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दिल्ली में पकड़ा गया ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट, नामी अस्पताल की महिला डॉक्टर समेत 7 अरेस्ट, बांग्लादेश का है मास्टरमाइंड - Kidney Transplant Racket

Organ transplant racket busted: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भंडाफोड़ कर एक महिला डॉक्टर सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया हैं. गिरफ्तार महिला डॉक्टर का नाम विजया कुमारी है. वह दिल्ली के एक बड़े अस्पताल से जुड़ी थी.

दिल्ली में आर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश
दिल्ली में आर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 9, 2024, 11:44 AM IST

Updated : Jul 9, 2024, 1:28 PM IST

नई दिल्ली: पुलिस क्राइम ब्रांच द्वारा उजागर किए गए अंग प्रत्यारोपण रैकेट के मामले में एक महिला डॉक्टर सहित लगभग 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस के अनुसार गिरफ्तार महिला डॉक्टर का नाम विजया कुमारी है. वह दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में काम करती है. इस रैकेट में शामिल लोगों के संबंध बांग्लादेश में थे. वे प्रत्येक ट्रांसप्लांट के लिए 25-30 लाख रुपये लेते थे. डोनरऔर रिसीवर दोनों बांग्लादेश से थे. वे 2019 से ऑर्गन रैकेट चला रहे हैं.

2019 से चल रहा था रैकेट: दिल्ली पुलिस के अनुसार इस रैकेट में शामिल लोगों के संबंध बांग्लादेश से जुड़े थे. यह गिरोह प्रत्येक ट्रांसप्लांट डोनेट करने वालों को 4 से 5 लाख रूपये देते थे. वहीं, दूसरी तरफ किडनी लेने वालों से 25 से 30 लाख रुपये लिए जाते थे. पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का उनका यह अवैध काम 2019 से चला रहा था. लेकिन पुलिस को इनके इस अवैध धंधे के बारे में गुप्त सूचना मिली. जिस सूचना के बाद क्राइम ब्रांच ने इस अवैध धंधे का भंडाफोड़ किया.

दिल्ली और हरियाणा में बाल तस्करी रैकेट का भंडाफोड़: एक अन्य मामले में, दो महीने से अधिक समय पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली और हरियाणा में सात स्थानों पर तलाशी लेकर पूरे भारत में शिशुओं की तस्करी में शामिल एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था. सीबीआई ने 10 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया

यह भी पढ़ें- '181 हेल्पलाइन को आदमी चला रहे, लड़कियां आवाज सुनकर ही फोन रख देंगी', जानिए स्वाति मालीवाल ने और क्या कहा ?

जांच में यह भी पता चला कि तस्कर गोद लेने के उद्देश्य से शिशुओं की खरीद-फरोख्त और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल थे. आरोपियों ने फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों का इस्तेमाल करके पूरे भारत में निःसंतान दंपतियों से जुड़ने की कोशिश की, जो बच्चे गोद लेना चाहते थे. एक रिपोर्ट के अनुसार, बाद में संदिग्धों ने निःसंतान दंपतियों को फर्जी गोद लेने के दस्तावेज देकर उनसे बड़ी रकम ठगी.

यह भी पढ़ें- डेंगू पर एक्शन मोड में दिल्ली सरकारः अस्पतालों को निर्देश, डेंगू के मरीजों के लिए र‍िजर्व रखें बेड, वर्तमान स्थिति की पूरी डिटेल दें

नई दिल्ली: पुलिस क्राइम ब्रांच द्वारा उजागर किए गए अंग प्रत्यारोपण रैकेट के मामले में एक महिला डॉक्टर सहित लगभग 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस के अनुसार गिरफ्तार महिला डॉक्टर का नाम विजया कुमारी है. वह दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में काम करती है. इस रैकेट में शामिल लोगों के संबंध बांग्लादेश में थे. वे प्रत्येक ट्रांसप्लांट के लिए 25-30 लाख रुपये लेते थे. डोनरऔर रिसीवर दोनों बांग्लादेश से थे. वे 2019 से ऑर्गन रैकेट चला रहे हैं.

2019 से चल रहा था रैकेट: दिल्ली पुलिस के अनुसार इस रैकेट में शामिल लोगों के संबंध बांग्लादेश से जुड़े थे. यह गिरोह प्रत्येक ट्रांसप्लांट डोनेट करने वालों को 4 से 5 लाख रूपये देते थे. वहीं, दूसरी तरफ किडनी लेने वालों से 25 से 30 लाख रुपये लिए जाते थे. पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का उनका यह अवैध काम 2019 से चला रहा था. लेकिन पुलिस को इनके इस अवैध धंधे के बारे में गुप्त सूचना मिली. जिस सूचना के बाद क्राइम ब्रांच ने इस अवैध धंधे का भंडाफोड़ किया.

दिल्ली और हरियाणा में बाल तस्करी रैकेट का भंडाफोड़: एक अन्य मामले में, दो महीने से अधिक समय पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली और हरियाणा में सात स्थानों पर तलाशी लेकर पूरे भारत में शिशुओं की तस्करी में शामिल एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था. सीबीआई ने 10 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया

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जांच में यह भी पता चला कि तस्कर गोद लेने के उद्देश्य से शिशुओं की खरीद-फरोख्त और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल थे. आरोपियों ने फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों का इस्तेमाल करके पूरे भारत में निःसंतान दंपतियों से जुड़ने की कोशिश की, जो बच्चे गोद लेना चाहते थे. एक रिपोर्ट के अनुसार, बाद में संदिग्धों ने निःसंतान दंपतियों को फर्जी गोद लेने के दस्तावेज देकर उनसे बड़ी रकम ठगी.

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Last Updated : Jul 9, 2024, 1:28 PM IST
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