नई दिल्ली: दिल्ली के विभिन्न विभागों में अनुबंध और आउटसोर्सिंग पर कार्य कर रहे कर्मचारियों की जगह दिल्ली सरकार ने इन पदों पर स्थायी भर्ती करने की तैयारी कर ली है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने अपने सभी विभागों से ऐसे पदों का विवरण मांगा है, जिनपर अनुबंध या आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी काम कर रहे हैं.
दिल्ली सरकार के सेवा विभाग की ओर से विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों, बोर्डों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्थानीय और स्वायत्त निकायों को पत्र लिखकर पदों पर अस्थायी कर्मचारियों का विवरण मांगा है. अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक किन-किन पदों पर अस्थायी कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसका विवरण मिलने के बाद प्रक्रिया के तहत इन पदों पर स्थायी कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी.
भर्ती की इस प्रक्रिया में वर्तमान में जो कर्मचारी अस्थायी या आनुंबंध पर विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं. वह भी आवेदन कर सकते हैं. इससे वह दिल्ली सरकार में स्थायी कर्मचारी हो सकेंगे. अधिकारियों के मुताबिक पिछले डेढ़ साल में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में 22,000 से अधिक स्थायी भर्तियां की गई हैं.
मई 2022 से मई 2023 के बीच 15,367 पद मुख्य रूप से शिक्षा विभाग में अस्थायी कर्मचारी रखे गए है. वहीं, एनडीएमसी ने केंद्र सरकार की मदद से करीब 4,500 कर्मचारियों. प्रिंसिपल और वाइस-प्रिंसिपल के 324 पदों पर यूपीएससी के माध्यम से कर्मचारी रखे गए थे. इतना ही नहीं दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (डीटीसी), श्रम विभाग, दिल्ली अग्निशमन सेवा में 500 पद, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में 50 पद पर अस्थायी कर्मचारी रखे गए थे. राज निवास के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना अस्थायी की जगह स्थायी नियुक्तियों पर जोर दे रहे हैं.
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सेवा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली अधीनस्थ कर्मचारी चयन बोर्ड ने भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इससे परीक्षाएं समय पर आयोजित हो सकेंगी. साथ ही परीक्षा का परिणाम 6 से 8 महीनें में घोषित कर दिया जाएगा, जबकि पहले परीक्षा का परिणाम आने में करीब 12 महीने लगते थे.
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