नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रो. इकबाल हुसैन को जामिया यूनिवर्सिटी के कार्यकारी कुलपति के पद पर नियुक्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया है. साथ ही जस्टिस तुषार राव गडेला ने जामिया यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद पर एक हफ्ते में नियुक्ति करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि प्रोफेसर इकबाल हुसैन की प्रो वाइस चांसलर के पद पर नियुक्ति अवैध थी. इसलिए उनकी कार्यकारी कुलपति के पद पर भी नियुक्ति गैरकानूनी है.
कोर्ट ने कहा कि प्रोफेसर इकबाल को 14 सितंबर 2023 को प्रो वीसी के पद पर नियुक्ति का आदेश अवैध था. कोर्ट ने कहा कि प्रोफेसर इकबाल का जब प्रो वीसी के पद पर नियुक्ति अवैध था तो 12 नवंबर 2023 को जामिया यूनिवर्सिटी के कार्यकारी कुलपति के पद पर नियुक्ति भी अवैध है. याचिका मोहम्मद शमी अहमद अंसारी और अन्य लोगों ने दायर किया था.
14 सितंबर 2023 को जामिया यूनिवर्सिटी की तत्कालीन कुलपति नजमा अख्तर ने प्रो. इकबाल हुसैन को प्रो वीसी नियुक्त किया था. अख्तर के सेवानिवृत्त होने के बाद 12 नवंबर 2023 को रजिस्ट्रार ने नोटिफिकेशन जारी कर इकबाल हुसैन को जामिया यूनिवर्सिटी का कार्यकारी कुलपति नियुक्त किया था. याचिका में कहा गया था कि प्रोफेसर इकबाल हुसैन को प्रो वीसी और फिर बाद में कार्यकारी कुलपति नियुक्त करने का फैसला जामिया मिलिया एक्ट और यूजीसी के प्रावधानों का उल्लंघन कर किया गया था.
हाईकोर्ट ने कहा कि तत्कालीन कुलपति नजमा अख्तर को प्रो वीसी के पद पर नियुक्ति के पहले उम्मीवार का नाम कार्यकारी परिषद के समक्ष स्वीकृति के लिए रखना था. अगर उस नाम पर कोई असहमति होती को उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता, लेकिन प्रो. इकबाल हुसैन की नियुक्ति के मामले में ऐसा कुछ नहीं किया गया.
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