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दिल्ली पुलिस ने अल्प्राजोलम बनाने वाली अवैध फैक्‍ट्री का किया भंडाफोड़, यूपी के गजरौला में चल रही थी फैक्ट्री, 5 गिरफ्तार - Illegal Manufaturing of Alprazolam

ILLEGAL ALPRAZOLAM FACTORY: दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर अल्प्राजोलम बनाने वाली अवैध फैक्ट्री का भंड़ाफोड़ किया है. इस दौरान भारी मात्रा में 1570 किलोग्राम साइकोट्रोपिक पदार्थ जो अल्प्राजोलम के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाता है वो, कच्चा माल भी बरामद किया है.

यूपी के गजरौली में चल रही थी फैक्ट्री, 5 गिरफ्तार
यूपी के गजरौली में चल रही थी फैक्ट्री, 5 गिरफ्तार (Source: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 30, 2024, 10:09 AM IST

नई द‍िल्ली: द‍िल्‍ली पुल‍िस की स्‍पेशल सेल की ट्रांस यमुना रेंज ने साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम की अवैध मैन्‍युफैक्‍चर‍िंग करने वाली यून‍िट का खुलासा किया है. स्‍पेशल सेल ने यूपी के गजरौला में ब‍िना क‍िसी लाइसेंस के चल रही इस अवैध फैक्‍ट्री का पर्दाफाश किया साथ ही इस फैक्ट्री के माल‍िक और रॉ मैटेर‍ियल की सप्‍लाई करने वाले सप्‍लायर को भी धरदबोचने में कामयाबी हास‍िल की है.

द‍िल्‍ली पुल‍िस की स्‍पेशल सेल की टीम ने यूपी की लोकल पुल‍िस और उत्तर प्रदेश के अमरोहा के ड्रग्‍स ड‍िपोर्टमेंट के अफसरों की मौजूदगी में फैक्‍ट्री की तलाशी ली. इस दौरान भारी मात्रा में 1570 किलोग्राम (1170 किलोग्राम साल्‍ट और 400 लीटर कैम‍िकल) साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कच्चा माल बरामद किया है. आरोप‍ियों की पहचान संजय कुमार शर्मा (44) और राजबीर उर्फ राजीव (38) के रूप में की गई है.

डीसीपी स्पेशल सेल (टीवाईआर) अमित कौशिक की देखरेख में एसीपी कैलाश सिंह बिष्ट के करीबी मार्गदर्शन में इंस्‍पेक्‍टर राहुल कुमार और इंस्‍पेक्‍टर व‍िनीत कुमार तेवत‍िया के नेतृत्‍व में टीम का गठन क‍िया गया था. टीम ने यूपी के गजरौला में साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम की अवैध मैन्‍युफैक्‍चर‍िंग करने वाली यून‍िट के मालिक संजय कुमार शर्मा को ग‍िरफ्तार करने में सफलता हास‍िल की थी जोक‍ि अंतरराज्‍यीय साइकोट्रोपिक पदार्थ आपूर्ति रैकेट को चला रहा था. अल्प्राजोलम बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का आपूर्तिकर्ता राजवीर उर्फ ​​राजीव कुमार को भी टीम ने बागपत के टटीरी गांव के वार्ड नं- 11, सर्वोदय हॉस्पिटल के पास से गिरफ्तार कर ल‍िया.

