नई दिल्ली: दिल्ली वालों को नए वित्त वर्ष में दिल्ली सरकार प्रदत्त बिजली की सब्सिडी मिलती रहे, इस संबंध में 7 मार्च को कैबिनेट से स्वीकृत प्रस्ताव मंजूरी के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेज दी गई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली सब्सिडी को लेकर सात मार्च को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी. जिसमें नए वित्त वर्ष में दिल्ली वालों को मिल रही बिजली सब्सिडी जारी रखने का फैसला लिया गया था. दिल्ली सरकार उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक पूरी सब्सिडी देती है. वहीं, 200 से 400 यूनिट खर्च करने वाले लोगों को बिल का 50 फ़ीसदी या अधिकतम 800 रुपये की सब्सिडी प्राप्त होती है.
शनिवार को दिल्ली विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी बिजली सब्सिडी देकर दिल्ली की जनता को सुविधा प्रदान कर रही है. यह समानता की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है. जब देश के प्रधानमंत्री मुफ्त बिजली का उपयोग कर रहे हैं तो एक आम जनता को भी मुफ्त बिजली मिले यह उसका अधिकार है.
गत वर्ष दिल्ली वालों को मुफ्त व सब्सिडी दर पर मिल रही बिजली के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा था कि कई लोगों ने कहा कि वे सक्षम हैं, उन्हें फ्री बिजली नहीं चाहिए. इसलिए अब हम लोगों से पूछेंगे कि क्या उन्हें बिजली बिल में सब्सिडी चाहिए? अगर वे कहेंगे कि चाहिए तो हम देंगे और वे कहेंगे नहीं चाहिए तो हम नहीं देंगे. इसके बाद गत एक अक्टूबर से दिल्ली में उन्हीं लोगों को बिजली की सब्सिडी दी जा रही, जो सब्सिडी मांगे थे.
बता दें कि दिल्ली में 54.5 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 27 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हर महीने 200 यूनिट बिजली का उपयोग करते हैं. ऐसे में इनका बिल शून्य होता है. सरकार 201-400 यूनिट की खपत करने वाले लगभग 15.5 लाख उपभोक्ताओं के बिजली शुल्क में 50 प्रतिशत सब्सिडी देती है. बिजली सब्सिडी का लाभ उठाने वाले घरेलू उपभोक्ता लगभग 86 प्रतिशत है. बिजली सब्सिडी मद में दिल्ली सरकार करीब तीन हज़ार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष खर्च करती है.