नई दिल्ली: उत्तर जिले के गुलाबी बाग इलाके में स्थित रोडलाइंस कंपनी के ऑफिस में हुई डकैती का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. शुक्रवार रात छह-सात बदमाशों ने साढ़े 3 करोड़ रुपए के डकैती को अंजाम दिया था. पुलिस ने आज इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से पुलिस ने बड़ी मात्रा में लूट की रकम बरामद की है.
जानकारी के अनुसार, गुलाबी बाग के किशनगंज की नई बस्ती में बीकानेर-आसाम रोडलाइंस कंपनी के ऑफिस में बीते शुक्रवार को कुछ नकाबपोश बदमाशों ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया था. जिस वक्त बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया उस समय ऑफिस में सभी कर्मचारी काम कर रहे थे. वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों की संख्या 6 से 7 बताई गई थी. इस लूटपाट की घटना की सूचना कंपनी के मैनेजर भंवरलाल की ओर से पुलिस को दी गई थी.
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इस शिकायत पर पुलिस ने डकैती और दूसरी अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश में जुट गई थी. पुलिस को सीसीटीवी कैमरे फुटेज खंगालने से पता चला था कि आरोपियों ने रैपिडो से बाइक बुक की थी और कई आरोपी कार से भी पहुंचे थे. इस पूरी वारदात को सुलझाने में गुलाबी बाग थाने के अलावा स्पेशल स्टाफ समेत कुल 5 अलग-अलग टीमें जुटी थीं जिसको अब बड़ी कामयाबी हाथ लगी है.
इस दौरान पुलिस टीम को पता चला कि बदमाश वारदात को अंजाम देने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ भागे थे. इस वारदात को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की गई कार के रजिस्ट्रेशन नंबर के बारे में खास जानकारी पुलिस टीम के हाथ लगी थी. अब पुलिस ने इस पूरे मामले को सुलझाने का दावा किया है.
गांव का 'सरपंच' रह चुका अपराधी 20 साल बाद गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच-II की टीम ने एक ऐसे घोषित अपराधी को गिरफ्तार किया है जो 20 साल से ज्यादा के समय से पुलिस की पकड़ से बाहर चल रहा था. आरोपी की पहचान रोशन (62) के रूप में की गई है. वह मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिले का रहने वाला है. करीब 42 साल की उम्र से आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाला आरोपी रोशन नारनौंद के कापरो गांव का रहने वाला है और वहां का 'सरपंच' भी रह चुका है. क्राइम ब्रांच को आरोपी रोशन की तलाश 2004 से जुड़े उस मामले में थी जिसमें शादी समारोह में शामिल होने के लिए पालम रेलवे स्टेशन से ट्रेन में चढ़ने वाले दिल्ली के एक परिवार के ब्रीफकेस में रखे सोने और चांदी के आभूषणों पर हाथ साफ कर दिया था. इस मामले में घटना के वक्त आम लोगों की मदद से एक आरोपी राजकुमार को भागने से पहले ही पकड़ लिया गया था. लेकिन फरार आरोपी रोशन दो दशक बाद पुलिस की पकड़ में आया है.
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