स्पेशल सेल की ट्रांस यमुना रेंज की टीम ने अंतरराज्यीय साइकोट्रोपिक पदार्थ आपूर्ति कार्टेल का 25 अप्रैल, 2024 को भंडाफोड़ करते हुए तीन लोगों नमित चौधरी, रचित और वंगा राजेंद्र गौड़ को पहले ही गिरफ्तार किया था. पता चला था क‍ि इस सिंडिकेट के मास्टरमाइंड संजय कुमार शर्मा ने टपकेश्वर मंदिर, ग्राम सलेमपुर गौसाई, गजरौला, उत्तर प्रदेश के पास साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम बनाने की अवैध फैक्ट्री स्थापित की थी. इसका अब स्‍थानीय पुल‍िस और यूपी के अमरोहा के औषधि विभाग के अधिकारियों के साथ म‍िलकर पर्दाफाश क‍िया है. अवैध तरीके से चलने वाली इस फैक्‍ट्री में भारी मात्रा में माल बरामद हुआ. ज‍िससे साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम का न‍िर्माण करने में इस्‍तेमाल क‍िया जाना था. अवैध चल रही इस फैक्‍ट्री में वह सभी इक्‍यूपमेंट लगे थे जोक‍ि लगे होने चाह‍िए. फैक्ट्री को सीज कर ल‍िया गया है. बताया जाता है क‍ि कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता बड़े पैमाने पर हैं. फैक्ट्री के मालिक को संजय कुमार शर्मा 14 मई को ग‍िरफ्तार क‍िया गया था. उसके पास किसी भी दवा या अलाप्राजोलम के निर्माण के लिए ड्रग विभाग से कोई लाइसेंस नहीं था.

संजय कुमार शर्मा की निशानदेही पर उसके घर से दो मोबाइल फोन जब्त किए गए, जिनका इस्तेमाल उसके सहयोगियों से संपर्क करने और कार्टेल चलाने के लिए किया जाता था. उसके कहने पर कच्चा माल के सप्लायर राजवीर उर्फ ​​राजीव कुमार को 18 मई 2024 को गिरफ्तार किया गया

यूपी के बिजनौर का रहने वाला है संजय कुमार
मूलरूप से यूपी के ब‍िजनौर ज‍िले के सिंघा गांव के रहने वाले संजय कुमार शर्मा (44) ने स्‍नातक तक की पढ़ाई की. आरोपी ने फार्मास्युटिकल मैन्‍युफैक्‍चर‍िंग कंपनी कुडोज़ ड्रग्स लिमिटेड और मेसर्स एस्टर ड्रग्स, डेरा बस्सी, पंजाब में भी काम किया था. यह कंपनी एंटीबायोटिक दवाएं बनाने का काम करने के साथ-साथ रिसर्च भी करती थी. आरोपी संजय को एस्टर ड्रग्स के उत्पादन और अनुसंधान एवं विकास यून‍िट में रसायनों और उनके संयोजन का अच्छा ज्ञान अर्ज‍ित हो गया था. इसके बाद वह जुबिलेंट फार्मा, गजरौला (यूपी) में प्रोडक्शन यूनिट में काम करने लगा ज‍हां कई लोगों से कॉन्‍टेक्‍ट हुआ. संजय की खास द‍िलचस्‍पी प्रोडेक्‍शन से ज्‍यादा र‍िसर्च एंड डेवल्‍पमेंट में थी. इस वजह से उसका ध्‍यान नये प्रोडक्‍ट और कच्चा माल को कैसे बनाया जाए, इस पर ज्‍यादा रहता था. आरोपी ने यूपी के गजरौला स्थित जुबिलेंट फार्मा में करीब 11 से साढ़े 11 साल तक काम किया था.

आरोपी संजय कुमार शर्मा की मुलाकात एक शख्‍स (एक्स) से हुई, जिसने उसको अल्प्राजोलम बनाने का लालच दिया. बताया क‍ि एक छोटा सा प्लांट (फैक्ट्री) लगाकर विभिन्न कच्चे माल की मदद से इसको आसानी से तैयार किया जा सकता है. साल 2021 में उस शख्‍स की मदद से संजय ने एक फैक्ट्री लगा ली और कई प्रयासों के बाद प्लांट में अल्प्राजोलम पाउडर बनाने में सफलता हास‍िल की. इसके बाद आरोपी ने प्लांट (फैक्ट्री) का विस्तार द‍िया और अल्प्राजोलम को अच्‍छी कीमत पर बेचकर अच्छी रकम कमाना शुरू कर दिया. उसने अपनी ट्रेडिंग यूनिट को एस.एस. केम एंटरप्राइजेज का नाम द‍िया और आगे मार्केट में इसको चलाना शुरू कर द‍िया.

