नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आए दिन डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के साथ होने वाली मारपीट और झगड़े की घटनाओं रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने कई सख्त कदम उठाने की तैयारी की है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सेक्रेटरी की ओर से सभी अस्पतालों के चिकित्सा निदेशकों, चिकित्सा अधीक्षकों और विभागाध्यक्षों को सख्त आदेश दिए हैं कि वह अस्पतालों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम और साफ सफाई सुनिश्चित करवाएं.
सेक्रेटरी ने डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए एक पूरा सिक्योरिटी प्लान तैयार करने के लिए भी आदेश दिए हैं, जिसको 6 सितंबर तक सभी अस्पतालों में लागू भी करवाना अनिवार्य होगा.
हेल्थ सेक्रेटरी की मीटिंग में अस्पताल परिसर, वार्ड और खासकर डॉक्टर के उस एरिया में जहां वह इलाज करते हैं, वहां की सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करना अनिवार्य बताया है. स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार की ओर से सभी अस्पतालों के चिकित्सा निदेशकों और चिकित्सा अधीक्षकों को आदेश दिए हैं कि वह अस्पताल के सिक्योरिटी इंचार्ज, संबंधित फैकल्टी मेंबर्स जिसमें रेजिडेंट डॉक्टर्स और पुलिस अथॉरिटीज आदि के साथ मिलकर अस्पताल की सुरक्षा को किस तरह से पुख्ता किया जा सकता है इसको लेकर एक पूरा सिक्योरिटी प्लान तैयार करें. इस संबंध में एक रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मुख्यालय को भी भेजी जाए.
स्वास्थ्य सचिव की ओर से इस प्लान को न केवल तैयार करने बल्कि 6 सितंबर से इसको लागू करने के भी सख्त आदेश दिए हैं. साथ ही यह भी आदेश दिए गए हैं कि हर 15 दिनों के भीतर सिक्योरिटी प्लान को लेकर रिव्यू किया जाएगा और उसमें और क्या चीज शामिल की जा सकती हैं, स्टैकहोल्डर के साथ बातचीत कर उन सभी इनपुट्स को समाहित किया जाएगा.
अस्पतालों को सीसीटीवी कैमरों से करें पूरी तरह से लैस
इसके अलावा, सभी अस्पतालों को सीसीटीवी कैमरों से पूरी तरीके से लैस करने के आदेश भी दिए गए हैं जिसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए. इसके लिए सभी अस्पतालों में एक कंट्रोल रूम सेटअप तैयार करने के आदेश भी दिए गए हैं जहां पर सीसीटीवी कैमरों की फीड को प्राप्त किया जा सकेगा और यह कंट्रोल रूम 24x 7 संचालित रहेंगे. इसके अलावा एक अलार्म सिस्टम को भी सिक्योरिटी प्लान में शामिल करने के लिए आदेश दिए गए हैं जिसका एक्सेस कंट्रोल रूम, चिकित्सा अधीक्षकों/चिकित्सा निदेशकों के रूम और उन सभी को दिया जा सके जिनको सिक्योरिटी प्लान तैयार करने के दौरान जरूरी समझा जाता है.
सिक्योरिटी गार्डों को प्रॉपर तरीके से करें ट्रेंड
स्वास्थ्य सचिव की मीटिंग के दौरान इस बात पर खास बल दिया गया है कि अस्पताल में अनावश्यक तौर पर एंट्री करने वाले अटेंडेंट को किस तरीके से रोका जा सके. इसके लिए सभी चिकित्सा निदेशकों/अधीक्षकों को सख्त आदेश दिए गए हैं कि मरीज के साथ सिर्फ एक ही अटेंडेंट को अस्पताल के अंदर प्रवेश दिया जाए. साथ ही उन सभी सिक्योरिटी गार्डों को प्रॉपर तरीके से ट्रेंड किया जाए जोकि खास तौर पर अस्पताल के मेन गेट और रजिस्ट्रेशन एरिया के एंट्रेंस पर पोस्टेड किए जाते हैं जिससे कि अनावश्यक/अनधिकृत लोगों के प्रवेश को रोका जा सकेगा.
इतना ही नहीं आम लोगों की अनावश्यक एंट्री को रोकने के लिए और मेडिकल स्टाफ की पहचान सुनिश्चित करने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया गया है. स्वास्थ्य सचिव की ओर से आदेश दिए गए हैं कि सभी अस्पताल कर्मियों को आइडेंटी कार्ड इश्यू किए जाएं और सभी अस्पताल स्टॉफ जिसमें फैकल्टी/डॉक्टर/नर्स/पैरामेडिकल और अन्य स्टॉफ आदि शामिल हैं, सभी को अस्पताल परिसर में रहते हुए इसको पहनना जरूरी सुनिश्चित किया जाए.
