नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पड़ोसी की पत्नी की मर्यादा भंग करने के दो आरोपियों को गुरुद्वारा रकाबगंज में एक महीने सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने दोनों आरोपियों को अपने अपने इलाके में 20-20 पेड़ लगाने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि दोनों आरोपी गुरुद्वारा रकाबगंज में सुबह नौ बजे पहुंचेंगे और गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से सौंपे गए कार्य को पूरा करेंगे. एक महीने पूरे होने पर दोनों आरोपी गुरुद्वारा की ओर से एक प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे और कोर्ट के आदेश की अनुपालना के लिए कोर्ट में दाखिल करेंगे.
कोर्ट ने दोनों आरोपियों को सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में 25-25 हजार रुपए जमा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को निर्देश दिया कि वे अपने अपने इलाके में 20-20 पेड़ लगाएं और उनकी देखभाल करें. कोर्ट ने कहा कि किसी को भी कोर्ट को हल्के में नहीं लेना चाहिए और उसे अपनी गलती का एहसास होना चाहिए. दरअसल 2014 में दोनों आरोपियों ने अपने पड़ोसी पर हमला किया था और पड़ोसी की पत्नी के खिलाफ गंदी और भद्दी बातें कही थीं. घटना के बाद पीड़ित महिला ने पुलिस से शिकायत की थी जिसके बाद एफआईआर दर्ज किया गया था.
इस मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता भी हो गया था. समझौते के आधार पर दोनों आरोपियों ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने कहा कि समझौता होने के बावजूद आरोपियों को छोड़ा नहीं जा सकता है. उनकी गलती का एहसास कराने के लिए उन्हें सामुदायिक सेवा करनी होगी.
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