नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद से अब तक जोनल कमेटियों और स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त को एल्डरमैनों की नियुक्ति का अधिकार उपराज्यपाल को दे दिया था. अब शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला देते हुए मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने एमसीडी सेक्रेटरी को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि वह चुनाव प्रक्रिया को शुरू करवाएं.
मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने पत्र में साफ और स्पष्ट किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के 5 अगस्त के उस निर्णय का अनुपालन करते हुए वार्ड समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ-साथ वार्ड समिति से स्टैंडिंग कमेटी के लिए चुने जाने वाले एक-एक सदस्य का चुनाव भी करवाएं. मेयर ने डीएमसी एक्ट-1957 (संशोधन 2022) के प्रावधानों का हवाला भी दिया है, जिसके तहत तुरंत चुनाव प्रक्रिया शुरू की जाए.
अब तक नहीं बन पाई है स्टैंडिंग कमेटीः 12 जोनल कमेटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ-साथ स्टैंडिंग कमेटी का गठन अभी तक नहीं हो पाया है. वहीं, दिल्ली नगर निगम का तीसरा साल मेयर पद के लिए अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले निगम पार्षद के लिए आरक्षित होता है. अभी तक इस कैटेगरी के लिए मेयर चुनाव भी नहीं हो पाया है. वर्तमान मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ही अभी तक पिछले दो टर्म पूरे होने के बाद नए मेयर के नहीं चुने जाने की वजह से पद पर बनी हुई हैं. मेयर चुनाव को लेकर भी मामला फंसा हुआ है, जिसको लेकर दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और एलजी कार्यालय कई बार आमने-सामने भी आ चुके हैं.
दिसंबर 2022 में हुआ था MCD का चुनावः दिसंबर, 2022 में दिल्ली नगर निगम चुनाव में 250 सीटों में से 134 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की थी और निगम में सरकार बनाई थी. वर्तमान में निगम सदन में दलीय संख्या की बात करें तो बीजेपी के पास निगम चुनाव में 106 पार्षद हैं. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उसके पक्ष में 10 मनोनीत एल्डरमैन भी हो गए हैं. इसके अलावा उसके 7 लोकसभा सांसद और 1 दिल्ली विधानसभा से मनोनीत सदस्य विधायक भी है. आम आदमी पार्टी के पास विधानसभा से मनोनीत 13 विधायक और 3 राज्यसभा सांसद भी हैं. मेयर चुनाव के दौरान सभी मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार होता है. कांग्रेस के पास 8 पार्षद हैं.
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