अस्पताल परिसर में पास सिस्टम को सख्ती से करें लागू
इसके अलावा, अस्पताल में आम लोगों और मरीज के अटेंडेंट की अनावश्यक एंट्री रोकने के लिए बनाए जाने वाले नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए और उनको बिना अनुमति के अस्पताल परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाए. नियमों के मुताबिक सिर्फ एक मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट के प्रवेश की अनुमति दी जाए और ओपीडी/आईपीडी को अलग रखा जाए और इसको पेशेंट/अटेंडेंस के साथ मिक्स नहीं किया. वही प्रॉपर पास सिस्टम को सख्ती के साथ लागू कराया जाए जिसमें एक पेशेंट के साथ एक अटेंडेंट ही रहे और केवल एक्सेप्शनल परिस्थितियों में ही डीएमएस/एएमएम और अन्य जिनको एमएस और एमडी की तरफ से ऑथराइज किया जाता है, उनकी अनुमति के बाद ही एक से ज्यादा अटेंडेंट की अनुमति दी जाए.
सिर्फ बुजुर्ग-बीमार के साथ दो तीमारदार की अनुमति
स्वास्थ्य सचिव की ओर से सभी अस्पतालों के प्रमुखों को यह भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अस्पताल के एंट्रेंस, रजिस्ट्रेशन की जगह और अन्य उन सभी खास जगहों पर पोस्टर डिस्प्ले किए जाएं जहां पर इस तरह की जानकारी आम लोगों के लिए उपलब्ध हो. बुजुर्ग और बीमार मरीज के अस्पताल आने की स्थिति में सिर्फ दो अटेंडेंट को ही अनुमति हो. इसके अलावा अस्पताल परिसर में घूमने वाले अटेंडेंस पर भी सख्ती बरती जाए और इसकी अस्पताल परिसर में लगातार एएमएस/डीएमएस और अन्य जो ऑथराइज्ड अथॉरिटी बनाई गई है, उनकी तरफ से लगातार यह सब चेकिंग की जाएं जिससे कि अस्पताल परिसर में कोई अनऑथराइज्ड पर्सन नहीं ठहर सकेगा.
सीसीटीवी कैमरों की फंक्शनिंग सुनिश्चित करने के आदेश
अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरा की व्यवस्था को सुनिश्चित करने पर ज्यादा फोकस किया गया है. आमतौर पर सभी सीसीटीवी कैमरों की फंक्शनिंग सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही जहां पर अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत है, वहां पर अतिरिक्त कैमरे लगाए जाएं और अगर कहीं पर पहले से लगे हुए सीसीटीवी कैमरे पुराने हो गए हैं और उनकी रेजोल्यूशन कम रिकॉर्ड की जा रही है तो उनकी रिप्लेसिंग/अपग्रेडेशन की जाए.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी एस के जैन की ओर से जारी किए गए ऑर्डर में सभी एमएस/एमडी/एचओडी को सख्ती के साथ इन आदेशों लागू करने को कहा गया है. साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से आग्रह किया गया है कि वह सभी संबंधित इंजीनियरों को निर्देश दें कि अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरों के इंस्टॉल और अपग्रेडेशन का अच्छे से जांच पड़ताल कर इसको सुनिश्चित करें.
अस्पताल सिक्योरिटी प्लान की खास बातें
- सिक्योरिटी इंचार्ज, फैकल्टी मेंबर्स मसलन रेजिडेंट डॉक्टर्स और पुलिस अथॉरिटीज आदि के साथ मिलकर सुरक्षा प्लान बनाएं.
- हर 15 दिनों के भीतर सिक्योरिटी प्लान का रिव्यू किया जाए.
- स्टैकहोल्डर के साथ बातचीत करके इनपुट्स मिलने पर उसको शामिल करें.
- सभी अस्पतालों में 24x 7 संचालित होने वाला एक कंट्रोल रूम सेटअप तैयार किया जाए.
- सीसीटीवी कैमरों की फीड कंट्रोल रूम को प्राप्त करने की व्यवस्था सुनिश्चित हो.
- कंट्रोल रूम, चिकित्सा अधीक्षकों/चिकित्सा निदेशकों के रूम को भी कंट्रोल रूम का एक्सेस दिया जाए.
- अस्पताल के मेन गेट और रजिस्ट्रेशन एरिया के एंट्रेंस पर पोस्टेड सिक्योरिटी गार्डों को प्रॉपर तरीके से ट्रेंड किया जाए.
- सभी अस्पताल कर्मियों को आइडेंटी कार्ड इश्यू किए जाएं.
- अस्पताल परिसर में रहते हुए ड्यूटी के दौरान सभी को आईडी कार्ड पहनना जरूरी सुनिश्चित करें.
- सीसीटीवी कैमरों की फंक्शनिंग सुनिश्चित करने के साथ जरूरत वाली जगहों पर अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाएं.
- पहले से लगे सीसीटीवी कैमरे पुराने हो गए या रेजोल्यूशन कम रिकॉर्ड कर रही तो रिप्लेसिंग/अपग्रेडेशन की जाए.
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