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Delhi: दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 14 नवंबर को, जानें कहां होगा मतदान?

-दिल्ली मेयर का चुनाव 14 नवंबर को घोषित. -मेयर चुनाव पर भाजपा ने केजरीवाल सरकार को बताया दलित विरोधी.

14 नवंबर को होगा दिल्ली के नए मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव
14 नवंबर को होगा दिल्ली के नए मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 4, 2024, 7:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर जो कानूनी अड़चन थी वो अब दूर हो गई है. ऐसे में दिल्ली नगर निगम के नए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी गई है. नगर निगम के सचिव सेवा प्रसाद द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, नए मेयर का चुनाव 14 नवंबर को दोपहर 2 बजे नगर निगम मुख्यालय में होगा. दिल्ली नगर निगम के तीसरे कार्यकाल में दलित के लिए मेयर का पद रिजर्व है.

नगर निगम के सचिव सेवा प्रसाद द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, नगर निगम के महापौर और उपमहापौर का चुनाव नगर निगम की साधारण बैठक में किया जाएगा. साधारण बैठक 14 नवंबर 2024 को दोपहर 2 बजे अरुणा आसफ अली ऑडिटोरियम में आयोजित की जाएगी.

भाजपा ने केजरीवाल सरकार को बताया दलित विरोधी: मेयर चुनाव तारीख की घोषणा पर नगर निगम के नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आखिरकार भाजपा का संघर्ष रंग लाया. भाजपा के दवाब में आम आदमी पार्टी ने 14 नवंबर को महापौर चुनाव की अनुमति दी. लेकिन, दलित समाज आप द्वारा किए गए अन्याय को याद रखेगा. 7 माह तक आम आदमी पार्टी ने दलित महापौर को सीट पर बैठने से रोका. उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि आम आदमी पार्टी की दलित विरोधी मानसिकता से दलित महापौर को सिर्फ तीन माह का कार्यकाल मिलेगा.

नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि केजरीवाल सरकार की इस करतूत से दलित समाज नाराज है. जिसका जवाब दिल्ली की जनता अगामी विधानसभा चुनाव में आप को हराकर देगी. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने सड़क से लेकर सदन तक आदमी पार्टी को महापौर चुनाव कराने के लिए मजबूर किया, नहीं तो महापौर की मंशा दलित का हक मारकर 2027 तक सीट पर बैठे रहने की थी.

इस वजह से टला था चुनाव: बता दें, दिल्ली नगर निगम के नए मेयर का चुनाव अप्रैल में होना था. लेकिन उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने की वजह से पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई. जिसकी वजह से मेयर का चुनाव टल गया. केजरीवाल के इस्तीफा के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी आतिशी निभा रही है. ऐसे में अब पीठासीन अधिकारी के नियुक्ति की कानूनी अर्चन हट गई है. हालांकि, भाजपा की तरफ से लगातार आरोप लगाया जा रहा था कि आम आदमी पार्टी दलित मेयर नहीं बनना चाहती है, जिसकी वजह से वह मेयर चुनाव नहीं कर रही है.

ये भी पढ़ें:

  1. Delhi: शैली ओबेरॉय ने किया ऐलान, MCD की अगली बैठक में होगा नए मेयर का चुनाव
  2. Delhi: दलित मेयर का चुनाव ना कराने को लेकर बीजेपी का प्रदर्शन, महापौर कार्यालय का किया घेराव

नई दिल्ली: दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर जो कानूनी अड़चन थी वो अब दूर हो गई है. ऐसे में दिल्ली नगर निगम के नए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी गई है. नगर निगम के सचिव सेवा प्रसाद द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, नए मेयर का चुनाव 14 नवंबर को दोपहर 2 बजे नगर निगम मुख्यालय में होगा. दिल्ली नगर निगम के तीसरे कार्यकाल में दलित के लिए मेयर का पद रिजर्व है.

नगर निगम के सचिव सेवा प्रसाद द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, नगर निगम के महापौर और उपमहापौर का चुनाव नगर निगम की साधारण बैठक में किया जाएगा. साधारण बैठक 14 नवंबर 2024 को दोपहर 2 बजे अरुणा आसफ अली ऑडिटोरियम में आयोजित की जाएगी.

भाजपा ने केजरीवाल सरकार को बताया दलित विरोधी: मेयर चुनाव तारीख की घोषणा पर नगर निगम के नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आखिरकार भाजपा का संघर्ष रंग लाया. भाजपा के दवाब में आम आदमी पार्टी ने 14 नवंबर को महापौर चुनाव की अनुमति दी. लेकिन, दलित समाज आप द्वारा किए गए अन्याय को याद रखेगा. 7 माह तक आम आदमी पार्टी ने दलित महापौर को सीट पर बैठने से रोका. उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि आम आदमी पार्टी की दलित विरोधी मानसिकता से दलित महापौर को सिर्फ तीन माह का कार्यकाल मिलेगा.

नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि केजरीवाल सरकार की इस करतूत से दलित समाज नाराज है. जिसका जवाब दिल्ली की जनता अगामी विधानसभा चुनाव में आप को हराकर देगी. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने सड़क से लेकर सदन तक आदमी पार्टी को महापौर चुनाव कराने के लिए मजबूर किया, नहीं तो महापौर की मंशा दलित का हक मारकर 2027 तक सीट पर बैठे रहने की थी.

इस वजह से टला था चुनाव: बता दें, दिल्ली नगर निगम के नए मेयर का चुनाव अप्रैल में होना था. लेकिन उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने की वजह से पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई. जिसकी वजह से मेयर का चुनाव टल गया. केजरीवाल के इस्तीफा के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी आतिशी निभा रही है. ऐसे में अब पीठासीन अधिकारी के नियुक्ति की कानूनी अर्चन हट गई है. हालांकि, भाजपा की तरफ से लगातार आरोप लगाया जा रहा था कि आम आदमी पार्टी दलित मेयर नहीं बनना चाहती है, जिसकी वजह से वह मेयर चुनाव नहीं कर रही है.

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