सिर्फ 9वीं पास है दूसरा आरोपी
दूसरा आरोपी राजबीर उर्फ राजीव (38) यूपी के बागपत ज‍िले के टटरी का रहने वाला है जोक‍ि सिर्फ 9वीं क्‍लास तक पढ़ा है. वह शॉप पर अपने प‍िता की मदद करता था. साल 2010 में उसने दिल्ली के मल्कागंज में स्‍थ‍ित एक केमिकल ट्रेडिंग कंपनी यानी केमसोल्व इंडिया में काम किया था जहां रासायनिक कच्चे माल का आयात और निर्यात किया जाता था. उसने वहां काम करते हुए एक्‍सपोर्ट-इंपोर्ट और कैम‍िकल सप्‍लाई से जुड़े सभी तरीके अच्‍छे से सीख ल‍िए थे. करीब 10 सालों तक काम करने के बाद उसने दिल्ली के स्वरूप नगर में एक गोदाम किराए पर ले ल‍िया और कैम‍िकल व कच्चे माल की ट्रेड‍िंग का कारोबार शुरू कर द‍िया. इस सभी माल का उपयोग दवाएं बनाने में किया जाता है. उसने केम वन नाम से अपनी ट्रेडिंग फर्म रज‍िस्‍टर्ड कराई और इंडियामार्ट के ऑनलाइन पोर्टल पर भी रज‍िस्‍ट्रेशन करवाकर ट्रेडिंग शुरू कर दी.

उसकी एक्स से बहुत पुरानी दोस्ती है, जिससे उसकी मुलाकात हरियाणा के सोनीपत में ड्रग फार्मा सेक्टर में हुई थी. एक्स ने उसे बताया कि वह फार्मास्युटिकल कंपनी में काम करता है और कीटनाशकों/दवाओं के निर्माण के लिए रसायनों में कच्चे माल आदि की जरूरत है. एक्स ने अपनी फार्मास्युटिकल कंपनी के लिए उससे रसायन खरीदना शुरू कर दिया. साल 2021 में एक शख्‍स (एक्स) ने ही राजबीर उर्फ ​​राजीव को संजय शर्मा से मिलवाया था और उसे संजय शर्मा की फैक्ट्री के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने का काम सौंपा. वह '2-अमीनो' और एसिटिहाइड्राज़ाइड सहित सभी कच्चे माल की सप्‍लाई बिना बिल/लेबल के करता था, क्योंकि ये दो सामग्रियां (इन्‍ग्रीडेंट्स) अल्प्राजोलम को डेवल्‍प करने के लिए अहम सामग्री हैं. उन्होंने बिना बिल के इन सामग्रियों की सप्‍लाई करने के ल‍िए डबल चार्ज वसूला. पकड़े गए व्यक्तियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और इस गिरोह के फरार लोगों की तलाश सरगर्मी से की जा रही है.

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द‍िल्‍ली पुल‍िस की स्‍पेशल सेल की टीम ने यूपी की लोकल पुल‍िस और उत्तर प्रदेश के अमरोहा के ड्रग्‍स ड‍िपोर्टमेंट के अफसरों की मौजूदगी में फैक्‍ट्री की तलाशी ली. इस दौरान भारी मात्रा में 1570 किलोग्राम (1170 किलोग्राम साल्‍ट और 400 लीटर कैम‍िकल) साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कच्चा माल बरामद किया है. आरोप‍ियों की पहचान संजय कुमार शर्मा (44) और राजबीर उर्फ राजीव (38) के रूप में की गई है.

डीसीपी स्पेशल सेल (टीवाईआर) अमित कौशिक की देखरेख में एसीपी कैलाश सिंह बिष्ट के करीबी मार्गदर्शन में इंस्‍पेक्‍टर राहुल कुमार और इंस्‍पेक्‍टर व‍िनीत कुमार तेवत‍िया के नेतृत्‍व में टीम का गठन क‍िया गया था. टीम ने यूपी के गजरौला में साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम की अवैध मैन्‍युफैक्‍चर‍िंग करने वाली यून‍िट के मालिक संजय कुमार शर्मा को ग‍िरफ्तार करने में सफलता हास‍िल की थी जोक‍ि अंतरराज्‍यीय साइकोट्रोपिक पदार्थ आपूर्ति रैकेट को चला रहा था. अल्प्राजोलम बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का आपूर्तिकर्ता राजवीर उर्फ ​​राजीव कुमार को भी टीम ने बागपत के टटीरी गांव के वार्ड नं- 11, सर्वोदय हॉस्पिटल के पास से गिरफ्तार कर ल‍िया.

