नई दिल्ली: दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आंनद ने पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार उपराज्यपाल वीके सक्सेना से राजनिवास पहुंच कर मुलाकात की. राजकुमार आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की वजह से अभी तक मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एलजी से मुलाकात करने के पीछे उनका पहला मकसद यह था कि वह जान सकें कि उनके इस्तीफे का स्टेटस क्या है ? कहा कि उन्हें अपने पद से त्याग पत्र दिए एक महीना हो चुका है लेकिन अभी तक उसकी स्थिति का पता नहीं है.
दूसरा उन्होंने एलजी से अनुरोध किया है कि इस बार किसी दलित महिला को दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया जाए. स्वाति मालीवाल के राज्सभा सांसद बनने के बाद से दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष पद खाली है. ऐसा करने से दलित और वंचित महिलाएं अध्यक्ष के सामने अपनी बातों को खुलकर रख सकें. इस पर एलजी साहब को संज्ञान लेना चाहिए. इसके साथ ही राजकुमार आंनद ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह SC/ST कल्याण निधि का पैसा पूरा खर्च नहीं करती. पिछले 9 साल में हजारों करोड़ों रुपये दूसरे विभाग को डायवर्ड कर दिए.
यह भी पढ़ें-नई दिल्ली से BJP प्रत्याशी बांसुरी स्वराज ने चुनावी हलफनामे में दिया संपत्ति का ब्यौरा
राजकुमार आनंद ने कहा कि दलितों के मुद्दों की वजह से मैंने इस्तीफा दिया है. क्योंकि मंत्री रहते हुए मैं यहां काम नहीं कर पाया जो दलित समाज के लिए करना था. महिला आयोग उसमें दलित महिला का होना बहुत जरूरी है. अगर एक दलित महिला महिला आयोग की अध्यक्ष होगी तो दलित, पीड़ित महिलाएं अध्यक्ष के सामने खुलकर अपनी बातों को रख सकेंगी.
राजकुमार आनंद ने चुनाव को लेकर कहा कि मैं किसी पार्टी और किसी उम्मीदवार की तरफ नहीं जा रहा हूं और ना ही भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन कर रहा हूं. हम लोग आम आदमी पार्टी में इसलिए आए थे कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा. लेकिन निराशा हाथ लगी. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर लवली के इस्तीफे पर राजकुमार आनंद ने कहा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को गठबंधन नहीं करना चाहिए था. आम आदमी पार्टी कांग्रेस को गाली देकर यहां पहुंची थी. आज कांग्रेस का वोटर आम आदमी पार्टी को कैसे वोट देगा जिसने कांग्रेस को गाली दी थी.
यह भी पढ़ें-भाजपा प्रत्याशी योगेंद्र चांदोलिया ने किया नामांकन, पत्नी, बेटा-बहू, पोते सब हैं लखपति