नई दिल्लीः दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दिल्ली पुलिस को समय दे दिया है. एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को करने का आदेश दिया है. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की. अमित प्रसाद ने 18 मार्च तक जवाब दाखिल करने का भरोसा दिया, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को तय कर दी.
कोर्ट ने 28 फरवरी को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले लिया था और कहा था कि अब वे ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. उमर को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वो जेल में है. इससे पहले 18 अक्टूबर 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था.
हाईकोर्ट ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 के बीच हुई बैठकों का नतीजा थी, जिनमें उमर खालिद भी शामिल हुआ था. हाईकोर्ट ने कहा था कि खालिद का नाम साजिश की शुरुआत से लेकर दंगा होने तक आता रहा. वह व्हाट्सऐप ग्रुप डीपीएसजी और मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू का सदस्य था. उमर खालिद ने कई बैठकों में हिस्सा लिया. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर चार्जशीट पर भरोसा किया जाए तो ये साजिश की ओर साफ-साफ इशारा कर रहे हैं.
हाईकोर्ट ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र में होने वाले आम राजनीतिक प्रदर्शन की तरह नहीं था बल्कि ये एक खतरनाक था. इसके गंभीर परिणाम हुए. पुलिसकर्मियों पर महिला प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया, जिससे इलाके में दंगा फैला. जो निश्चित रूप से एक आतंकी कार्रवाई थी.
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