स्पेशल सेल की ट्रांस यमुना रेंज की टीम ने अंतरराज्यीय साइकोट्रोपिक पदार्थ आपूर्ति कार्टेल का 25 अप्रैल, 2024 को भंडाफोड़ करते हुए तीन लोगों नमित चौधरी, रचित और वंगा राजेंद्र गौड़ को पहले ही गिरफ्तार किया था. पता चला था क‍ि इस सिंडिकेट के मास्टरमाइंड संजय कुमार शर्मा ने टपकेश्वर मंदिर, ग्राम सलेमपुर गौसाई, गजरौला, उत्तर प्रदेश के पास साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम बनाने की अवैध फैक्ट्री स्थापित की थी. इसका अब स्‍थानीय पुल‍िस और यूपी के अमरोहा के औषधि विभाग के अधिकारियों के साथ म‍िलकर पर्दाफाश क‍िया है. अवैध तरीके से चलने वाली इस फैक्‍ट्री में भारी मात्रा में माल बरामद हुआ. ज‍िससे साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम का न‍िर्माण करने में इस्‍तेमाल क‍िया जाना था. अवैध चल रही इस फैक्‍ट्री में वह सभी इक्‍यूपमेंट लगे थे जोक‍ि लगे होने चाह‍िए. फैक्ट्री को सीज कर ल‍िया गया है. बताया जाता है क‍ि कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता बड़े पैमाने पर हैं. फैक्ट्री के मालिक को संजय कुमार शर्मा 14 मई को ग‍िरफ्तार क‍िया गया था. उसके पास किसी भी दवा या अलाप्राजोलम के निर्माण के लिए ड्रग विभाग से कोई लाइसेंस नहीं था.

संजय कुमार शर्मा की निशानदेही पर उसके घर से दो मोबाइल फोन जब्त किए गए, जिनका इस्तेमाल उसके सहयोगियों से संपर्क करने और कार्टेल चलाने के लिए किया जाता था. उसके कहने पर कच्चा माल के सप्लायर राजवीर उर्फ ​​राजीव कुमार को 18 मई 2024 को गिरफ्तार किया गया

यूपी के बिजनौर का रहने वाला है संजय कुमार
मूलरूप से यूपी के ब‍िजनौर ज‍िले के सिंघा गांव के रहने वाले संजय कुमार शर्मा (44) ने स्‍नातक तक की पढ़ाई की. आरोपी ने फार्मास्युटिकल मैन्‍युफैक्‍चर‍िंग कंपनी कुडोज़ ड्रग्स लिमिटेड और मेसर्स एस्टर ड्रग्स, डेरा बस्सी, पंजाब में भी काम किया था. यह कंपनी एंटीबायोटिक दवाएं बनाने का काम करने के साथ-साथ रिसर्च भी करती थी. आरोपी संजय को एस्टर ड्रग्स के उत्पादन और अनुसंधान एवं विकास यून‍िट में रसायनों और उनके संयोजन का अच्छा ज्ञान अर्ज‍ित हो गया था. इसके बाद वह जुबिलेंट फार्मा, गजरौला (यूपी) में प्रोडक्शन यूनिट में काम करने लगा ज‍हां कई लोगों से कॉन्‍टेक्‍ट हुआ. संजय की खास द‍िलचस्‍पी प्रोडेक्‍शन से ज्‍यादा र‍िसर्च एंड डेवल्‍पमेंट में थी. इस वजह से उसका ध्‍यान नये प्रोडक्‍ट और कच्चा माल को कैसे बनाया जाए, इस पर ज्‍यादा रहता था. आरोपी ने यूपी के गजरौला स्थित जुबिलेंट फार्मा में करीब 11 से साढ़े 11 साल तक काम किया था.

