नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के आरोपी अरुण पिल्लई को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. इससे पहले हाईकोर्ट ने 27 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
ईडी ने अरुण पिल्लई को 6 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था. पिल्लई पर आरोप है कि उसने दूसरे आरोपी समीर महेंद्रू से रिश्वत की रकम इकट्ठा कर दूसरे आरोपियों को दिया था. कोर्ट ने 3 जून को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया था. 27 अगस्त को इस मामले की आरोपी और बीआरएस नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी के मामले में नियमित जमानत दी थी. पिल्लई को कविता का करीबी बताया जाता है.
ईडी ने इस मामले में दाखिल पूरक चार्जशीट में अरुण पिल्लई और अमनदीप ढल को आरोपी बनाया है. चार्जशीट में कहा गया है कि पिल्लई ने जांच के दौरान झूठा बयान दिया. पिल्लई ने साक्ष्यों को नष्ट करने में भी अहम भूमिका निभाई है. दो साल में उसने पांच मोबाइल फोन नष्ट किए.
ईडी के मुताबिक, जांच के दौरान अरुण पिल्लई घोटाले के दौरान इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन पेश नहीं कर सका था. पिल्लई के पास जो फोन था, उसमें लोगों से बातचीत का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला था. इससे साफ है कि उसने साक्ष्यों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई. पिल्लई पर आरोप है कि उसने दूसरे आरोपी समीर महेंद्रू से रिश्वत की रकम इकट्ठा कर दूसरे आरोपियों को दिया.
2022 में खत्म की गई थी नीति : ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला सीबीआई की एफआईआर से उपजा है. सीबीआई और ईडी के अनुसार वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे खत्म कर दिया.
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