नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को विदेश जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों के हितों की सुरक्षा की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वो विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों की सुरक्षा और उनके हितों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश बनाने की मांग पर प्रतिवेदन की तरह विचार करें.
कार्यकारी चीफ जस्टिस विभू बाखरु की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ये नीतिगत मसला है, लेकिन याचिकाकर्ता की मांग पर विदेश मंत्रालय को विचार करना चाहिए. याचिका प्रवासी लीगल सेल नामक एनजीओ ने दायर किया था.
याचिकाकर्ता की ओर से वकील बासिल जैसन ने याचिका में कहा था कि इमिग्रेशन एक्ट के तहत जो वर्तमान प्रक्रिया है उसमें विदेश जाने वाले छात्रों को कोई सुरक्षा नहीं मिल पाती है. ये एक्ट रोजगार के लिए विदेश जाने वालों पर केंद्रित किया गया है और इससे भारतीय छात्रों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसे में उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों के लिए हमेशा ही रिस्क रहता है.
याचिका में कहा गया था कि विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों को काफी प्रताड़ित किया जाता है. कई छात्रों के साथ धोखाधड़ी की शिकायतें मिलती हैं. उनके साथ एजेंट से लेकर शैक्षणिक संस्थाओं तक की ओर से धोखाधड़ी की जाती है. विदेश जाने वाले छात्रों को दाखिला लेने से लेकर कोर्स चुनने और आवासीय सुविधाओं तक में धोखाधड़ी का शिकार बनाया जाता है. ऐसे में एक पर्याप्त सुरक्षा देने वाले प्रावधान की जरुरत है, ताकि छात्रों को सुरक्षा मिल सके. याचिका में इमिग्रेशन एक्ट में संशोधन करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी.
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