नई दिल्ली: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारत के निर्वाचन आयोग की ओर से जारी दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए जघन्य मामलों के वांछित/फरार आरोपियों और पैरोल जंपर्स का पता लगाने की कार्रवाई की जा रही है. डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक सब इंस्पेक्टर देवेंदर सिंह और कांस्टेबल रविंदर को ऐसे अपराधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने का जिम्मा सौंपा गया था. इस कड़ी में 2008 से फरार नजफगढ़ में हत्या के प्रयास के मामले में वांछित आरोपी नूर मोहम्मद के बारे में सुराग लगा. इसके बाद उसकी धरपकड़ के लिए एसीपी रमेश चंद्र लांबा के निगरानी में एक टीम का गठन किया गया.
आरोपी नूर मोहम्मद (47) अलग रह रही अपनी पत्नी की हत्या करने के प्रयास के मामले में जुलाई, 2006 से फरार चल रहा था. द्वारका कोर्ट ने नूर मोहम्मद को नवंबर, 2008 में भगोड़ा घोषित किया था. इसके बाद से पुलिस उसकी लगातार तलाश कर रही थी. आरोपी के खिलाफ नजफगढ़ थाने में आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज है.
पुलिस टीम ने ट्रैप बनाकर आरोपी को पकड़ाः आरोपी के बारे में ओर ज्यादा जानकारी एकत्र करने के लिए दिल्ली में रहने वाले असम के मूल निवासियों की मदद से नूर मोहम्मद के वर्तमान ठिकाने के बारे में जानकारी एकत्र की गई. आरोपी का सुराग लगने के बाद पुलिस टीम असम के दक्षिण सालमारा के मनकाचर पहुंची जो बांग्लादेश सीमा के बेहद करीब इलाका है. यह पूरा एरिया बहुत दुर्गम और जंगली है. इसके चलते टीम के ऑपरेशन के बारे में भनक लगने की प्रबल संभावना थी. इस तरह की स्थिति को ध्यान में रखते हुए टीम ने खुद को एक एनजीओ (लकड़ी काटने वालों की मदद करने वाले) के सदस्यों के रूप में पेश किया. इस दौरान टीम ने लगातार तीन दिनों तक इलाके में सिलसिलेवार तरीके से सर्वे किया जिसके बाद आरोपी नूर मोहम्मद की पहचान कर उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल की.
पत्नी पर किया था जानलेवा हमलाः डीसीपी के मुताबिक, आरोपी नूर मोहम्मद अलग रह रही पत्नी से वैवाहिक विवाद में समझौता करने के बहाने 17/18 जुलाई 2006 की मध्यरात्रि में उसके नजफगढ़ स्थित आवास पर गया था. दोनों के बीच झगड़ा हो गया था. इस दौरान नूर मोहम्मद ने गुस्सा होने के बाद अपनी पत्नी पर तेजधार हथियार से हमला कर दिया था. उसको मारने के इरादे से पत्नी के चेहरे और सिर पर हमला किया. इस हमले में वो गंभीर रूप से घायल हो गई. इसके बाद वह उसको मरणासन्न हालत में छोड़कर भाग गया. नजफगढ़ थाने में आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई.
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दूसरी पत्नी के साथ असम में रह रहा थाः आरोपी नूर मोहम्मद 1997 में रोजी रोटी की तलाश में असम से 1997 में दिल्ली आया था. दिल्ली के भोगल इलाके में कबाड़ी का काम करने वाले नूर ने साल 2000 में मुनीजा नामक महिला से शादी कर ली थी, लेकिन कुछ सालों बाद ही दोनों के वैवाहिक जीवन में विवाद खड़ा हो गया. इसके बाद वह दोनों अलग हो गए थे. अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारने के लिए आरोपी 2006 में उसके नजफगढ़ आवास पर समझौता करने के बहाने गया था.
इस घटना के बाद से वह दिल्ली से फरार होकर असम में शिफ्ट हो गया. यहां पर वह पुलिस से बचने के लिए अपने मूल स्थान से अलग छिपकर दूसरी पत्नी और बच्चों के साथ रह रहा था. इस जगह वह लकड़ी काटने का काम कर रहा था, जिसका पता लगने के बाद पुलिस ने पूरा जाल बिछाकर अब उसको अपनी गिरफ्त में ले लिया है. इस मामले में आगे की जांच की जा रही है.
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