नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की नालियों के जाम होने पर गौर करते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से विस्तृत जानकारी मांगी है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने नरेश कुमार से ये भी पूछा कि जाम नालियों की सफाई में कितना समय लगेगा. मामले की अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी. याचिका दायर करने वालो में दिल्ली के कुछ नागरिक और वकील शामिल हैं.
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में बारिश होने के बाद नालियों के जाम होने से रोड पर बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाती है. पानी घरों और दफ्तरों में प्रवेश कर जाता है. याचिका में कहा गया है कि मानसून के पहले नालों की सफाई नहीं की जाती है. कुछ जगह नालों की सफाई भी की जाती है तो उसका कचरा सड़क पर ही छोड़ दिया जाता है. ये कचरा अगली बारिश होते ही फिर से नाले में चला जाता है.
ये भी पढ़ें: AIBE Exam Datesheet: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीसीआई को प्रत्येक वर्ष पूर्व-निर्धारित टाइम टेबल जारी करने को कहा
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली को नए मास्टर प्लान की जरूरत है ताकि ऐसे मामलों का हल किया जा सके. कोर्ट ने कहा कि इन नालियों को रातों-रात साफ नहीं किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में 3.3 करोड़ आबादी रहती है, ऐसे में पूरी चीजें नए सिरे से बनानी होंगी. सुनवाई के दौरान कुछ वकीलों ने कहा कि उनका दफ्तर डिफेंस कालोनी में है, जहां इस बरसात में पानी घुस गया और उनका प्रिंटर और कंप्यूटर बर्बाद हो गए.
सुनवाई के दौरान कोटला मुबारकपुर और गढ़ी गांव में बाढ़ के हालात का भी जिक्र किया गया. तब कोर्ट ने कहा कि जो भी बेहतर होगा वह किया जाएगा. सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव नरेश कुमार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए. उन्होंने कहा कि डिफेंस कालोनी में नालों की सफाई की जाएगी. खुले नालों की सफाई पहले ही हो चुकी है. उसके बाद कोर्ट ने पूछा कि आप हमें हलफनामा में समय बताइए कि नालों की सफाई में कितना समय लगेगा?
ये भी पढ़ें: भरोसा देने के बावजूद बीसीआई ने पिछले नौ महीने में नहीं उठाया कोई कदम, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस