों के प्रदूषण जांच कराकर पाल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट बनवाने का चार्ज बढ़ गया है. जिसके बाद दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) और दिल्ली सरकार के बीच घमासान बचा हुआ है. विरोध में डीपीडीए ने पेट्रोल पंपो पर बने करीब 700 प्रदूषण जांच केंद्र बंद कर दिए हैं. रोजाना करीब 15 हजार वाहनों के पीएसी सर्टिफिकेट एक्सपायर हो रहा है. उन्हें सर्टिफिकेट बनवाने में परेशानी हो रही है.

दूसरी ओर दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि लोग असुविधा से बचने के लिए उनके पेट्रोल पंप के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर खुले करीब 300 पीयूसी सेंटर पर वाहनों के प्रदूषण की जांच करा सकते हैं. जल्द ही और भी पीयूसी सेंटर खोलने की तैयारी है.

कितना बढ़ गया है शुल्क

  1. दिल्ली सरकार की ओर पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी से चलने वाले दो और तीन पहिया वाहनों का शुल्क 60 रुपये से 80 रुपये कर दिया गया है.
  2. पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी से चलने वाले चार पहिया व उससे ऊपर की श्रेणियों के वाहनों के लिए प्रदूषण जांच का शुल्क 80 से 110 रुपये किया गया है.
  3. डीजल से चलने वाले चार पहिया या इससे ऊपर की श्रेणी के वाहनों का शुल्क 140 रुपये कर दिया गया है. आखिरी बार 2011 में रेट बढ़ाया गया था. उससे पहले वर्ष 2005 में रेट बढ़ाया गया था.

आखिर प्रदूषण जांच केंद्र वाले इसका क्यों विरोध कर रहे है?
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की ओर से लंबे समय से रेट बढ़ाने की मांग की जा रही थी. एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया के मुताबिक प्रदूषण जांच का शुल्क कम से कम 150 रुपये होना चाहिए. क्योंकि इतने कम शुल्क से स्टाफ, बिजली के बिल आदि का खर्च नहीं निकल पाता है. ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्र चलाने में जेब से पैसा खर्च करना पड़ता है. पीछे एसोसिएशन ने अपनी मांग को लेकर हड़ताल भी की थी. सरकार ने उनकी मांगों के अनुसार रेट बढ़ाने को कहा था लेकिन सिर्फ 35 प्रतिशत तक ही शुल्क बढ़ाया गया. इसके विरोध में पेट्रोल पंप पर बने प्रदूषण जांच केंद्र बंद हैं.

वाहनों के प्रदूषण की जांच का शुल्क कब कितना बढ़ा.

सालपेट्रोल, सीएनजी/एलपीजीप्रदूषण जांच का शुल्क
2005दो और तीन पहिया वाहन35 रुपये
2011दो और तीन पहिया वाहन60 रुपये
2024 दो और तीन पहिया वाहन80 रुपये
साल पेट्रोल, सीएनजी/एलपीजीप्रदूषण जांच का शुल्क
2005 चार पहिया या इससे ऊपर वाहन 45 रुपये
2011 चार पहिया या इससे ऊपर वाहन 80 रुपये
2024चार पहिया या इससे ऊपर वाहन 110 रुपये

डीजल से चलने वाले चार पहिया या उससे ऊपर के वाहन के प्रदूषण के जांच का शुल्क 2005 में 60 रुपये, 2011 में 100 रुपये था और अब 2024 में 140 रुपये कर दिया गया है.

700 प्रदूषण जांच केंद्र बंद, रोजाना हजारों गाड़ियों का एक्सपायर हो रहा सर्टिफिकेटः दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर करीब 700 प्रदूषण जांच केंद्र हैं. दिल्ली में रोजाना करीब 10 से 12 हजार वाहनों के प्रदूषण अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट एक्सपायर होते हैं. पेट्रोल पंप पर बने जांच केंद्रों से रोजाना करीब 7 से 8 हजार लोग अपने वाहनों के प्रदूषण के जांच कराकर सर्टिफिकेट बनवाते हैं. 15 जुलाई से हड़ताल चल रही है. 17 जुलाई तक 20 हजार से अधिक वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट एक्सपायर हो गए. अब ये वाहन बिना वैध सर्टिफिकेट के चल रहे हैं. बता दें कि पीयूसी सर्टिफिकेट न होने पर दिल्ली में 10 हजार रुपये का चालान भी है. ऐसे में लोग बिना वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के चलने में भी डर रहे हैं.

क्यों सरकार डीपीडीए की मांगे नहीं मान रही?: दिल्ली सरकार दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की मांगे मानने के मूड में नहीं दिख रही है. सरकार का दावा ये भी है की प्रदूषण बड़ी समस्या है. ज्यादा शुल्क बढ़ाने से कहीं ऐसा न हो कि लोग प्रदूषण की जांच ही न कराएं. यदि लोग वाहनों के प्रदूषण की जांच नहीं कराएंगे तो पर्यावरण को नुकसान होगा. सर्दियों में दिल्ली समेत पूरा एनसीआर गैस का चेंबर बन जाता है. हवा में प्रदूषण का स्तर सामान्य से आठ गुना ज्यादा तक पहुंच जाता है.

सरकार लोगों से अन्य जांच केंद्रों पर जांच कराने की कर रही अपील: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि पेट्रोल पंपों के अलावा अन्य स्थानों पर भी दिल्ली सरकार के 300 प्रदूषण जांच केंद्र है. इनकी सूची transport.delhi.gov.in/transport/list पर उपलब्ध है. इसके अतिरिक्त और भी प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे. सरकार इसकी तैयारी कर रही है. इसके लिए अभी से दिल्ली सरकार की ओर से काम शुरू कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- पीयूसी केंद्रों की हड़ताल से वाहन चालक परेशान, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने लोगों से कही ये बातें

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Last Updated : Jul 17, 2024, 8:42 PM IST

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