आरोपी संजय कुमार शर्मा की मुलाकात एक शख्‍स (एक्स) से हुई, जिसने उसको अल्प्राजोलम बनाने का लालच दिया. बताया क‍ि एक छोटा सा प्लांट (फैक्ट्री) लगाकर विभिन्न कच्चे माल की मदद से इसको आसानी से तैयार किया जा सकता है. साल 2021 में उस शख्‍स की मदद से संजय ने एक फैक्ट्री लगा ली और कई प्रयासों के बाद प्लांट में अल्प्राजोलम पाउडर बनाने में सफलता हास‍िल की. इसके बाद आरोपी ने प्लांट (फैक्ट्री) का विस्तार द‍िया और अल्प्राजोलम को अच्‍छी कीमत पर बेचकर अच्छी रकम कमाना शुरू कर दिया. उसने अपनी ट्रेडिंग यूनिट को एस.एस. केम एंटरप्राइजेज का नाम द‍िया और आगे मार्केट में इसको चलाना शुरू कर द‍िया.

सिर्फ 9वीं पास है दूसरा आरोपी
दूसरा आरोपी राजबीर उर्फ राजीव (38) यूपी के बागपत ज‍िले के टटरी का रहने वाला है जोक‍ि सिर्फ 9वीं क्‍लास तक पढ़ा है. वह शॉप पर अपने प‍िता की मदद करता था. साल 2010 में उसने दिल्ली के मल्कागंज में स्‍थ‍ित एक केमिकल ट्रेडिंग कंपनी यानी केमसोल्व इंडिया में काम किया था जहां रासायनिक कच्चे माल का आयात और निर्यात किया जाता था. उसने वहां काम करते हुए एक्‍सपोर्ट-इंपोर्ट और कैम‍िकल सप्‍लाई से जुड़े सभी तरीके अच्‍छे से सीख ल‍िए थे. करीब 10 सालों तक काम करने के बाद उसने दिल्ली के स्वरूप नगर में एक गोदाम किराए पर ले ल‍िया और कैम‍िकल व कच्चे माल की ट्रेड‍िंग का कारोबार शुरू कर द‍िया. इस सभी माल का उपयोग दवाएं बनाने में किया जाता है. उसने केम वन नाम से अपनी ट्रेडिंग फर्म रज‍िस्‍टर्ड कराई और इंडियामार्ट के ऑनलाइन पोर्टल पर भी रज‍िस्‍ट्रेशन करवाकर ट्रेडिंग शुरू कर दी.

उसकी एक्स से बहुत पुरानी दोस्ती है, जिससे उसकी मुलाकात हरियाणा के सोनीपत में ड्रग फार्मा सेक्टर में हुई थी. एक्स ने उसे बताया कि वह फार्मास्युटिकल कंपनी में काम करता है और कीटनाशकों/दवाओं के निर्माण के लिए रसायनों में कच्चे माल आदि की जरूरत है. एक्स ने अपनी फार्मास्युटिकल कंपनी के लिए उससे रसायन खरीदना शुरू कर दिया. साल 2021 में एक शख्‍स (एक्स) ने ही राजबीर उर्फ ​​राजीव को संजय शर्मा से मिलवाया था और उसे संजय शर्मा की फैक्ट्री के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने का काम सौंपा. वह '2-अमीनो' और एसिटिहाइड्राज़ाइड सहित सभी कच्चे माल की सप्‍लाई बिना बिल/लेबल के करता था, क्योंकि ये दो सामग्रियां (इन्‍ग्रीडेंट्स) अल्प्राजोलम को डेवल्‍प करने के लिए अहम सामग्री हैं. उन्होंने बिना बिल के इन सामग्रियों की सप्‍लाई करने के ल‍िए डबल चार्ज वसूला. पकड़े गए व्यक्तियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और इस गिरोह के फरार लोगों की तलाश सरगर्मी से की जा रही है.

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